रुद्रप्रयाग

हादसा : केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 3 तीर्थयात्रियों की मौत, आठ के घायल!

हादसा : केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 3 तीर्थयात्रियों की मौत, आठ के घायल!

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गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर आज सुबह बड़ा हादसा हो गया. चीड़वासा के पास पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा गिर गया. इस दौरान यात्रा पर जा रहे तीन तीर्थयात्रियों की मौत और आठ तीर्थयात्रियों के घायल होने की खबर है. इस घटना की जानकारी जैसे ही एसडीआरएफ टीम को मिली, उनकी टीम को तुरन्त घटनास्थल के लिए भेजा गया. एसडीआरएफ टीम को सूचित किया गया कि चीड़वासा के पास भूस्खलन होने से कुछ लोग मलबे की चपेट में आ गए हैं जिसमें रेस्क्यू हेतु एसडीआरएफ टीम की आवश्यकता है. अनिरुद्ध सिंह भंडारी अपने अन्य साथियों के साथ आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों को लेकर घटनास्थल के लिए रवाना हुए और तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. बताया जा रहा है कि सभी श्रद्धालु गौरीकुंड से केदारनाथ धाम दर्शन हेतु जा रहे थे और अचानक चीड़वासा के पास भूस्खलन होने से मलबा आने पर यह हादसा हो गया. एसडीआरएफ टीम द्वारा घटनास्थ...
केदारनाथ धाम पहुंची चीफ जस्टिस रितु बाहरी, बाबा केदार से लिया आशीर्वाद

केदारनाथ धाम पहुंची चीफ जस्टिस रितु बाहरी, बाबा केदार से लिया आशीर्वाद

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उत्तराखंड हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रितु बाहरी ने केदारनाथ पहुंचकर बाबा केदारनाथ के दर्शन किए। उन्होंने बाबा केदारनाथ का रुद्राभिषेक कर बाबा की विशेष पूजा अर्चना कर विश्व एवं जन कल्याण के कामना की। एक दिवसीय दौरे पर बाबा केदारनाथ धाम के दर्शनों को पहुंची जस्टिस रितु बाहरी का जिलाधिकारी डॉ सौरभ गहरवार एवं पुलिस अधीक्षक डॉ विशाखा ने वीआईपी हेलीपैड पर स्वागत किया। जस्टिस रितु बाहरी तीर्थ पुरोहित समाज एवं मुख्य पुजारी से मिली। इसके बाद बाबा केदारनाथ मंदिर में प्रवेश कर विशेष पूजा अर्चना कर संपूर्ण विश्व एवं मानवता के कल्याण की कामना की। उन्होंने उत्तराखंड के सतत विकास के लिए भी बाबा केदार से आशीर्वाद मांगा। वहीं इस बार चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू हुई। पहले दिन कपाट खुलने से केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में दर्शन के लिए क्षमता से अधिक भीड़ उमड़ रही है।पिछले वर्ष 22 ...
केदारनाथ : जहां होते हैं साक्षात शिव के दर्शन!

केदारनाथ : जहां होते हैं साक्षात शिव के दर्शन!

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यदि आप घूमने-फिरने के शौकीन हैं और उत्तराखंड की सैर कर रहे हैं तो आप यहां तीथार्टन के साथ-साथ एडवेंचर का मचा भी ले सकते हैं, यहां बहुत से ऐसे दर्शनीय स्थल हैं जहां पहुंच कर आपको अलौकिक अनुभूति होगी.  यहां बाबा केदार के दर्शनों के अलावा आप आस-पास के तीर्थस्थानों का भ्रमण कर अपनी आध्यात्मिक यात्रा और खूबसूरत बना सकते हैं.  आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ तीर्थ स्थलों के बारे में… मध्यमहेश्वर महादेव मंदिर चौखंबा की गोद में समुद्रतल से 9700 फीट की ऊंचाई पर यह मंदिर अवस्थित है, जो ऊखीमठ से 30 किमी की दूरी पर अवस्थित है. यहां अन्य मंदिरों में बूढ़ा मध्यमहेश्वर क्षेत्रपाल मंदिर, हिंवाली देवी मंदिर हैं. यहां की पहाड़ियों में अनेक गुफाएं हैं. पंचकेदार के नाम से विख्यात शिव के पांच पावन धामों में से मध्यमहेश्वर दूसरा धाम है. यहां भगवान शिव की नाभि की पूजा की जाती है. तुंगनाथ महादेव मंदिर पंचकेदारों...
आस्था का जन सैलाब, यमुनोत्री के रास्ते में लगा लम्बा जाम

आस्था का जन सैलाब, यमुनोत्री के रास्ते में लगा लम्बा जाम

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रुद्रप्रयाग. चारधाम यात्रा के कपाट खुलते ही पहले दिन 10 मई को बाबा केदारनाथ के धाम में यात्रियों ने  नया कीर्तिमान स्थापित करे हुए बाबा के दर्शनों को करीब 30 हजार श्रद्धालु देश- विदेश से केदारपुरी पहुंचे थे. कपाट खुलने के दूसरे दिन साढ़े 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ जी के दर्शन किए. कैलाश पर्वत पर भगवान शिव के प्रिय निवास स्थान पहुंचने के लिए भक्त इतने उत्सुक एवं ऊर्जावान दिखे कि दोपहर बाद से ही खराब मौसम होने के बावजूद यात्रियों की संख्या में कोई कमी नहीं दिखी. बारिश के चलते श्रद्धालुओं की यात्रा थोड़ा मुश्किल रही उन्हें कुछ समस्याओं का सामना भी करना पड़ा लेकिन जिला प्रशासन के विभिन्न प्रयासों के चलते श्रद्धालुओं को राहत मिली. केदारपुरी की बात करें तो नव निर्मित आस्था पथ ने भक्तों को बहुत राहत पहुंचाई, बारिश की बौछार पड़ते ही मंदाकिनी नदी के बगल में केदारनाथ के मौसम को ध्यान...
यात्रा की तैयारियां जोरों पर, श्रीकेदारनाथ धाम में हैलीपैड के रास्तों से श्रमिकों द्वारा हटाई गई बर्फ

यात्रा की तैयारियां जोरों पर, श्रीकेदारनाथ धाम में हैलीपैड के रास्तों से श्रमिकों द्वारा हटाई गई बर्फ

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वर्ष-2024 की श्री केदारनाथ धाम की यात्रा को सुगम एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यात्रा व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों को जो भी तैयारियां एवं व्यवस्थाएं की जानी हैं उन सभी व्यवस्थाओं को समय से पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी क्रम में डीडीएमए द्वारा केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य तत्परता से किया जा रहा है तथा केदारनाथ धाम हैलीपैड़ तक मार्ग से 3 फीट बर्फ हटाने का कार्य कर लिया गया है। अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि जिलाधिकारी के निर्देशन में केदारनाथ यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य 04 मार्च से ही शुरू कर दिया गया था। जिसमें बर्फ हटाने के लिए लगभग 95 श्रमिक तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि रामबाड़ा से छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, भैंंरो ग्लेशियर, कुबेर ग्लेशियर आदि स्थानों से 50 से 80 फीट तक की लंबाई एवं 10...
उत्तराखंड: 10 मई को खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट

उत्तराखंड: 10 मई को खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट

रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयागः विश्वप्रसिद्ध ग्यारहवें ज्योर्तिलिंग श्री केदारनाथ धाम के कपाट शुक्रवार 10 मई को प्रात: सात बजे आम भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे। भगवान केदार नाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति पांच मई को पंचकेदार गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में भैरव नाथ जी की पूजा होगी। पंचमुखी डोली छह मई श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान करेगी विभिन्न पड़ावों से होकर 9 मई शाम को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। आज प़चकेदार गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय की उपस्थिति में आयोजित धार्मिक समारोह में कपाट खुलने की तिथि तय हुई। ...
केदारनाथ : बंद हुए कपाट, शीतकाल में यहां होंगे दर्शन

केदारनाथ : बंद हुए कपाट, शीतकाल में यहां होंगे दर्शन

रुद्रप्रयाग
केदारनाथ : भैयादूज के पावन पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे बंद कर दिए गए। इस दौरान बाबा केदार के जयकारों से धाम गूंज उठा। मंगलवार को केदारनाथ में बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति को विधि-विधान और पूजा-अर्चना के साथ भंडारगृह से मंदिर के सभामंडप में विराजमान कर दिया गया था। सुूबह चार बजे से मंदिर के गर्भगृह में पूजा-अर्चना शुरू हुई। बाबा की चल उत्सव विग्रह डोली धाम से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए प्रस्थान करते हुए रात्रि प्रवास के लिए पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 17 नवंबर को बाबा केदार छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान हो जाएंगे। ...
मिनी स्विट्जरलैंड में बनेंगे ईको-टूरिज्म जोन, ये है प्लानिंग

मिनी स्विट्जरलैंड में बनेंगे ईको-टूरिज्म जोन, ये है प्लानिंग

रुद्रप्रयाग
चोपता वैली में तैयार होगा इको टूरिज्म जोन। इको टूरिज्म बोर्ड को वन विभाग ने भेजा प्रस्ताव। मुख्य सचिव के निर्देश के बाद विभाग ने की कवायद। साढे तीन करोड की लागत से तैयार होगा टूरिज्म जोन। रुद्रप्रयाग: मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से प्रसिद्ध रूद्रप्रयाग जिले की चोपता घाटी में इको टूरिज्म जोन तैयार होने जा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए कवायद शुुरू कर दी है। विभाग ने इको टूरिज्म बोर्ड को साढे तीन करोड रूपये की लागत का प्रस्ताव भेजा है। बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद विभाग अग्रिम कार्रवाई शुुरू कर देगा। प्रभागीय वनाधिकारी (DFO) रुद्रप्रयाग अभिमन्यु ने बताया कि मुख्य सचिव ने सभी जिलों मेें इकोे टूरिज्म जोन तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर चोपता घाटी को जिले में इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया है। चोपता में देश-विदेश से पर्यटक ह...
नाले में बहा युवक, भारी बारिश से होटल जमींदोज और हाईवे बंद

नाले में बहा युवक, भारी बारिश से होटल जमींदोज और हाईवे बंद

रुद्रप्रयाग
पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में बारिश का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भूस्खलन होने के कारण हाईवे पर रामपुर में होटल जमींदोज हो गया. दूसरी तरफ अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग के बीच हाइवे कई जगहों पर बाधित है. बताया जा रहा है कि यह होटल शहर का सबसे पुराना होटल था, जिसे पहले भी खाली कराया जा चुका था. ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर तोता घाटी में भारी भूस्खलन हो गया. जिससे यहां सड़क का आधा हिस्सा ढह गया. इसके चलते हाईवे पर यातायात बाधित हो गया है. उधर, व्यासी के समीप अटाली गंगा में मलबा आने से हाईवे सोमवार से अवरुद्ध चल रहा है. लगातार बारिश होने के कारण मार्ग खोलने में समय लग रहा है. जिसके चलते थाना देवप्रयाग और थाना मुनिकीरेती से ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. ऋषिकेश में देर रात भारी बारिश के बाद बरसाती नाला उफान पर आ गया. इस दौरान तेज बहाव की चपेट में आने से एक युवक बह गया...

उत्तराखंड : गौरीकुंड से श्रीनगर तक खोज, नहीं लगा सुराग, पथराई परिजनों आंखें

रुद्रप्रयाग
रुद्रप्रयाग : गौरीकुंड में डाट पुलिया के पास हुए भीषण भूस्खलन हादसे में लापता 20 लोगों का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। लापता लोगों की खोज में गौरीकुंड से लेकर श्रीनगर बैराज तक सर्च अभियान चलाया गया। लेकिन, किसी का भी कुछ पता नहीं चल पाया है। लगातार लापता लोगों के खोजबीन के लिए विभिन्न तकनीकों का सहारा भी लिया जा रहा है। बावजूद अब तक सफलता नहीं मिल पाई। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने अवगत कराया कि विगत दिनों गौरीकुंड डाटपुलिया के समीप भारी भू-स्खलन के कारण लापता हुए 20 लोगों का आज तीसरे दिन भी लगातार घटना स्थल व नदी के किनारे जिलाधिकारी के निर्देशन मे सर्च रेस्क्यू एवं खोजबीन का सघन अभियान जारी है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने यह भी अवगत कराया कि आज पुलिस थाना चौकियों एवं फायर सर्विस द्बारा अपने अपने क्षेत्रों में सर्च रेस्क्यू अभियान चलाया गया। इसके साथ ही संदिग्ध स्थान...