आपने अक्सर ही काले और हरे अंगूर (Black and Green Grapes) खाए होंगे, ये दोनों ही अंगूर सेहत और स्वाद दोनों में अच्छे होते हैं। काले अंगूर पोटैशियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और विटामिन सी के अच्छे सोर्स होते हैं। वही हरे अंगूर में कार्ब्स, प्रोटीन, फाइबर, विटामिन सी और विटामिन के भरपूर पाया जाता है।
सेहत
हल्दी का (turmeric for hair) इस्तेमाल मसालों के रूप में काफी ज्यादा किया जाता है। लगभग हर भारतीय घरों में हल्दी आसानी से मिल जाएगा। खाने के अलावा स्किन की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए भी कई लोग हल्दी का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं हल्दी का इस्तेमाल बालों पर भी किया […]
हृदय हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। स्वस्थ रहने के लिए दिल को हेल्दी (Healthy Heart) रखना जरूरी होता है। अगर हमारा हृदय स्वस्थ रहता है, तो हम भी ताउम्र स्वस्थ रह सकते हैं। हृदय धमनियों के माध्यम से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों से भरपूर रक्त को ऊतकों और शरीर के अन्य हिस्सों तक […]
पुरुष हो या महिला छुहारा हर किसी के लिए फायदेमंद होता है। इसके सेवन से बदलते मौसम में होने वाली समस्याएं जैसे- सर्दी-जुकाम, बुखार, इंफेक्शन इत्यादि ( chhuhare benefits) से बचाव किया जा सकता है। लेकिन क्या आपने छुहारे के साथ दूध का सेवन किया है? अक्सर बड़े-बुजुर्गों को दूध में छुहारे उबालकर खाने की […]
मासिक धर्म स्वच्छता दिवस (28 मई) पर विशेष नीलम पांडेय ‘नील’ कुछ सालों पहले उत्तराखण्ड के गाँवों में कोई नई दुल्हन जब ससुराल में प्रवेश करती थी – उसकी पहली माहवारी, जिसे लोक भाषा में धिंगाड़ होना, छूत होना, अलग होना, because दिन होना या मासिक आदि नामों से जाना जाता है, के लिए एक […]
विश्व होम्योपैथी दिवस पर विशेष डॉ. दीपा चौहान राणा होम्योपैथी (Homeopathy) एक विज्ञान का कला चिकित्सा पद्धति है. होम्योपैथिक दवाइयां किसी भी स्थिति या बीमारी के इलाज के लिए प्रभावी हैं; बड़े पैमाने पर किए गए अध्ययनों में होमियोपैथी को प्लेसीबो से अधिक प्रभावी पाया गया है. चिकित्सा के जन्मदाता सैमुएल हैनीमेन (Dr. Christian Friedrich Samuel Hahnemann) हैं, इनका जन्म […]
नितीश डोभाल “नमक स्वाद अनुसार” because आपने ये बात कहीं न कहीं जरूर सुनी होगी और इसी से हमको नमक की जरूरत का भी पता चलता है. सदियों से नमक हमारे भोजन का बड़ा ही महत्वपूर्ण अंग रहा है. खाने की ज्यादातर चीजों में नमक का प्रयोग ही इसकी उपयोगिता को सिद्ध करने के लिए […]
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (10 अक्टूबर) पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र बचपन से यह कहावत सुनते आ because रहे हैं “जब मन चंगा तो कठौती में गंगा” यानी यदि मन प्रसन्न हो तो अपने पास जो भी थोड़ा होता है वही पर्याप्त होता है. पर आज की परिस्थितियों मन चंगा नहीं हो पा रहा है […]
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