Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
स्मृतियों के उस पार…

स्मृतियों के उस पार…

संस्मरण
पिता की स्मृतियों को सादर नमन सुनीता भट्ट पैन्यूली समय बदल जाता है किंतु जीवन की सार्थकता जिन बिंदुओं पर निर्भर होती है उनसे वंचित होकर जीवन में क्यों, कैसे, किंतु और परंतु रूपी प्रश्न ज़ेहन में उपजकर  बद्धमूल रहते हैं हमारी चेतना में और झिकसाते रहते हैं  हमें ताउम्र मलाल बनकर लेकिन क्या कर सकते हैं ?जो समय रेत की तरह फिसल जाता है वह  मुट्ठी में कभी एकत्रित नहीं होता.  इंसानी फितरत या उसकी मजबूरी कहें कि चाहे कितना बड़ा घट जाये, जीवन के कथ्य तो वही रहते हैं किंतु जीने के संदर्भ बदल जाते हैं. नेता जी 8 अगस्त  से 10अगस्त 2015 के मध्य पिता के जन्मदिन का होना और उनकी विदाई की अनभिज्ञता के इन दो दिनों में  पिता के साथ मेरे उड़ते -उड़ते  संवाद आज तक कहीं ठौर ही नहीं बना पाये शायद इसीलिए  20 जून को पितृ दिवस पर मेरी पनीली आंखों में सावन का अषाढ़ कुछ अजीब सा हरा हो जाता है. नेता जी आज ...
मेघ पिता है धरती माता, ‘पितृदेवो भव’

मेघ पिता है धरती माता, ‘पितृदेवो भव’

समसामयिक
‘फादर्स डे’ 20 जून पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 20 जून को महीने का तृतीय रविवार होने के कारण ‘फादर्स डे’ के रूप में मनाया जाता है. ‘फादर्स डे’ पिताओं के सम्मान में मनाया जाने वाला दिवस है जिसमें पितृत्व (फादरहुड) के because प्रभाव को समारोह पूर्वक मनाने की भावना संन्निहित रहती है. दुनिया के अलग अलग देशों में अलग अलग दिन और अलग अलग परंपराओं के कारण ‘फादर्स डे’ मनाया जाता है. नेता जी सबसे पहला ‘फादर्स डे’ अमेरिका की सोनोरा स्मार्ड डोड ने अपने पिता विलियम जैक्सन स्मार्ट की याद में 19 जून,1910 को मनाना शुरू किया था. क्योंकि उस साल इसी दिन जून का because तीसरा रविवार था. तबसे अमेरिका में जून के तीसरे रविवार को ‘फादर्स डे’ मनाया जाने लगा. जर्मनी में ‘फादर्स डे’ (वेतरताग) मनाने की परंपरा चर्च और यीशू मसीह के स्वर्गारोहण से जुड़ी हुई है. यह हमेशा ‘होली थर्स डे’ यानी पवित्र गुरुवार क...
अचानक याद आना एक गीत का

अचानक याद आना एक गीत का

साहित्‍य-संस्कृति
चारु तिवारी ‘गरुड़ा भरती, कौसाणी ट्रेनिंगा...!’ उन दिनों हमारे क्षेत्र बग्वालीपोखर में न सड़क थी और न बिजली. मनोरंजन के लिये सालभर में लगने वाला ‘बग्वाली मेला’ और ‘रामलीला’. बाहरी दुनिया से परिचित होने का because एक माध्यम हुआ- रेडियो. वह भी कुछ ही लोगों के पास हुआ. सौभाग्य से हमारे घर में था. रेडियो का उन दिनों लाइसेंस होता था. उसका हर साल पोस्ट आॅफिस से नवीनीकरण कराना पड़ता था. इसी रेडियो की आवाज से हम दुनिया देख-समझ लेते. हमारे सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम थे- ‘उत्तरायण’ और ‘गिरि गुंजन’. बाद में ‘बिनाका गीतमाला’, ‘क्रिकेट की कैमेंट्री’, ‘रेडियो नाटक’, ‘वार्ताओं’, ‘बीबीसी’ और समाचारों से भी हमारा रेडियो के साथ नाता जुड़ा, लेकिन शुरुआती दिनों में कुमाउनी गीत सुनना ही हमारी प्राथमिकता थी. .पासिंग आउट परेड उन दिनों एक गीत बहुत प्रचलित था- ‘गरुड़ा भरती कौसाणी ट्रैनिंगा, देशा का लिजिया लड़ैं में ...
“बोल्ड परीक्षा’’

“बोल्ड परीक्षा’’

संस्मरण
डॉ. अमिता प्रकाश जी! आप चैंकिए मत! थी यह बोर्ड परीक्षा ही, लेकिन हम चैड़ूधार के सभी छात्र-छात्राओं उर्फ छोर-छ्वारों के लिए पांचवी की बोल्ड परीक्षा ही होती थी. वैसे तो परीक्षा हर because साल होती रही होगी, पर हमें उसका आभास कभी हुआ ही नहीं. बिल्कुल तनावमुक्त व भयमुक्त परीक्षा होती थी हमारी. रोज की तरह स्कूल गए ,गुर्जी ने जो कुछ लिखने को कहा लिखा,  कॉपी गुर्रजी को थमाई , थोड़ी देर खेला कूदा, और फिर अगले दिन के लिए गुर्र जी जो कुछ लिखने के लिए देने वाले होते उसका रिवीजन उर्फ रट्टाफिकेशन जोर-जोर से होता. कानों में उंगली देकर और जोर से हिल हिल कर. एक खास बात यह जरुर होती कि इस रट्टाफिकेशन के दिनों में विद्यालय के जो तीन अन्य कमरे हमेशा बंद रहते थे वह खुल जाते. पासिंग आउट परेड कक्षा 5 को अलग कमरा, कक्षा 4 को अलग तथा कक्षा 3 को अलग कमरा आवंटित हो जाता. गुरुजी हर कक्षा को याद करने के लिए सामग्र...
सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

सुदूर गाँव के लड़के का सेना में अफ़सर बनने का सफ़र

चम्‍पावत
कमलेश चंद्र जोशी उत्तराखंड के युवा हमेशा से ही भारतीय सेना में अपनी सेवाएँ दिये जाने के लिए जाने जाते रहे हैं. खासकर गरीब व मध्यम परिवारों के बच्चे जब अपनी ऑफिसर because ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना की पासिंग आउट परेड से गुजरते हैं तो वह क्षण न सिर्फ देश व राज्य के लिए गौरव का पल होता है बल्कि उन अफसरों के माता-पिता के लिए जिंदगी बदलने वाला सबसे अनमोल पल भी होता है जिनके लिए सेना में अफसर होना एक तरह का स्वप्न जैसा है. हर वर्ष ‘इंडियन मिलिट्री अकादमी’ (IMA) से ऐसे सैकड़ों ऑफ़िसर because निकलते हैं जो राष्ट्र की सेवा के लिए ट्रेनिंग ले रहे होते हैं. पासिंग आउट परेड इस वर्ष की पासिंग आउट परेड के बाद देश को 341 जाबांज अफसर मिले हैं जिनमें से 37 उत्तराखंड राज्य से ही हैं. ऑफिसर बनने के इस सफर का सबका अपना-अपना संघर्ष व दुश्वारियाँ होती हैं because लेकिन जब कोई बच्चा उत्तराखंड के किसी जि...
कैंची धाम मेले के लिए श्रद्धालुओं को करनी होगी एक साल की प्रतीक्षा

कैंची धाम मेले के लिए श्रद्धालुओं को करनी होगी एक साल की प्रतीक्षा

नैनीताल
कैंची धाम मेला 15 जून पर विशेष भुवन चंद्र पंत प्रतिवर्ष 15 जून को कैंची धाम का मालपुआ भण्डारा इस बार भी कोविड-19 के चलते नहीं होगा और न इस मौके पर कैंची धाम मन्दिर के दर्शन करने का सौभाग्य श्रद्धालुओं को मिल पायेगा. जिसकी साल भर से श्रद्धालुओं को प्रतीक्षा रहती है. वर्ष 1964 में सन्त बाबा नींब करौरी महाराज द्वारा स्थापित कैंची धाम मन्दिर के प्राणप्रतिष्ठा because समारोह को आने वाले वर्षों में एक वार्षिक समारोह का रूप दिया गया और तब से उत्तरोत्तर यहां आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ते गयी. विगत् वर्षों में दर्शनार्थियों की संख्या में जो उछाल आया, उसके पीछे एक कारण यह भी रहा कि वर्ष 2017 में जब देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका के दौरे पर गये तो वहां फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने भारत के चमत्कारी सन्त बाबा नींब करौरी का जिक्र प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से किया. स्वाभाव...
इस सप्ताह क्या कहते हैं आपके सितारे

इस सप्ताह क्या कहते हैं आपके सितारे

साप्ताहिक राशिफल
साप्ताहिक राशिफल (14 से 20 जून)  मेष: मेष राशि के जातकों को सप्ताह की शुरुआत में करिअर-कारोबार में आगे बढ़ने के अच्छे अवसर प्राप्त हो सकते हैं. आलस्य अथवा अभिमान के कारण ऐसे अवसर because को खोने की बिल्कुल भूल न करें. किसी मित्र या शुभचिंतक की मदद से लंबे समय से अटका काम पूरा होगा. सप्ताह के मध्य में धन लाभ के साथ-साथ धार्मिक वातावरण बनेगा. इस दौरान सामाजिक अथवा किसी परोपकार से जुड़े कार्यों में आपकी पूरी सहभागिता रहेगी. सप्ताह के अंत में किसी आवश्यक कार्य हेतु लंबी अथवा छोटी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है. प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता आयेगी. दांपत्य जीवन में मधुरता बनी रहेगी. ज्योतिष उपाय: हनुमत उपासना करें और भोजन करने से पूर्व कुछ भाग निकालें और बाद में उसे किसी जानवर को खिलाएं. ज्योतिष वृष: सप्ताह के प्रारंभ में आपको अपनी कार्य योजना को लेकर अधिक परिश्रम और भागदौड़ करनी पड़ सक...
हीरासिंह राणा की गायकी में बसी है पहाड़ से पलायन की टीस

हीरासिंह राणा की गायकी में बसी है पहाड़ से पलायन की टीस

स्मृति-शेष
प्रथम पुण्यतिथि (13जून)  पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी "त्यर पहाड़, म्यर पहाड़ हौय दुःखों को ड्यौर पहाड़"- जैसे गीतों द्वारा पहाड़ के पलायन की टीस को जन जन तक बांटने वाले लोक गायक हीरा सिंह राणा जी की आज 13जून को प्रथम पुण्यतिथि है. "लस्का कमर बांध, हिम्मत का साथ फिर भोल उज्याई होलि,कां ले रोलि रात" -जैसे अपने ऊर्जा भरे बोलों से पहाड़ के लोगों को because कमर कस के हिम्मत जुटाने का साहस बटोरने और रात के अंधेरे को भगाकर उजाले की ओर जाने की प्रेरणा देने वाले उत्तराखंड लोक गायिकी के पितामह, लोक-संगीत के पुरोधा तथा गढ़वाली कुमाऊंनी और जौनसारी अकादमी,दिल्ली सरकार के उपाध्यक्ष श्री हीरा सिंह राणा जी का पिछले वर्ष 2020 को आज के ही दिन महाप्रयाण हुआ था. नेता जी लोक गायकी की पहचान बने राणा because जी का अचानक चला जाना उत्तराखण्डी समाज के लिए बहुत दुःखद था और पर्वतीय लोक संगीत के लिए अपूरणीय क्...
अवैज्ञानिक विकास और सड़क निर्माण से आई माल देवता में बाढ़!

अवैज्ञानिक विकास और सड़क निर्माण से आई माल देवता में बाढ़!

देहरादून
माल देवता में पिछले चार—पांच वर्षों में अवैज्ञानिक तरीके से सड़क निर्माण, प्रोपर्टी ​डीलरों द्वारा भूमि कटान और माल देवता इंटर कॉलेज से रिंगाल गढ़ टिहरी जनपद तक सड़क के दोनों ओर अधिकतर जमीनें पूंजीपतियों और भू—माफियाओं द्वारा खरीद ली गई. इनसभी को राजनीति संरक्षण प्राप्त है. ज्योतिष हिमांतर ब्यूरो, देहरादून अस्थायी राजधानी देहरादून के because घंटाघर से लगभग 12 से 13 किमी पूर्व दिशा में उपस्थित माल देवता गांव के समीप हाल ही में भूस्खलन और बाढ़ से सड़क मार्ग के बाधित होने की खबरें सुर्खियों में छाई रही. यह पहली बार है, जब बाढ़ की इस घटना के बाद भाजपा के दो विधायक घटना स्थल पर अलसुबह ही पहुंचे. दरअसल यह because क्षेत्र मसूरी विधानसभा और रायपुर विधानसभा का केंद्रीय स्थल है. माल देवता में पिछले चार—पांच वर्षों में अवैज्ञानिक तरीके से सड़क निर्माण, प्रोपर्टी ​डीलरों द्वारा भूमि कटान ...
मोरी ब्लाक में हिम तेंदुआ संरक्षण केन्द्र बनाये जाने की कवायद शुरू

मोरी ब्लाक में हिम तेंदुआ संरक्षण केन्द्र बनाये जाने की कवायद शुरू

उत्तरकाशी
नीरज उत्तराखंडी, पुरोला उच्च हिमालयी क्षेत्रों में दिखाई देने वाले स्नो लैपर्ड को संरक्षित करने के लिए उत्तरकाशी के गोविन्द वन्य जीव विहार  एवं पार्क क्षेत्र में  स्नो लैपर्ड कन्जर्वेशन सेण्टर बनाये जाने की कवायद चल रही है. because यदि सब कुछ योजना के मुताविक हुआ तो हरकीदून घाटी में बदहाल पड़ा गढ़वाल मंडल विकास निगम के भवन को संरक्षित कर  हिम देंदुआ संरक्षण केन्द्र में तब्दील किया जायेगा .इस हिम तेंदुआ संरक्षण केंद्र में इस बेहद शर्मीले माने जाने वाले जानवर के बारे में तो जानकारी मिलेगी ही साथ ही पर्यटन में चार चांद लगेंगे और  इससे स्थानीय लोगो को रोज़गार भी मिलेगा. ज्योतिष योजना को साकार रूप देने के लिए because पार्क प्रशासन ने निदेशक वन संरक्षक राजाजी पार्क रिजर्व देहरादून को पत्राचार किया. यदि अनुमति मिली तो जीएमवीएन का बदहाल भवन के दिन बहुरेंगे और वहां हिम देंदुआ संरक्षण केन्द्र ...