अनोज सिंह ‘बनाली’ की रवांल्टी कविता संग्रह ‘दुई आखर’ का लोकार्पण

अनोज सिंह ‘बनाली’ की रवांल्टी कविता संग्रह ‘दुई आखर’ का लोकार्पण

हिमांतर ब्यूरो, बड़कोट, उत्तरकाशी रवांल्टी भाषा में कविता लेखन का सिलसिला निरंतर जारी है. इसी कढ़ी में अनोज सिंह ‘बनाली’ का हालिया प्रकाशित रवांल्टी कविता संग्रह ‘दुई आखर’ का लोकार्पण लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के सदस्य महावीर रवांल्टा के मुख्य आतिथ्य तथा सेवानिवृत्त अध्यापक एवं गहन अध्येता रूकम सिंह रावत व जिला […]

Read More
 लोक कलाकार सीना दा अनंत यात्रा पर…

लोक कलाकार सीना दा अनंत यात्रा पर…

इन्द्र सिंह नेगी देश के विभिन्न भागों में अपने ढोल वादन की विशेष छाप छोड़ने वाले कालसी विकासखंड के गास्की गांव निवासी सत्तर वर्षीय सीना दा आज अनंत यात्रा पर चल लिए ……वो पिछले छ: because माह से टीबी व पेट के इन्फेक्शन से जूझ रहे थे तथा उनका इलाज एम्स ऋषिकेश से चल रहा […]

Read More
 प्रकृति से सहभाहिगता के पक्षधर मनीषी

प्रकृति से सहभाहिगता के पक्षधर मनीषी

चारु तिवारी ‘क्या हैं जंगल के उपकार, मिट्टी, पानी और बयार. मिट्टी, पानी और बयार,  जिन्दा रहने के आधार.’  पर्यावरण और हिमालय की हिफाजत की समझ को विकसित करने वाले इस नारे के साथ एक पीढ़ी बड़ी हुई. इस नारे को जन-जन तक पहुंचाने वाले हिमालय प्रहरी सुन्दरलाल बहुगुणा के साथ. साठ-सत्तर के दशक में हिमालय और […]

Read More
 उत्तराखंड के लोक और देव परंपरा को समझने के लिए एक ज़रूरी क़िताब

उत्तराखंड के लोक और देव परंपरा को समझने के लिए एक ज़रूरी क़िताब

पुस्तक समीक्षा चरण सिंह केदारखंडी कोटी बनाल (बड़कोट उत्तरकाशी) में 7 जून 1981 को जन्मे दिनेश रावत पेशे से शिक्षक और प्रवृति से यायावर और प्रकृति की पाठशाला के अध्येता हैं जिन्हें because अपनी सांस्कृतिक विरासत से बेहद लगाव है. अंक शास्त्र “रवांई के देवालय एवं देवगाथाएं” नवम्बर 2020 में प्रकाशित लोक संस्कृति पर उनकी […]

Read More
 जिलाधिकारी ने दिए घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान के निर्देश

जिलाधिकारी ने दिए घर-घर जाकर सघन चेकिंग अभियान के निर्देश

नीरज उत्तराखंडी, उत्तरकाशी कोरोना संक्रमण में निरन्तर हो रही वृद्धि को लेकर जनपद में कोविड -19 नियमों में सख्ती की गई है. मास्क  नहीं पहनने व होम आइसोलेशन नियमों का अनुपालन नहीं करने पर कल से उत्तरकाशी व बड़कोट में सघन चेकिंग अभियान चलाने के निर्देश उप जिलाधिकारी को दिए गए. बाजार में बिना मास्क […]

Read More
 उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

उत्तराखंड के इतिहास में बड़ी खोज, 1000 साल पुरानी मूर्ति, भगवान शिव के अवतार लकुलीश और पाशुपत धर्म    

प्रदीप रावत (रवांल्टा)  इतिहास को समझना और जानना बहुत कठिन है. परत दर परत, जितनी भी नई परतों को कुरेदते जाएंगे, हर परत के पीछे एक नई परत निकल आती है. इतिहास का प्रयोग विशेष रूप से दो अर्थों में किया जाता है. एक है प्राचीन या विगत काल की घटनाएं और दूसरा उन घटनाओं […]

Read More
 ‘फूल संगराँद’ से शुरु होकर ‘अर्द्ध’ से होते हुए ‘साकुल्या संगराँद’ तक चलता रहता है उत्सव

‘फूल संगराँद’ से शुरु होकर ‘अर्द्ध’ से होते हुए ‘साकुल्या संगराँद’ तक चलता रहता है उत्सव

सदंर्भ : फूलदेई दिनेश रावत वसुंधरा के गर्भ से प्रस्फुटित एक—एक नवांकुर चैत मास आते—आते पुष्प—कली बन प्रकृति के श्रृंगार को मानो आतुर हो उठते हैं. खेतों में लहलहाती गेहूँ—सरसों की because फसलों के साथ ही गाँव—घरों के आस—पास पयां, आड़ू, चूल्लू, सिरौल, पुलम, खुमानी के श्वेत—नीले—बैंगनी, खेत—खलिहानों के मुंडैरों से मुस्कान बिखेरती प्यारी—सी फ्योंली […]

Read More
 हाँ! सच है कि रवाँई में जादू है

हाँ! सच है कि रवाँई में जादू है

दिनेश रावत कभी दबे स्वर तो कभी खुलम-खुला अकसर चर्चा होती ही रहती है कि रवाँई में जादू है. बहुत से दिलेरे या रवाँईवासियों की अजीज मित्र मण्डली में शामिल साथी सम्बंधों का because लाभ उठाते हुए चार्तुयपूर्ण अंदाज में कुशल वाक्पटुता के साथ किन्तु-परन्तु का यथेष्ट प्रयोग करते हुए उन्हीं से ही पूछ लेते […]

Read More
 पुस्तक ‘रवाँई क्षेत्र के देवालय एवं देवगाथाएं’ लोकार्पित

पुस्तक ‘रवाँई क्षेत्र के देवालय एवं देवगाथाएं’ लोकार्पित

पुस्तक लोकार्पण हिमांतर ब्‍यूरो, उत्तरकाशी सामाजिक एवं पर्यावरणीय कल्याण समिति (सेवा) के तत्वाधान में देवभूमि उत्तराखण्ड के पश्चिमोत्तर रवाँई क्षेत्र में होने वाले प्रमुख लोकोत्सव देवलांग because के अवसर पर ‘देवडोखरी’ (बनाल) में because अवस्थित रा.उ.मा.विद्यालय के सभागार में दिनेश रावत की पुस्तक ‘रवाँई के देवालय एवं देवगाथाएँ’ का  लोकार्पण उत्‍तरकाशी जनपद के मुख्य शिक्षा […]

Read More
 यमुना घाटी: जल संस्कृति की अनूठी परम्परा

यमुना घाटी: जल संस्कृति की अनूठी परम्परा

यमुना—टौंस घाटी की अपनी एक जल संस्कृति है. यहां लोग स्रोतों से निकलने वाले पानी को देवताओं की देन मानते है. इन नदी—घाटियों में जल स्रोतों के कई कुंड स्थापित हैं.​ विभिन्न गांवों में उपस्थित इन पानी के कुंडों की अपनी—अपनी कहानी है. इस घाटी के लोग इन कुंडों से निकलने वाले जल को बहुत […]

Read More