लधु कथा डॉ. कुसुम जोशी रात को खाना खात हुऐ जब बेटी because अपरा के लिये आये रिश्ते का जिक्र भास्कर ने किया तो… अपरा बिफर उठी, तल्ख लहजे में बोली “आप को मेरी शादी के लिये लड़का ढूढ़ने की जरुरत नही.” फोन क्यों…? मम्मी पापा so दोनों साथ ही बोल पड़े… “मैंने अपने लिये […]
तय किया नौकरी से लेकर सीइओ तक का सफर आशिता डोभाल उत्तराखंड देवभूमि हमेशा से ही वीर यौद्धाओं Because और वीरांगनाओं की जन्मभूमि और कर्मभूमि रही है. सदियों से यह कर्मयोगियों को तपस्थली रही है, जिसका क्रम आज भी जारी है. आज मैं आपका परिचय एक ऐसी शख्सियत से करवा रही हूं, जिनका अपनी जड़ों […]
देश ही नहीं विदेशों में भी धमाल मचा रही है रंगीली पिछौड़ी… आशिता डोभाल उत्तराखंड में दोनों मंडल गढ़वाल so और कुमाऊं अपनी—अपनी संस्कृति के लिए जाने जाते हैं. हम जब बात करते हैं अपने पारंपरिक परिधानों की तो हर जिले और हर विकासखंड का या यूं कहें कि हर एक क्षेत्र में थोड़ा भिन्नता […]
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—57 प्रकाश उप्रेती पहाड़ की संरचना में लकड़ी कई रूपों में उपस्थित है. वहाँ लकड़ी सिर्फ लकड़ी नहीं रहती. उसके कई रूप, नाम और प्रयोग हो जाते हैं. इसलिए जंगलों पर निर्भरता पर्यावरण के कारण नहीं बल्कि जीवन के कारण होती है. because जंगल, जमीन, जल, सबका संबंध जीवन […]
उत्तराखंड सरकार द्वारा एक दिन की वेतन कटौती समाप्त होने से आयुष चिकित्सकों एवं कर्मचारियों में खुशी का माहौल हिमांतर ब्यूरो राजकीय आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा सेवा because संघ उत्तराखंड (पंजीकृत) के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ० डी० सी० पसबोला ने उत्तराखंड सरकार द्वारा एक दिन की वेतन कटौती वापिस लिए जाने पर राज्य सरकार का […]
प्रकाश उप्रेती मूलत: उत्तराखंड के कुमाऊँ से हैं. पहाड़ों में इनका बचपन गुजरा है, उसके बाद पढ़ाई पूरी करने व करियर बनाने की दौड़ में शामिल होने दिल्ली जैसे महानगर की ओर रुख़ करते हैं. पहाड़ से निकलते जरूर हैं लेकिन पहाड़ इनमें हमेशा बसा रहता है. शहरों की भाग-दौड़ और कोलाहल के बीच इनमें […]
डॉ. मोहन चंद तिवारी एक वर्ष पूर्व दिनांक 11अक्टूबर, 2019 को जालली-मासी मोटरमार्ग पर स्थित सुरेग्वेल से एक कि.मी.दूर मुनियाचौरा गांव में मेरे द्वारा खोजी गई कपमार्क ओखली मेरी because नवरात्र शोधयात्रा की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है. महापाषाण काल की यह कपमार्क मेगलिथिक ओखली उत्तराखंड के पाली पछाऊं क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करने […]
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—55 प्रकाश उप्रेती पहाड़ में पड़ाव का बड़ा महत्व है. इस बात को हमसे ज्यादा वो समझते थे जिनकी समझ को हम नासमझ मानते हैं. हर रास्ते पर बैठने के लिए कुछ पड़ाव होते थे ताकि पथिक वहाँ बैठकर सुस्ता सके. दुकान से आने वाले रास्ते से लेकर पानी, […]
मुर्दा और कंकाल का कुंड है रूपकुंड झील ऋचा जोशी आइए आज चलते है उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ों में स्थित रहस्यमय झील रूपकुंड तक. हिमालय के ग्लेशियरों के गर्मियों में पिघलने से उत्तराखंड के पहाड़ों में बनने वाली छोटी-सी झील हैं. so यह झील 5029 मीटर (16499 फीट) की ऊचाई पर स्थित हैं, जिसके चारो ओर […]
सुनीता भट्ट पैन्यूली किसी किताब की सरसता,रोचकता,कौतुहलवर्धता उस किताब के मूलतत्व अथार्त विषय, तथ्य, भाषा, प्रमाण कथ्य,उद्देश्य पर निर्भर करती है। अपनी “हाशिये पर रौशनी” ध्रुव गुप्त जी द्वारा because लिखे गये एतिहासिक, पौराणिक, अध्यात्मिक, संगीत, साहित्य, कला, पर्यावरण से संबद्ध छब्बीस आलेखों के महत्वपूर्ण दस्तावेज हैं जो पाठकों के मष्तिष्क में जिज्ञासा पैदा करने हेतु
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