निर्धनों, वंचितों और समाज के शोषितों के न्याय प्रदाता राजा ग्वेल
डॉ. मोहन चंद तिवारी
राजा ग्वेल देवता खुशहाल,समतावादी और न्यायपूर्ण, राज्य व्यवस्था के प्रतिमान हैं. राजा ग्वेलदेव ने समाज के रसूखदारों और दबंगों को खबरदार करते हुए कहा मेरे राज्य में कोई भी बलवान निर्बल को और धनवान निर्धन को नहीं सता सकता-
“न दुर्बलं कोऽपि बली मनुष्यो,
बलेन बाधेत मदीयराज्ये.”
ज्योतिष
कुमाऊंनी दुदबोली के रचनाकार लोककवियों और स्थानीय जागर गाथाओं को आधार बनाकर आधुनिक संस्कृत साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् डा.हरिनारायण दीक्षित जी ने अपने महाकाव्य ‘श्रीग्वल्लदेवचरितम्’ में न्यायकारी महानायक ग्वेल देवता के जिस चरित्र का महामंडन किया है वह आधुनिक युगबोध की भ्रष्टाचार और शोषणपूर्ण राज्य व्यवस्था से सीधे संवाद करने वाला अति उत्तम महाकाव्य है.
ज्योतिष
यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हमारे स्कूल और कालेज के राजनीतिशास्त्र के विद्द्यार्थियों को यूनान और मिश्र की मृत सभ्यत...