ग्रामपंचायत स्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी, 923 व्यक्तियों का हुआ टीकाकरण

ग्रामपंचायत स्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी, 923 व्यक्तियों का हुआ टीकाकरण

कोविड-19 से सुरक्षा के लिए व्यवहार परिवर्तन को लेकर उपजजिलाधिकारियो के नेतृत्व में राजस्व उपनिरीक्षकों ने संभाली कमान हिमांतर ब्यूरो, नई टिहरी जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव के दिशा निर्देशों में विकास विभाग के तत्वाधान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रति ग्राम पंचायत स्तर पर एक ओर जहां सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा […]

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 अजय भट्ट ने सीएम को लिखा खत, कोरोना से मरने वाले पत्रकारों को दी जाए सरकारी मदद

अजय भट्ट ने सीएम को लिखा खत, कोरोना से मरने वाले पत्रकारों को दी जाए सरकारी मदद

अरविंद मालगुड़ी, नई दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के सांसद अजय भट्ट ने कोरोना वायरस से मरने वाले पत्रकारों के लिए सरकारी सहायता की मांग की है. उन्होंने इसे लेकर सूबे के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को खत लिखा है. भट्ट ने अपने खत में लिखा है कि कोरोना वायरस से मरने वाले पत्रकारों को मुख्यमंत्री […]

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 आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्‍ली क्या आप जानते हैं कि प्रशिक्षित कुत्ते आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं? यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह खुलासा एक नये शोध में हुआ है. so जिसमें कहा गया है कि प्रशिक्षित कुत्ते 96 फीसदी तक सार्स सीओवी-2 वायरस को पेशाब में सूंघ सकते हैं. दरअसल, कुत्तों […]

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 जय हो ग्रुप की अनूठी पहल

जय हो ग्रुप की अनूठी पहल

बेसहारा और बेजुबान जानवरों का सहारा बना जय हो ग्रुप, 111 दिनों तक खिलाई रोटियां हिमांतर ब्‍यूरो, उत्‍तरकाशी नगर पालिका परिषद, बड़कोट क्षेत्र में लॉक डाउन प्रथम से लेकर 111 दिनों तक सामाजिक चेतना की बुलन्द आवाज ‘‘जय हो” ग्रुप के कर्तव्यनिष्ठ स्वयंसेवियों ने बेजुबान जानवरों को रोटी दान मांगकर खिलाने का काम किया. ग्रुप […]

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 कोरोना जनित संकट: मजदूरों को झेलनी पड़ी सबसे अधिक मुसीबत और बेरोजगारी

कोरोना जनित संकट: मजदूरों को झेलनी पड़ी सबसे अधिक मुसीबत और बेरोजगारी

अनीता मैठाणी सुख हो, दुख हो, आपद हो, विपद हो बच्चे जब तक माता-पिता के छत्र-छाया में होते हैं सब झेल जाते हैं. क्योंकि माता-पिता अपनी जान पर खेलकर भी अपने नन्हें-मुन्नों को आंच नहीं आने देते. यदि विचार करें तो जनता के लिए सरकारें भी माता-पिता की भूमिका में होते हैं यदि वे इसे स्वीकारें […]

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