आम के इतने नाम कि…

आम के इतने नाम कि…

मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—26 प्रकाश उप्रेती आज बात- ‘आम’ और ‘नाम’ की. हमारे गाँव में आम ठीक-ठाक मात्रा में होता है. गाँव का एक सामूहिक बगीचा है जिसमें सभी गाँव वालों के पेड़ हैं. उसमें बहुत से पेड़ तो गांवों के ‘बुबुओं’ (दादा जी लोगों के नाम के) के नाम के भी […]

Read More
 च्यलेल परदेश और चेलिलि सौरास जाणे होय

च्यलेल परदेश और चेलिलि सौरास जाणे होय

मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—25 प्रकाश उप्रेती आज- ईजा, मैं और परदेश. ईजा की हमेशा से इच्छा रही कि हम भी औरों के बच्चों की तरह पढ़-लिखकर भविष्य बनाएँ. तब हमारे गाँव के बच्चों का भविष्य शहरों में जाकर ही बनता था. ईजा के लिए मुझे शहर भेजना मजबूरी और जरूरी दोनों था. […]

Read More
 सौण कम न भादौ

सौण कम न भादौ

मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—24 प्रकाश उप्रेती आज बात- बरसात, रात, सूखा, ‘गोल्देराणी’ पूजना और पहाड़ की. पहाड़ में बरसात के दिन किसी आफ़त से और रातें आपदा से कम नहीं होती थीं. चौमास में ‘झड़’ (कई दिनों तक लगातार बारिश का होना) पड़ जाते थे तो वहीं बे-मौसम बारिश सबकुछ बहा ले […]

Read More
 घास और थुपुड का पहाड़

घास और थुपुड का पहाड़

मेरे हिस्से और पहाड़ के किस्से भाग—23 प्रकाश उप्रेती हम इसे- ‘घा थुपुड’ कहते हैं. यह एक तरह से सूखी घास को लंबे समय तक धूप-बरसात से बचाकर सुरक्षित रखने का तरीका है. जब जंगलों में आग लग जाती थी और घास नहीं मिलती थी तो इसी घास से काम चलता था. पहाड़ अपनी परिस्थितियों […]

Read More
 आत्मनिर्भर पहाड़ की दुनिया

आत्मनिर्भर पहाड़ की दुनिया

प्रकाश उप्रेती मूलत: उत्तराखंड के कुमाऊँ से हैं. पहाड़ों में इनका बचपन गुजरा है, उसके बाद पढ़ाई पूरी करने व करियर बनाने की दौड़ में शामिल होने दिल्ली जैसे महानगर की ओर रुख़ करते हैं. पहाड़ से निकलते जरूर हैं लेकिन पहाड़ इनमें हमेशा बसा रहता है। शहरों की भाग-दौड़ और कोलाहल के बीच इनमें ठेठ […]

Read More
 जंगल जाते, किम्मु छक कर खाते

जंगल जाते, किम्मु छक कर खाते

प्रकाश उप्रेती मूलत: उत्तराखंड के कुमाऊँ से हैं. पहाड़ों में इनका बचपन गुजरा है, उसके बाद पढ़ाई पूरी करने व करियर बनाने की दौड़ में शामिल होने दिल्ली जैसे महानगर की ओर रुख़ करते हैं. पहाड़ से निकलते जरूर हैं लेकिन पहाड़ इनमें हमेशा बसा रहता है। शहरों की भाग-दौड़ और कोलाहल के बीच इनमें […]

Read More