आम के इतने नाम कि…
मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—26 प्रकाश उप्रेती आज बात- ‘आम’ और ‘नाम’ की. हमारे गाँव में आम ठीक-ठाक मात्रा में होता है. गाँव का एक सामूहिक बगीचा है जिसमें सभी गाँव वालों के पेड़ हैं. उसमें बहुत से पेड़ तो गांवों के ‘बुबुओं’ (दादा जी लोगों के नाम के) के नाम के भी […]
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