प्रदीप रावत (रवांल्टा) इतिहास को समझना और जानना बहुत कठिन है. परत दर परत, जितनी भी नई परतों को कुरेदते जाएंगे, हर परत के पीछे एक नई परत निकल आती है. इतिहास का प्रयोग विशेष रूप से दो अर्थों में किया जाता है. एक है प्राचीन या विगत काल की घटनाएं और दूसरा उन घटनाओं […]
इतिहास
राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 30 जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि है. इस दिन समूचा देश राष्ट्रपिता को देश की आजादी के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान हेतु अपनी because भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.राष्ट्रपिता के दिशा निर्देशन में ही भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी […]
125वीं जन्मजयंती पर नेताजी को ‘भारतराष्ट्र’ का शत् शत् नमन डॉ. मोहन चंद तिवारी आज भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिवीर नेता सुभाष चन्द्र बोस की 125वीं जन्म जयंती है.समूचा देश नेता जी की इस जयंती को ‘पराक्रम दिवस’ के रूप में मना रहा है. यह भी स्वागत योग्य है कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) […]
डॉ. मोहन चंद तिवारी मेरे लिए दिनांक 28 अक्टूबर, 2020 का दिन इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है कि इस दिन रानीखेत-मासी मोटर मार्ग में लगभग 40 कि.मी.की दूरी पर स्थित सुरेग्वेल के निकट मुनिया चौरा में because पुरातात्त्विक महत्त्व की महापाषाण कालीन तीन ओखलियों के पुनरान्वेषण में सफलता प्राप्त हुई. सुरेग्वेल से एक कि.मी.दूर मुनिया चौरा […]
डॉ. मोहन चंद तिवारी एक वर्ष पूर्व दिनांक 11अक्टूबर, 2019 को जालली-मासी मोटरमार्ग पर स्थित सुरेग्वेल से एक कि.मी.दूर मुनियाचौरा गांव में मेरे द्वारा खोजी गई कपमार्क ओखली मेरी because नवरात्र शोधयात्रा की एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है. महापाषाण काल की यह कपमार्क मेगलिथिक ओखली उत्तराखंड के पाली पछाऊं क्षेत्र के सांस्कृतिक इतिहास को उजागर करने […]
मुर्दा और कंकाल का कुंड है रूपकुंड झील ऋचा जोशी आइए आज चलते है उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ों में स्थित रहस्यमय झील रूपकुंड तक. हिमालय के ग्लेशियरों के गर्मियों में पिघलने से उत्तराखंड के पहाड़ों में बनने वाली छोटी-सी झील हैं. so यह झील 5029 मीटर (16499 फीट) की ऊचाई पर स्थित हैं, जिसके चारो ओर […]
जिन्होंने हिमालय को नापा और तिब्बत की खोज की प्रकाश चन्द्र पुनेठा हमारे देश भारत में अनेक महान, साहसी तथा कर्तब्यनिष्ठ व्यक्तियों का जन्म हुवाँ है. जिन्होंने बिना किसी लोभ मोह लालसा के, अपने प्राणों का मोह त्याग कर अपने कर्तव्य का निर्वाह किया है. असाधारण कर्मठता व प्रतिभा के विरले व्यक्तित्व के महान व्यक्तियों […]
पितृपक्ष में पुण्यात्मा महामना मदन मोहन मालवीय जी का पुण्यस्मरण! डॉ. मोहन चंद तिवारी आजादी से पहले कांग्रेस पार्टी में एक ऐसा भी दौर आया था, जब अंग्रेजों की कूटनीतिक चाल के कारण कांग्रेस के नेता बुरी तरह से बिखरकर तीन-चार खेमों में बँट चुके थे.अंग्रेज हुक्मरान ‘फूट डालो राज करो’ की रणनीति के तहत […]
6 सितम्बर, 1932 पौड़ी क्रान्ति के नायक- जयानन्द ‘भारतीय’ डॉ. अरुण कुकसाल हाथ में तिरंगा उठा, नारे भी गूंज उठे, भाग चला, लाट निज साथियों की रेल में, जनता-पुलिस मध्य, शेर यहां घेर लिया, वीर जयानन्द, चला पौड़ी वाली जेल में. – शान्तिप्रकाश ‘प्रेम’ ‘मैं वीर जयानन्द ‘भारतीय’ का शुक्रिया अदा करता हूं कि उसने […]
शिक्षक दिवस (5 सितंबर) पर विशेष डॉ. मोहन चन्द तिवारी देश की आजादी की लड़ाई में उत्तराखंड के सल्ट क्रांतिकारियों की भी अग्रणी भूमिका रही थी. 5 सितंबर 1942 को महात्मा गांधी के ‘भारत छोड़ो’ राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन की प्रेरणा से जन्मे सल्ट के क्रांतिकारियों ने अपने क्षेत्र में स्वाधीनता आन्दोलन की लड़ाई लड़ते हुए […]
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