युवा लेखक ललित फुलारा की कहानी ‘घिनौड़’ और ‘पहाड़ पर टैंकर’ पर एक विमर्श…

युवा लेखक ललित फुलारा की कहानी ‘घिनौड़’ और ‘पहाड़ पर टैंकर’ पर एक विमर्श…

अरविंद मालगुड़ी पिछले दिनों ललित फुलारा की कहानी ‘घिनौड़’ और ‘पहाड़ पर टैंकर’ पढ़ी. इन दोनों ही कहानियों को मैंने छपने से पहले और छपने के बाद एक नहीं, दो-दो बार पढ़ा है. ‘घिनौड़’ (गौरेया) जहां एक वैज्ञानिक सोच वाली मनोवैज्ञानिक कहानी है, वहीं ‘पहाड़ पर टैंकर’ जड़ों से कट चुके उत्तराखंड के नौजवानों को […]

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 जलवायु परिवर्तन हिमालय के भूगर्भीय जलस्तर को घटा रहा है : शोध

जलवायु परिवर्तन हिमालय के भूगर्भीय जलस्तर को घटा रहा है : शोध

ग्लेशियर पिघलने से जल स्रोतों की स्वतंत्रता पर गंभीर संकट… निशांत पानी के चश्मे हिमालय क्षेत्र के ऊपरी तथा बीच becauseके इलाकों में रहने वाले लोगों की जीवन रेखा हैं. लेकिन पर्यावरणीय स्थितियों और एक दूसरे से जुड़ी प्रणालियों की समझ और प्रबंधन में कमी के कारण यह जल स्रोत अपनी गिरावट की ओर बढ़ […]

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 पंडित नैन सिंह रावत: महान लेकिन गुमनाम अन्वेषक

पंडित नैन सिंह रावत: महान लेकिन गुमनाम अन्वेषक

जिन्होंने हिमालय को नापा और तिब्बत की खोज की प्रकाश चन्द्र पुनेठा हमारे देश भारत में अनेक महान, साहसी तथा कर्तब्यनिष्ठ व्यक्तियों का जन्म हुवाँ है. जिन्होंने बिना किसी लोभ मोह लालसा के, अपने प्राणों का मोह त्याग कर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है. असाधारण कर्मठता व प्रतिभा के विरले व्यक्तित्व के महान व्यक्तियों […]

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 संकट में है आज हिमालय पर्यावरण

संकट में है आज हिमालय पर्यावरण

‘हिमालय दिवस’ (9 सितम्बर) पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज हिमालय दिवस है.पिछले कुछ वर्षों से देश भर में, खासकर उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में 9 सितम्बर को ‘हिमालय दिवस’ मनाया जा रहा है. हिमालय दिवस की शुरुआत 9 सितंबर,2010 को हिमालय पर्यावरण को समर्पित जाने माने पर्यावरणविदों सर्वश्री सुन्दर लाल बहुगुणा, सुरेश भाई, […]

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 अपने अस्तित्व और जीवन के सार को बचाने के लिये सामूहिक रूप से प्रकृति के संरक्षण हेतु जुटना होगा – डॉ. जोशी

अपने अस्तित्व और जीवन के सार को बचाने के लिये सामूहिक रूप से प्रकृति के संरक्षण हेतु जुटना होगा – डॉ. जोशी

“हिमालय और प्रकृति” की थीम पर मनाया जाएगा 11वां हिमालय दिवस हिमांतर ब्‍यूरो जीवन और अर्थव्यवस्था के परिग्रह के परिणामस्वरूप ही विश्व पर कोविड-19 महामारी की मार पड़ी है. मानव इतिहास में अब तक की सबसे खराब इस महामारी ने पूरे विश्व को पंगु बना दिया है और हर तरह की गतिविधि पर रोक लगा […]

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 पहाड़ों में ‘छन’ की अपनी दुनिया

पहाड़ों में ‘छन’ की अपनी दुनिया

मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—42 प्रकाश उप्रेती आज बात “छन” की. छन मतलब गाय-भैंस का घर. छन के बिना घर नहीं और घर के बिना छन नहीं.  पहाड़ में घर बनाने के साथ ही छन बनाने की भी हसरत होती थी. एक अदत छन की इच्छा हर कोई पाले रहता है. ईजा को […]

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 बादल फटने की त्रासदी से कब तक संत्रस्त रहेगा उत्तराखंड?

बादल फटने की त्रासदी से कब तक संत्रस्त रहेगा उत्तराखंड?

डॉ. मोहन चन्द तिवारी उत्तराखंड इन दिनों पिछले सालों की तरह लगातार बादल फटने और भारी बारिश की वजह से मुसीबत के दौर से गुजर रहा है.हाल ही में 20 जुलाई को पिथौरागढ़ जिले के बंगापानी सब डिवीजन में बादल फटने से 5 लोगों की मौत हो गई, कई घर जमींदोज हो गए और मलबे […]

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 ‘गंगा’

‘गंगा’

कहानी सीता राम शर्मा ‘चेतन’ रात्रि के आठ बज रहे थे. हमारी कार हिमालय की चोटियों पर रेंगती हुई आगे बढ़ रही थी. नौजवान ड्राइवर मुझ पर झुंझलाया हुआ था – “मैनें आपसे कहा था भाई साहब, यहीं रूक जाओं, आपने मेरी एक ना सुनी, अब इस घाटी में दूर-दूर तक कोई होटल-धर्मशाला है भी […]

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 गुफा की ओर

गुफा की ओर

कहानी   एम. जोशी हिमानी चनी इतनी जल्दी सारी खीर खा ली तूने? ‘‘नही मां मैने खीर जंगल के लिए रख ली है. दिन में बहुत भूख लगती है वहीं कुछ देर छांव में बैठकर खा लूंगी. अभी मैंने सब्जी रोटी पेट भर खा ली है. मां आप प्याज की सूखी सब्जी कितनी टेस्टी बनाती हो. […]

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 प्रकृति की गोद में बसा हरकीदून, बुग्याल और कई किस्म के फूलों की महक जीत लेती है दिल

प्रकृति की गोद में बसा हरकीदून, बुग्याल और कई किस्म के फूलों की महक जीत लेती है दिल

शशि मोहन रावत ‘रवांल्‍टा’ मानव प्रकृति प्रेमी है. प्रकृति से ही उसे आनंद की अनुभूति होती है. मानव का प्रकृति से प्रेम भी स्वाभाविक ही है, क्योंकि प्रकृति उसकी सभी मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करती है. इसी प्रकृति ने पर्वतराज हिमालय की गोद में अनेक पर्यटन स्थलों का निर्माण किया है. इन्हीं पर्यटन स्थलों में […]

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