चम्‍पावत

हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम हैं बग्वाल मेला : सीएम धामी

हमारी लोक संस्कृति, आस्था और परंपराओं का संगम हैं बग्वाल मेला : सीएम धामी

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रक्षाबंधन के अवसर पर देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले विश्व प्रसिद्ध बग्वाल मेले में प्रतिभाग कर विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने मुख्यमंत्री रक्षाबंधन के अवसर पर चंपावत जिले के देवीधुरा स्थित मां वाराही धाम में लगने वाले बगवाल मेले में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मां वाराही मंदिर में घंटी चढ़ाई तथा राज्य की खुशहाली एवं तरक्की की कामना की. मुख्यमंत्री, मां वाराही धाम में चार खाम सात थोक के बीच फलों फूलों से खेले जाने वाले विश्व प्रसिद्ध पाषाण युद्ध के साक्षी बने. इस वर्ष पाषाण युद्ध करीब 11 मिनट तक चला. इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि रीठा में रतिया नदी में बाढ़ सुरक्षा का निर्माण कार्य एवं वैकल्पिक एप्रोच रोड का निर्माण कार्य किया जायेगा एवं मानसखण्ड कॉरीडोर के अन्तर्गत वाराही मंदिर के छूटे हुये अवस्थापना कार्यों क सम्मिलित किया जायेगा. मुख्यमंत्री न...
प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए का रखा जाए लक्ष्य : मुख्यमंत्री

प्रदेश में सेब का सालाना टर्नओवर 200 करोड़ से बढ़ाकर 2000 करोड़ रुपए का रखा जाए लक्ष्य : मुख्यमंत्री

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आदर्श चंपावत की परिकल्पना को जिले के प्रगतिशील युवा कास्तकार भी कर रहे हैं साकार : सीएम मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह ने कहा कि चंपावत में कोका-कोला इंडिया और इंडो डच हॉर्टिकल्चर टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड (आईडीएचटी) प्रोजेक्ट उन्नति एप्पल को सफल बनाने में महत्वपूर्ण साझेदारी निभा रहे हैं. गोरलचोड़ निकट ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड सदन नई दिल्ली से वर्चुवल रूप से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा की “उन्नति एप्पल परियोजना“ इस बात का शानदार उदाहरण है कि किस प्रकार सामूहिक प्रयासों से कृषि परिवर्तन को बढ़ावा मिल सकता है. इस पहल की सफलता हमारे किसानों की दृढ़ता और कड़ी मेहनत का परिणाम है. इस परियोजना से प्रदेश में सेब के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है. इस परियोजना से चंपावत में सेब की खेती करने वाले किसानों में आए सकारात्मक बदलावों के प...
अनूठी पहल: फ्रांस से उच्च शिक्षा ग्रहण कर नीरज ने ठानी पहाड़ की राह

अनूठी पहल: फ्रांस से उच्च शिक्षा ग्रहण कर नीरज ने ठानी पहाड़ की राह

चम्‍पावत
रिवर्स माइग्रेशन की पेश की मिसाल   चम्पावत के पाटी ब्लॉक में स्थित सुदूर ग्राम करौली निवासी नीरज जोशी ने फ्रांस से उच्च शिक्षा ग्रहण कर अपनी पैतृक भूमि पर होमस्टे का निर्माण कर गांव में रोजगार के स्रोतों को विकसित कर रिवर्स माइग्रेशन की मिसाल कायम की.  नीरज की प्राथमिक व माध्यमिक शिक्षा गोशन स्कूल नानकमत्ता व जवाहर नवोदय विद्यालय रुद्रपुर एवं उच्च शिक्षा डी०एस०बी० कैंपस नैनीताल (B.Sc.), पंतनगर विश्विद्यालय पंतनगर (M.Sc.) एवं मोंटपेलियर सुपएग्रो फ्रांस (M.S.) से हुई. नीरज ने अधिकांश समय महानगरों की चकाचोंद में बिताने के पश्च्यात, 30 वर्षों से पूर्वजों द्वारा छोड़ी गयी बंजर भूमि को आबाद करने का निर्णय लिया. विगत तीन वर्षों से लगातार विभिन्न विभागों के सहयोग से, वे कृषि सम्बंधित कार्यों का विश्लेषण कर आय के स्रोतों का लाभ ग्रामीणों को साझा कर पहाड़ों से हो रहा पलायन को रोकने का अथक प्रयास कर...
चम्पात: 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिरी

चम्पात: 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिरी

चम्‍पावत
चंपावत जिले में सुबह-सुबह हादसा हो गया. 12 जवानों को लेकर जा रही आईटीबीपी की बस खाई में गिर गई. राहत-बचाव कार्य में जारी है. प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंच गई है. जानकारी के अनुसार सभी जावन सुरक्षित है. गुरुवार सुबह टनकपुर-पिथौरागढ़ हाईवे परआईटीबीपी की बस हादसे का शिकार हो गई. आईटीबीपी की 14वीं वाहिनी की बस 12 जवानों को लेकर पिथौरागढ़ के जाजरदेवल जा रही थी. तभी बस खाई में लुढ़कने वक्त पेड़ में अटकने से बड़ा हादसा बच गया. प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच चुकी है. राहत और बचाव कार्य किया जा रहा है. जख्मी जवानों का सिन्याड़ी से पांच किमी दूर चल्थी के सरकारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. सभी जवान खतरे से बाहर बताए जा रहे हैं....
सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

चम्‍पावत
कमलेश चंद्र जोशी उत्तराखंड के युवा हमेशा से ही भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दिये जाने के लिए जाने जाते रहे हैं. खासकर गरीब व मध्यम परिवारों के बच्चे जब अपनी ऑफिसर because ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना की पासिंग आउट परेड से गुजरते हैं तो वह क्षण न सिर्फ देश व राज्य के लिए गौरव का पल होता है बल्कि उन अफसरों के माता-पिता के लिए जिंदगी बदलने वाला सबसे अनमोल पल भी होता है जिनके लिए सेना में अफसर होना एक तरह का स्वप्न जैसा है. हर वर्ष ‘इंडियन मिलिट्री अकादमी’ (IMA) से ऐसे सैकड़ों ऑफ़िसर because निकलते हैं जो राष्ट्र की सेवा के लिए ट्रेनिंग ले रहे होते हैं. पासिंग आउट परेड इस वर्ष की पासिंग आउट परेड के बाद देश को 341 जाबांज अफसर मिले हैं जिनमें से 37 उत्तराखंड राज्य से ही हैं. ऑफिसर बनने के इस सफर का सबका अपना-अपना संघर्ष व दुश्वारियाँ होती हैं because लेकिन जब कोई बच्चा उत्तराखंड के किसी जि...