Tag: बड़कोट

उत्तरकाशी: डिग्री कॉलेज में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत हुई भाषण प्रतियोगिता

उत्तरकाशी: डिग्री कॉलेज में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम के तहत हुई भाषण प्रतियोगिता

उत्तराखंड हलचल
बड़कोट: राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय बड़कोट में प्रभारी प्राचार्य डॉ. जगदीश चंद्र की अध्यक्षता में ईएलसी-स्वीप की ओर से मतदाता जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके तहत भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं ने बढ़- चढ़कर प्रतिभाग किया। व प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रथम स्थान पर काजल बी.ए. तृतीय वर्ष, द्वितीय स्थान पर शिवानी बी.ए. तृतीय वर्ष और तृतीय स्थान पर आराधना बी.ए.तृतीय सेमेस्टर ने स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता से पूर्व नोडल अधिकारी दिनेश शाह के द्वारा छात्र- छात्राओं को मतदान से संबंधित जानकारी दी गई। उनके द्वारा छात्र-छात्राओं को बताया गया कि एक श्रेष्ठ राष्ट्र के निर्माण के लिए एक सुव्यवस्थित मतदान प्रणाली का होना अति आवश्यक है। जिसके लिए सभी को अपने मतदान का उचित प्रयोग करके एक सुदृढ़ सरकार का निर्माण करना चाहिए। ...
‘रवांल्टी’ में छपे शादी कार्ड, सोशल मीडिया में छाए, आप भी करें ऐसा

‘रवांल्टी’ में छपे शादी कार्ड, सोशल मीडिया में छाए, आप भी करें ऐसा

उत्तराखंड हलचल
बड़कोट: रवांल्टी भाषा आंदोलन सफल होता नजर आ रहा है। यह सफलता लोगों के भीतर अपनी भाषा में लिखने के प्रयास के रूप में सामने आ रही है। हालांकि, अभी यह शुरूआती दौर है, लेकिन यह उम्मीद जरूर जगाता है। इसी भाषा आंदोलन में अब लोग भी अपना योगदान देने लगे हैं। पिछले कुछ समय में शादी के कार्ड लोग अपनी दुधबोली (भाषा) में छपवा रहे हैं। ऐसे दो शादियों के कार्ड इन दिनों सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहे हैं। इन कार्डों को शेयर कर लोग एक-दूसरे को प्रेरित करने का काम कर रहे हैं। अगर ऐसे ही सभी लोग जागरूक होकर अपनी भाषा को संरक्षित करने का काम करते रहे, तो आने वाली पीढ़ी को हम अपनी लोक भाषा की समृद्ध विरासत सौंप पाएंगे।सरनोल गांव निवासी तरवीन राणा ने अपनी शादी का कार्ड रवांल्टी में छापा है। खास बात यह है कि उन्होंने अपने गांव में बोले जाने वाले शब्दों का भी खूब प्रयोग किया है। कार्ड को पढ़कर लोग सकारात्मक ...
नौगांव-बड़कोट: कंसेरू के भगवान सिंह को नशेड़ियों ने लूटा

नौगांव-बड़कोट: कंसेरू के भगवान सिंह को नशेड़ियों ने लूटा

उत्तरकाशी
देहरादून: पहाड़ से देहरादून अपने काम से आने लोगों के लिए यह खबर किसी सबक से कम नहीं है। अगर आप भी कभी किसी काम से देहरादून आते हैं तो ऐसे किसी पर भरोसा ना करें। आपके साथ धोखा भी हो सकता है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि  ऐसी ही एक मामला सामने आया है। इसलिए सावधान! किसी पर ऐसे ही भरोसा ना करें। उत्तरकाशी जिले के नौगांव ब्लॉक के कनसेरु गांव (बड़कोट) निवासी भगवान सिंह देहरादून आए थे। जानकारी के अनुसार उनको बकरा मंडी जाना था। इस दौरान उनको स्कूटी पर सवार दो लड़के मिले। दोनों ने उनकी मदद करने की बात कही और अपने साथ स्कूटर पर बैठा लिया। उनको इस बात का अंदाजा नहीं था कि उनके साथ कुछ बुरा होने वाला है। अपने भोलेपन के कारण वो उनके साथ बैग गए। इसके बाद उनके साथ जो कुछ हुआ, वो सबके सामने है। उनको अपने साथ लेजाने वाले युवक नशेड़ी थे। दोनों ने भगवान सिंह के साथ मारपीट भी की और 45 हजार रुपये भी लूट लिए।...
बड़कोट महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन में मिले 2.0 अंक, हासिल किया “C” ग्रेड, 0.01 अंक से चुका “B” ग्रेड 

बड़कोट महाविद्यालय को नैक मूल्यांकन में मिले 2.0 अंक, हासिल किया “C” ग्रेड, 0.01 अंक से चुका “B” ग्रेड 

उत्तरकाशी
बड़कोट: राजेंद्र सिंह रावत राजकीय महाविद्यालय बड़कोट ने नैक मूल्यांकन में 2.0 अंक हासिल कर “सी” ग्रेड प्राप्त किया 0.01 अंक से महाविद्यालय “बी” ग्रेड से वंचित रह गया महाविद्यालय प्रशासन के अनुसार इतने कम संसाधनों में नैक उत्तीर्ण करना महाविद्यालय के लिए हर्ष का विषय है। नैक नोडल डॉ. अंजु भट्ट ने कहा कि महाविद्यालय में महाविद्यालय में प्रयोगशाला, लाइब्रेरी, बहुउद्देशीय हाल, पर्याप्त टीचिंग स्टाफ, पूर्व छात्र परिषद का पंजीकृत न होना, खेल मैदान का न होना, महाविद्यालय गेट का ना होना, चार दिवारी का ना होने के कारण इतने कम अंक से “बी” ग्रेड पाने से वंचित रह गया। वहीं, महाविद्यालय प्रशासन एवं समस्त छात्र-छात्राओं ने महाविद्यालय नैक मूल्यांकन में उत्तीर्ण होने पर खुशी जताई कहा कि महाविद्यालय के लिए यह 30 वर्षों के बाद अति हर्ष का विषय है कि महाविद्यालय नैक मूल्यांकन उत्तीर्ण की श्रेणी में आया है...
उत्तरकाशी: बिगराड़ी गांव का बड़ा फैसला, मेहंदी, शादी समेत सभी सार्वजनिक आयोजनों में शराब और डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध

उत्तरकाशी: बिगराड़ी गांव का बड़ा फैसला, मेहंदी, शादी समेत सभी सार्वजनिक आयोजनों में शराब और डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध

उत्तरकाशी
बड़कोट: समाज में बढ़ते शराब के प्रचलन को रोकने के लिए रंवाई घाटी से बड़ी पहल शुरू की गई है. नौगांव ब्लॉक के बिगराड़ी गांव में भी शराब पर मेहंदी, शादी और किसी भी तरह के सार्वजनिक आयोजनों में पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. यह फैसला ग्रामसभा की खुली बैठक में लिया गया.शराब के बढ़ते प्रचलन से जहां युवा पीढ़ी नशे से बर्बाद हो रही है. वहीं, लोगों पर बेवजह का आर्थिक बोझ भी पड़ रहा है. इससे बड़ी बात यह है कि डीजे और शराब के कारण मेहमानबाजी की परंपरा और तांदी गीतों की संस्कृति भी भूलते जा रहे हैं. शादी में अधिकांश यह देखने को मिलता है कि शराब पीने वालों पर ही सबका ध्यान होता है. ऐसे में अन्य व्यवस्थाएं गड़बड़ा जाती हैं. गांवों डीजे पूरी रात बजता रहता है. जिसके चलते शादी वाला परिवार सही से अगले दिन की तैयारी भी नहीं कर पाते हैं. गांव के अन्य लोग भी परेशान रहते हैं. इस सभी विकृतियों से बचने और य...
कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला-रंगमंच, देहरादून
मनोहर चमोली ‘मनु’ जगमोहन बंगाणी की कूची से बनी पेंटिंग्स भारत से बाहर स्पेन, कोरिया, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे देशों में उपस्थित हैं. कला के पारखी समूची दुनिया में हैं और वे अपने घरों-कार्यालयों में रचनात्मकता को भरपूर स्थान देते हैं. बंगाणी मानते हैं कि कला because आपके अपने अनुभव से आत्म-साक्षात्कार कराती है. वह स्वयं को जानने का एक असरदार साधन होती है. कला मन के भीतर चल रहे विचारों का प्रतिबिंब होती है. आप उसे बिना कहे हजारों शब्द दे सकते हैं.ज्योतिष कला के क्षेत्र में बंगाणी एक ऐसे चित्रकार हैं जो अभिनव प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. लीक से हटकर अलहदा पेंटिग के लिए वह जाने जाते हैं. भारत के उन चुनिंदा चित्रकारों में वह एक हैं जो नए प्रयोग और दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं. बंगाणी अब दिल्ली में रहते हैं. अलबत्ता उनकी जड़ें उत्तराखण्ड के मोण्डा, बंगाण से जुड़ी हुई हैं. हिमाचल because की संस्...
स्‍थानीय विधायकों के साथ राज्य मंत्री यतीश्वरानंद ने कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यस्थाओं का लिया जायजा   

स्‍थानीय विधायकों के साथ राज्य मंत्री यतीश्वरानंद ने कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य व्यस्थाओं का लिया जायजा   

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, पुरोलाकोविड-19 व्यवस्थाओं के जनपद प्रभारी एवं गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग, भाषा तथा पुनर्गठन राज्य मंत्री यतीश्वरानंद ने आज दूसरे दिन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ब्रह्मखाल, बड़कोट, नौगाँव व पुरोला में  कोविड-19 से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण कर जायजा लिया.  निरीक्षण के दौरान because पूर्व जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण भंडारी ने विधायक  केदार सिंह रावत के माध्यम से अतरिक्त सामुदायिक स्वास्थ्य  केंद्र ब्रह्मखाल के उच्चीकरण को लेकर  पत्र सौंपा. जिस पर मंत्री द्वारा सीएमओ को तत्काल प्रस्ताव शासन में भेजने के निर्देश दिए.कोविड उन्होंने सीएमओ को निर्देशित because करते हुए कहा कि जनपद उत्तरकाशी के जिला अस्पताल के अतिरिक्त सभी सीएचसी में 50-50 ऑक्सीजन बैड व पीएचसी में 10-10 ऑक्सीजन बैड तैयार कर लिए जाय.  ताकि सुदूरवर्ती गांव स्तर के लोगों को जिला अस्पत...
जय हो ग्रुप की अनूठी पहल

जय हो ग्रुप की अनूठी पहल

समसामयिक
बेसहारा और बेजुबान जानवरों का सहारा बना जय हो ग्रुप, 111 दिनों तक खिलाई रोटियांहिमांतर ब्‍यूरो, उत्‍तरकाशीनगर पालिका परिषद, बड़कोट क्षेत्र में लॉक डाउन प्रथम से लेकर 111 दिनों तक सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘‘जय हो” ग्रुप के कर्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवियों ने बेजुबान जानवरों को रोटी दान मांगकर खिलाने का काम किया. ग्रुप ने नगर के सभी रोटी दानदाताओं का आभार जताते हुए मौहल्लों में स्वंय आवारा बेजुबान जानवरों को रोटी या घर में बचा हुआ भोजन देने का आह्वान किया है.वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19) के चलते देश में हुए लॉक डाउन के दौरान बाजार सहित आम लोग अपने घरों में कैद हो गयें थे. सड़को और गलियों में घुमने वाले इन बेजुबान जानवरों की कोई सुध लेने वाला नहीं था, ऐसे में जय हो ग्रुप के युवा बेसहारा जानवरों के सहारा बन एक नई मिसाल पेश कीवैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड 19) के ...
पाप और पुण्य

पाप और पुण्य

संस्मरण
रवांई के एक कृषक की ईमानदारी का फलध्यान सिंह रावत ‘ध्यानी’मुझे आरम्भ से ही बुजुर्गों के पास उठना-बैठना बहुत भाता रहा है. अपने दादा जी के पास बैठकर मैं अनेकों किस्से-कहानियाँ बड़े ही चाव से सुना करता था. एक दिन घर पर हमारे निकट के करीबी रिश्‍तेदार का आना हुआ जो तब करीब बयासी (82) वर्ष के थे अब इस दुनिया में नहीं हैं. स्व. सब्बल सिंह रावत. रात्रि को भोजन के उपरांत जब मैंने उनके लिए बिस्तर लगाया तो सोने से पूर्व उन्होंने तेल मांगा और अपनी कमीज उतार कर दाहिने हाथ की बाजू में मालिश करने लगे. मेरी नज़र उनके उस हाथ पर पड़ी तो मुझे लगा सम्भवतः इन्हें कभी इस हाथ में बहुत गहरी चोट लगी होगी. मुझ से रहा नहीं गया और मैं ने पूछ ही लिया-‘‘नाना जी आपके इस हाथ में क्या कभी कोई चोट लगी थी?’’ मेरी जिज्ञासा और उत्सुकता को भांपते हुए उन्होंने मुझे अपने पास बैठने को कहा. उसी रजाई का एक छोर निकाल कर मैं ...