समसामयिक

किरण नेगी के हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज ने निकाला कैंडल मार्च

किरण नेगी के हत्यारों को फांसी देने की मांग को लेकर उत्तराखंडी समाज ने निकाला कैंडल मार्च

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तमाम समाजिक संगठनों और लोगों ने उत्तराखंड एकता मंच से न्याय के लिए गुहार लगाई पंकज ध्यानी, नई दिल्ली दिल्ली-एनसीआर में काम कर रहे सामाजिक संगठन और उत्तराखंड के लोगों ने जंतर मंतर में कैंडल मार्च निकाला. सभी ने एक स्वर में मांग की है कि उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी के साथ जिन दरिन्दों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार की, इन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए. उत्तराखंड कैंडल मार्च में उत्तराखण्ड की बेटी किरन नेगी के माता-पिता ने कहा कि हमें देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का न्याय हमारे हक में होगा. उत्तराखंड आपको बता दें की उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी 9 फरवरी 2012 को गुड़गांव स्थित कंपनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़, छावला कला कॉलोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन ...
पुत्र तर्क-वितर्कों में मस्त, मां एक कोने में बेबस!

पुत्र तर्क-वितर्कों में मस्त, मां एक कोने में बेबस!

समसामयिक
नरेन्द्र कठैत मातृभाषा दिवस अर्थात 21 फरवरी नियत तिथि! किंतु कैसे भूल सकते हैं नियति की वह परिणति जो इसी माह की सातवीं तिथि को ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने के बाद because घटित हुई. और...... रैणी तपोवन में  हमारे हिस्से में आंसूओं का न थमने वाला सैलाब छोड़ गई. किसी ने पुत्र खोया- किसी ने पति - किसी ने सगा भाई ! किंतु थे तो वे सभी मां के लाल ही!! और हां! वे पालतू मवेशी भी जिनपर कई परिवारों because की रोजी रोटी टिकी हुई थी उनको भी विपदा लील गई. हर बार विपदा में हमें ढांढस बंधाने वाले यही कहते है कि ‘हिम्मत रखिए!! पहाड़ विकट परिस्थितियों में भी नहीं झुकते!!’ लेकिन ये कौन कहे कि मां का हृदय पत्थर का नहीं है. मित्र यह तिथि को जो पर्वप्रिय मित्र पर्व के रूप में मना रहे हैं वे बधाई स्वीकार करें!  किंतु सत्य कहें हम आज की तिथि में इसे पर्व के रूप में मनाने की स्थिति में कदापि नहीं हैं. क्योंक...
पैंगोंग झील से कदम पीछे हटाने को मजबूर हुआ चीन

पैंगोंग झील से कदम पीछे हटाने को मजबूर हुआ चीन

समसामयिक
वाई एस बिष्ट, नई दिल्ली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राज्यसभा में पूर्वी लद्दाख के मौजूदा हालात की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पैंगोंग झील इलाके में चीन के साथ पीछे हटने को लेकर समझौता हो गया है. पिछले 8 महीने से ज्यादा समय से भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने हैं. राजनाथ सिंह ने कहा कि मैं सदन को यह भी बताना चाहता हूं कि भारत ने चीन को हमेशा यह कहा है कि द्विपक्षीय संबंध दोनों पक्षों के प्रयास से ही विकसित हो सकते हैं, साथ ही सीमा के प्रश्न को भी बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति में किसी प्रकार की प्रतिकूल स्थिति का हमारे द्विपक्षीय संबंधों पर बुरा असर पड़ता है. कई उच्च स्तरीय संयुक्त बयानों में भी यह जिक्र किया गया है कि एलएसी तथा सीमाओं पर शांति कायम रखना द्विपक्षीय संबंधों के लिए अत्यंत आवश्यक है. पिछले वर्ष मैंने इस सदन क...
राष्ट्रीय बीज निगम के सीएसडी ने कृषि मंत्री को सौंपा लाभांश का चेक

राष्ट्रीय बीज निगम के सीएसडी ने कृषि मंत्री को सौंपा लाभांश का चेक

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वाई एस बिष्ट पूसा के राष्ट्रीय बीज भवन पर राष्ट्रीय बीज निगम लि. (भारत सरकार का उपक्रम ‘मिनी रत्न’ कंपनी) ने भारत सरकार के कृषि मंत्री को 8 करोड़, 97 लाख, 58 हजार, so 722 रूपए लाभांश का चैक सौंपा. यह चेक विनोद कुमार गौड़, सीएमडी, एनएससी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी को सौंपा. विनोद कुमार गौड़ इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि खेती के क्षेत्र में बीज की बड़ी महत्ता है, ऐसे में बीज के क्षेत्र में काम करने वालों की बहुत अहम because जवाबदेही होती है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति हो या संस्था, दोनों को सफर के स्मरण को संजोना बहुत ही सुखद होता है. इस अवसर पर सीड ट्रेसबिलिटी मोबाइल एप लांच किया. इस एप के माध्यम से असली बीजों की जानकारी मिलेगी और किसान धोखाधड़ी से बच सकेंगे. because केंद्रीय मंत्री ने इस ...
कब पूरा होगा गांधी जी के ‘ग्राम स्वराज’ का अधूरा सपना?

कब पूरा होगा गांधी जी के ‘ग्राम स्वराज’ का अधूरा सपना?

समसामयिक
गणतंत्र दिवस पर विशेष डॉ. मोहन चंद तिवारी आज 26 जनवरी का दिन पूरे देश में गणतंत्र दिवस के रूप में बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. 26 जनवरी सन् 1950 को देश का संविधान लागू किया गया because और हमारे देश भारत को गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया था.उसी उपलक्ष में भारत देश के प्रत्येक नागरिक के द्वारा गणतंत्र दिवस को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है. माथा भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास में यह दिन इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि 31 दिसम्बर,1929 को पं.जवाहर so लाल नेहरू की अध्यक्षता में लाहौर में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अधिवेशन में ब्रिटिश साम्राज्यवादी शासकों के सामने यह मांग रखी गई थी, कि यदि अंग्रेज सरकार 26 जनवरी,1930 तक भारत को 'डोमेनियम स्टेटस' नहीं प्रदान करेगी तो भारत अपने को पूर्ण स्वतंत्र घोषित कर देगा. किन्तु अंग्रेज सरकार पर इस घोषणा का कोई असर न...
गांवों में बदलाव की मुहिम छेड़ रहा है गढ़वाल कुमाऊं वार्रियर्स!

गांवों में बदलाव की मुहिम छेड़ रहा है गढ़वाल कुमाऊं वार्रियर्स!

समसामयिक
हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्ली प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बीके सामंत ने कहा कि गढ़वाल कुमाऊं वार्रियर्स के तहत हम हर जिले से हमारे इस संगठन में एक लाख लोगों को जोड़ेंगे, उसके उपरांत हमारी कोशिश रहेगी की अपने संगठन के माध्यम से जिलों के हर उन गांवों तक पहुंचें जो सामाजिक व विकास की दृष्टि से पिछड़े हों, इन गांवों को गोद लेने के बाद हम गांवों में शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सड़क, रास्ते, खेती, because संस्कृति व खेलों को लेकर व्यापक पैमाने पर काम करेंगे. संगठन उन्होंने आगे कहा कि हम युवाओं में बढ़ रहे नशे के खिलाफ भी निर्णायक मुहिम छेड़ेंगे, गांवों को गोद लेने की हमारे संगठन की एक अपनी प्रक्रिया होगी, जैसे कि गांव की आबादी व गांव से पलायन चुके लोगों की आबादी, अपने गांव से पलायन कर चुके लोगों को हम कैसे उन्हें उनके गांव से जोड़ें इसको लेकर भी हमारे...
भारतीय किसान की चुनौतियां सुलझाना जरूरी…

भारतीय किसान की चुनौतियां सुलझाना जरूरी…

समसामयिक
गाँव और शहर के बीच की बढ़ती खाई ने शहर को ही विकास की नीति का केंद्र बना दिया प्रो. गिरीश्वर मिश्र भारत बहुत दिनों से गाँवों की धरती के रूप में पहचाना जाता रहा है. भारत के परम्परागत सामाज के मौलिक प्रतिनिधि के रूप में गाव को लिया गया. so सन सैतालिस में पचासी प्रतिशत भारतवासी गाँवों में रहते थे. खेती-बाड़ी ही आम जन की आजीविका का मुख्य साधन था. तब भारत की राष्ट्रीय आय में 55 प्रतिशत हिस्सा खेती का था. किसान देश की मजबूती की कड़ी था. राष्ट्र के निर्माण में किसान मुख्य था. because असली  भारत का प्रतिनिधि था गाँव. आर्थिक विकास में सत्तर के दशक की हरित क्रांति के आधार पर भारत खाद्यान्न में आत्म निर्भर हुआ था. सात दशक बाद गाव की यह छवि बदल चुकी है. अब भारत तेजी से आगे बढ़ते शहरों और मध्यवर्ग की छवि वाला हो रहा है. भारत गांव या कृषि क्षेत्र एक बेवजह के भार जैसा, पिछड़ेपन, अशिक्षा और गरी...
पंकज ध्यानी चुने गए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के महासचिव

पंकज ध्यानी चुने गए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के महासचिव

समसामयिक
हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्‍ली पंकज ध्यानी को राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय का महासचिव चुना गया है. वह एनएसडी प्रशासन से जुड़े हुए हैं और इससे पहले साल 2010 में भी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के महासचिव चुने गए थे. so उन्होंने आज एनएसडी परिसर but के अभिमंच सभागार में अपने पद की शपथ ली है. पिछले साल नवंबर में एनएसडी कर्मचारी संगठन ने गुप्त मतदान के जरिए पंकज ध्यानी को जनरल सेकेट्री चुना था. पंकज ध्यानी because राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में नौकरी करते हुए रंगमंच के क्षेत्र में भी काफी सक्रिय हैं. उन्होंने कई बड़े नाट्य निर्देशकों के साथ काम किया है और कई नाटकों का निर्देशन भी किया है. हिमालय मूलत: पौड़ी गढ़वाल के because लैंसडाउन के गिवोली गांव के रहने वाले पंकज 1998-1999 से एनएसडी में नौकरी कर रहे हैं. अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने वर्कर यूनियन के लिए काफी काम किये so और जिन लोगों का प्रम...
राजनीति के अखाड़े में खेती के दांव पेंच  

राजनीति के अखाड़े में खेती के दांव पेंच  

समसामयिक
प्रो. गिरीश्वर मिश्र किसान आंदोलन को एक  पखवाड़ा बीत चुका  है और गतिरोध ऐसा कि जमी बर्फ पिघलने का नाम ही नहीँ ले रही है. आज खेती किसानी के सवालों को ले कर राजधानी दिल्ली को चारों because ओर से घेर कर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से चल कर आए हजारों किसानों का केन्द्रीय सरकार के कानूनों के खिलाफ धरना-आन्दोलन  बदस्तूर जारी है. सरकारी पक्ष के साथ पांच छह दौर की औपचारिक बातचीत में so कृषि से जुडे तीन बिलों के विभिन्न पहलुओं पर घंटों विस्तृत  चर्चा हुई पर अभी तक कोई हल नहीं निकला और दोनों पक्षों के बीच सुलह की कोई बात नहीं बन पाई है. बीच में आन्दोलन के समर्थन के लिए ‘भारत बंद’ का भी आयोजन हुआ जिसका देश में मिला-जुला असर रहा. अब आन्दोलन को और तेज करने और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश हो रही है . केन्द्रीय सरकार किसानों के मन  में कृषि के कार्पोरेट हाथों में दिये जाने की शंका बनी ...
टिहरी में कांग्रेस को बड़ा झटका

टिहरी में कांग्रेस को बड़ा झटका

समसामयिक
जिला पंचायत सदस्य व जिला नियोजन समिति टिहरी के सदस्य अमेन्द्र बिष्ट ने पहनी 'आप' की टोपी इन्‍द्र सिंह नेगी, देहरादून   टिहरी में कांग्रेस के ओबीसी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष, so जनपद में कांग्रेस का सक्रिय युवा, जानकार, संवेदनशील व लगभग सभी वर्गो में समान रूप से लोक प्रिय चेहरा जिला पंचायत सदस्य व जिला नियोजन समिति टिहरी के सदस्य अमेन्द्र बिष्ट ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की but उपस्थिति में कांग्रेस को अलविदा कह विधिवत् आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर टोपी पहन ली है. अमेन्द्र बिष्ट के इस दाव से कयास लगाया जा सकता है कि वे विधानसभा चुनाव- 2022 में धनोल्टी विधानसभा से प्रत्याशी होगें. विधानसभा अमेन्द्र पिछले कुछ समय से because गोपनीय ढंग से अपनी टीम की राय लेने में व्यस्त थे, भाजपा में पहले से ही नेताओं की लम्बी फेहरिस्त है जहां उनके लिए कोई सम्भावना नजर नहीं आ रही ...