देहरादून

प्रवासी उत्तराखंडी हैं देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर : मुख्यमंत्री

प्रवासी उत्तराखंडी हैं देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर : मुख्यमंत्री

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  “विकास भी, विरासत भी” के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है राज्य - धामी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को दून विश्वविद्यालय में राज्य स्थापना के रजत रजत जयंती समारोह के अंतर्गत आयोजित “प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन” का शुभारंभ किया. इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आई आपदाओं में जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि स्वरूप एक मिनट का मौन भी रखा गया. सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि की संस्कृति, परंपराओं और मातृभूमि के गौरव को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा रहे हैं. प्रवासी उत्तराखंडी देवभूमि के सच्चे ब्रांड एम्बेसडर हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की विशिष्ट लोक संस्कृति, भाषा और बोली में झलकने वाली आत्मीयता हमें विश्वभर में जोड़ती है. उन्होंने कहा कि प्रवासी उत्तराखंडी जहां भी रहते हैं, अपने साथ देवभूमि की संस्कृति और अपनी मिट्टी की सुगं...
फिल्म “फ़्योंली… पर्वत की बेटी” का मुहूर्त: पहाड़ की शिक्षा, संघर्ष और सपनों की कहानी को मिलेगी सिनेमाई अभिव्यक्ति

फिल्म “फ़्योंली… पर्वत की बेटी” का मुहूर्त: पहाड़ की शिक्षा, संघर्ष और सपनों की कहानी को मिलेगी सिनेमाई अभिव्यक्ति

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 हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनइगास पर्व के शुभ अवसर पर देहरादून जनपद के प्रसिद्ध लेखक गांव में आज हिमालयन फ़िल्म्स के बैनर तले निर्मित होने जा रही फ़िल्म “फ़्योंली… पर्वत की बेटी” का विधिवत मुहूर्त सम्पन्न हुआ. पुस्तकालय भवन में फ़िल्माए गए प्रथम दृश्य के साथ इस परियोजना ने अपनी औपचारिक शुरुआत की. मुहूर्त कार्यक्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ तथा उत्तराखंड फ़िल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी नितिन उपाध्याय ने नारियल फोड़कर और क्लैप देकर फ़िल्म का शुभारंभ किया.संघर्षों से सपनों की उड़ान- फ़िल्म की मूल भावना डॉ. निशंक ने फ़िल्म टीम को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह फ़िल्म हिमालयी समाज में शिक्षा और संघर्षों के बीच आगे बढ़ती एक बेटी की प्रेरक यात्रा को दर्शाएगी. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने क्षेत्रीय भाषाओं के साथ-साथ हिंदी...
इगास: लोक आस्था, सांस्कृतिक गौरव और उत्तराखंड की सामूहिक चेतना का पर्व

इगास: लोक आस्था, सांस्कृतिक गौरव और उत्तराखंड की सामूहिक चेतना का पर्व

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 हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनमुख्यमंत्री आवास में इगास–बूढ़ी दीवाली का पर्व इस वर्ष परंपरा, उत्साह और सांस्कृतिक अस्मिता के अद्भुत संगम के रूप में मनाया गया. राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आयोजित इस भव्य उत्सव ने पर्वतीय संस्कृति की रूनक–झूनक को राजधानी तक पहुंचा दिया. मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इगास केवल एक पर्व नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा और सामूहिक भावना का प्रतीक है. “हमारी लोक परंपराएं हमारी सबसे बड़ी धरोहर हैं; इन्हें संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा सामूहिक दायित्व है”.    लोकधुनों से गुंजायमान परिसर उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों से आए लोक कलाकारों ने हारुल, झूमेंलो, चांचरी, थड़िया और जागर जैसी पारंपरिक प्रस्तुतियों के माध्यम से उत्सव को ज...
‘अश्वघोष स्मरण काव्यांजलि’ में कवियों, साहित्यकारों का लगा जमावड़ा

‘अश्वघोष स्मरण काव्यांजलि’ में कवियों, साहित्यकारों का लगा जमावड़ा

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हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनहिन्दी के मूर्धन्य कवि स्व0 अश्वघोष की प्रथम पुण्य तिथि दिनांक 26 अक्टूबर, 2025 को ओएनजीसी ऑफिसर्स क्लब, देहरादून में उनके परिवार द्वारा आयोजित ‘अश्वघोष स्मरण काव्यांजलि’ का भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ. उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध चित्रकार एवं ग़ज़लकार श्री विज्ञान व्रत ने की तथा कार्यक्रम का संयोजन सुप्रसिद्ध गीतकार डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र द्वारा किया गया. देश के विभिन्न प्रान्तों एवं नगरों से पधारे साहित्यकारों द्वारा उक्त कार्यक्रम में प्रतिभाग किया गया. दीप प्रज्ज्वलन से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ तथा मंचासीन अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया गया. इस अवसर पर डॉ. अश्वघोष के पुराने चल-चित्रों एवं पूर्व रिकाॅर्डिड वीड़ियोज़ को स्क्रीन पर प्रदर्शित कर उनकी स्मृतियों का ताज़ा किया गया तथा डॉ. पीयूष निगम व श्री अरूण भट्ट द्वारा डॉ. अश्वघोष की ग़ज़लों व गीतों का गाय...
राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने जताई चिंता, मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन ने पेश किया भविष्य का विज़न

राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने जताई चिंता, मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन ने पेश किया भविष्य का विज़न

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हिमालय बचाओ: जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समक्ष सतत विकास का संकल्पहिमांतर ब्यूरो, देहरादूनहिमालय की चोटियां केवल बर्फ और पत्थर नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और पारिस्थितिक आत्मा की प्रतीक हैं. लेकिन आज यही हिमालय जलवायु परिवर्तन की मार से कराह रहा है. इसी गंभीर मुद्दे पर मोल्यार रिसोर्स फाउंडेशन द्वारा गुरु नानक कॉलेज, देहरादून में एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई, “हिमालय बचाओ – जलवायु परिवर्तन की चुनौती के समक्ष सतत विकास”. कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन से हुआ, जो ज्ञान, स्थिरता और पर्यावरण चेतना का प्रतीक था. इस अवसर पर दुर्गा सिंह भंडारी और पेरिधि भंडारी ने मुख्य अतिथि डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, प्रसिद्ध पर्यावरणविद्, पद्मश्री और पद्मभूषण सम्मानित का स्वागत किया.मुख्य अतिथि डॉ. जोशी ने अपने सारगर्भित संबोधन में कहा कि जलवायु परिवर्तन आज एक वैश्विक संकट बन चुक...
देहरादून में संस्कृति सम्मान से सम्मानित हुए प्रख्यात लेखक एस आर हरनोट

देहरादून में संस्कृति सम्मान से सम्मानित हुए प्रख्यात लेखक एस आर हरनोट

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सम्मान में 2 लाख 51 हजार की नकद राशि के साथ सम्मान चिन्ह से अंगवस्त्र हरनोट ने हिमाचल को समर्पित किया यह सम्मान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजित 'नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान' समारोह में प्रतिभाग किया. मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी संस्कृति सम्मान से हिमाचल के वरिष्ठ साहित्यकार एस.आर हरट को सम्मानित किया. प्रख्यात साहित्यकार और सोशल एक्टिविस्ट एस आर हरनोट को उत्तराखंड लोक समाज द्वारा, सोशल बलूनी पब्लिक स्कूल, देहरादून में आयोजित एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय संस्कृति सम्मान से नवाजा गया. पुरस्कार में सम्मान चिन्ह, प्रशस्ति पत्र और अंगवस्त्र के साथ 2 लाख 51 हजार रुपए की नकद राशि भी दी गई. उत्तराखंड लोक समाज के बैनर तले विभिन्न संगठन मिलकर यह सम्मान प्रदान करते हैं. लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी के अद्वितीय योगदान को देखते हुए उनके...
फुलवारी: देहरादून में साहित्य और संस्कृति का संगम

फुलवारी: देहरादून में साहित्य और संस्कृति का संगम

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22वीं पुस्तक बैलेड्स ऑफ इंडियाना: अल्मंडा टू चेट्टीनाड की चर्चाशीशपाल गुसाईंदेहरादून के शांत और सौंदर्यपूर्ण परिवेश में बसा फुलवारी, जो उत्तराखंड की पहली महिला मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और पूर्व डीजीपी अनिल रतूड़ी का निवास है, शनिवार शाम को साहित्य और संस्कृति का एक जीवंत केंद्र बना. यहाँ आयोजित 22वीं पुस्तक चर्चा ने एक बार फिर साहित्यप्रेमियों के दिलों को छू लिया. इस बार चर्चा का केंद्र थी हिमांतर प्रकाशन द्वारा प्रकाशित लेखिका मंजू काला की पुस्तक “बैलेड्स ऑफ इंडियाना: अल्मंडा टू चेट्टीनाड”, जो भारत की सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता को एक सूत्र में पिरोती है. यह पुस्तक न केवल एक यात्रा वृत्तांत है, बल्कि भारत के लोकजीवन, परंपराओं, और आत्मीयता का एक मार्मिक चित्रण है, जो पाठक को भावनात्मक और बौद्धिक स्तर पर जोड़ता है.पुस्तक का सार: भारत की आत्मीय यात्रा "बैलेड्स ऑफ इंडियाना: अल...
नंदलाल भारती की संग्रह पुस्तक ‘आमारे जौनसारी गीत’ का दून पुस्तकालय में लोकार्पण

नंदलाल भारती की संग्रह पुस्तक ‘आमारे जौनसारी गीत’ का दून पुस्तकालय में लोकार्पण

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हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनदून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के तत्वाधान में आज इसके सभागार में जौनसार जनजाति क्षेत्र के ख्यातिलब्ध लोक कलाकार डॉ० नंदलाल भारती द्वारा लिखित लोक गीतों की संग्रह पुस्तक आमारे जौनसारी गीत का जन लोकार्पण किया गया. इसके बाद पुस्तक पर बातचीत का सत्र भी हुआ. इसमें लोगों की अनेकजौनसारी शब्दों पर बने संशय को लेखक डॉ. नंदलाल भारती ने स्पष्ट किया. मुख्यातिथि पूर्व कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्याल प्रो. ओपीएस नेगी ने कहा कि यह पुस्तक खिले हुए गीतों का एक सुन्दर गुलदस्ता है.  गीतों को पढ़कर मालूम होता है कि नंदलाल भारती ने जौनसारी शब्दों और लोक जीवन की प्रक्रिया को सहजता से गीतों में ढाला है. नंदलाल भारती ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जनजातीय समुदाय की  सांस्कृतिक धरोहरों का सफल प्रदर्शन  किया है. उनके गीतों में एक तरफ लोक की अनुभूति होती है और दूसरी तरफ स...
देवभूमि उत्तराखंड भारत का प्राणतत्व तो हिमालय विश्व का प्रेरक –  डॉ. हरीश रौतेला

देवभूमि उत्तराखंड भारत का प्राणतत्व तो हिमालय विश्व का प्रेरक –  डॉ. हरीश रौतेला

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  अपनी धरोहर न्यास द्वारा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में द्विदिवसीय धरोहर संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. देहरादून के सर्वे चौक स्थित आईआरडीटी सभागार में धरोहर संवाद के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह क्षेत्र प्रचारक प्रमुख डॉ.हरीश रौतेला थे, जिन्होंने पहाड़ के हरेला पर्व को वैश्विक बनाने के ठोस प्रयास किए हैं. डॉ. हरीश रौतेला ने कहा कि भारत में उत्तराखंड की भूमिका प्राणतत्व सदृश है और लगभग 2600 किमी.क्षेत्र में फैले हिमालय से निकलने वाली गंगा,यमुना,सरस्वती और सिंधु सभ्यता के उद्गम होने के कारण सम्पूर्ण विश्व के लिए सकारात्मक ऊर्जा के प्रेरणा स्रोत हैं. उत्तराखंड की लोक संस्कृति और बोली भाषाएं भी हमारी धरोहर हैं. हमारी परंपराएँ,मेले,त्यौहार और लोक संस्कृति तभी जीवंत रहेंगे जब इनसे जुड़े लोग रोजगार प्राप्त कर आत्मनिर्भर होंगे और हम अपने गीत संगीत,परिधान और ...
जौनसार का गौरव: नरदेव वर्मा बने UPSC में निदेशक

जौनसार का गौरव: नरदेव वर्मा बने UPSC में निदेशक

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संघ लोक सेवा आयोग में सेवा देने वाले पहले जौनसारी व्यक्तित्वनीरज उत्तराखंडी, चकराताजौनसार बावर क्षेत्र के लिए गर्व का क्षण है- कनबुआ गांव के नरदेव वर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में निदेशक पद का कार्यभार ग्रहण किया है. वे इस प्रतिष्ठित संस्था में सेवा देने वाले पहले जौनसारी व्यक्तित्व बन गए हैं. इससे पूर्व वे आयोग में संयुक्त निदेशक पद पर कार्यरत थे और अब पदोन्नति पाकर निदेशक बने हैं. वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा गांव के प्राथमिक विद्यालय से हुई, इंटर की पढ़ाई जौनसार बावर इंटर कॉलेज साहिया से पूरी की और आगे की पढ़ाई डीएवी पीजी कॉलेज देहरादून से की. निरंतर मेहनत और दृढ़ संकल्प से उन्होंने यह मुकाम हासिल किया. उनकी सफलता न केवल परिवार, बल्कि पूरे जौनसार बावर क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है. समाज के लोग इसे अपनी सामूहिक अस्मिता और संघर्षशीलता का प्रतीक मान रहे हैं. संघ लोक सेव...