उत्तराखंड हलचल

जल-विज्ञान

सूख न जाएं कहीं पहाड़ों के प्राकृतिक जलस्रोत : नौल व धार

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अंतरराष्ट्रीय जल दिवस पर विशेष  चन्द्रशेखर तिवारी उत्तराखण्ड के पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक जलस्र...
उच्च हिमालयी शीतजलीय मछली असेला के प्रजनन में मानवीय हस्तक्षेप

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डॉ. शम्भू प्रसाद नौटियाल विज्ञान शिक्षक रा.इ.का. भंकोली उत्तरकाशी (राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी भारत...
जैनेटिक विज्ञान का नया दावा : क्या जल से पहले पौधों की उत्पत्ति हुई?

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डॉ. मोहन चंद तिवारी क्या है भारतीय सृष्टि विज्ञान की अवधारणा? दो साल पहले उपर्युक्त शीर्षक स...

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 भारत की कृषि कहावतें: कहे घाघ के सुन भडूरी!

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मंजू दिल से… भाग-32 मंजू काला कुछ पखवाड़े पहले की बात है, सुबह की चाय सुड़कते हुए एक समाचार ने...
बूंदेली “सावनी” और चपेटे

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मंजू दिल से… भाग-31 मंजू काला लोकजीवन की सरिता सुख और दुःख के दो किनारों के बीच निरंतर बहती रह...
राग मल्हार : करे, बादरा, घटा घना घोर

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मंजू दिल से… भाग-30 मंजू काला पावस ऋतु में मल्हार अंग के रागों का गायन-वादन अत्यन्त सुखदाय...
बारहमासा : विरह और मिलन की क्रियाओं का चित्रण!

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मंजू दिल से… भाग-29 मंजू काला फ़ागुन महीना... फूली सरसों... आम झरे.. अमराई.... मै अंगन...
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