मेरी रवांई घाटी

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  • Adesh Singh Rana

    मैं हिमांत्तर परिवार का ह्रदय से धन्यवाद और आभार व्यक्त करता हूँ। जिन्होंने आज मेरी इस छोटी सी कविता को अपने इस भवव्य पटल पर स्थान दिया।
    हिमांत्तर परिवार के लिए मेरे पास कोई शब्द नहीं ही। हिमांत्तर परिवार साहित्यकी के क्षेत्र में एक असीम भुमिका निभा रहा है। मैं ईश्वर से यह प्रार्थना करता हूँ कि हिमांत्तर इसी प्रकार अपनी भुमिका का निर्वहन करता रहे और अपना परचम लहराता है। अपितु हमें आशा ही नहीं बल्कि पुर्ण विश्वास है कि हिमांत्तर परिवार अपने पहाडों को पूरी दुनिया में एक अलग ही पहचान दिलायेगा।
    धन्यवाद हिमांत्तर परिवार

    प्रेषक –
    आदेश सिंह राणा
    रंवाई उत्तरकाशी, गढ़वाल उत्तराखंड़

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