तमाम समाजिक संगठनों और लोगों ने उत्तराखंड एकता मंच से न्याय के लिए गुहार लगाई
- पंकज ध्यानी, नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में काम कर रहे सामाजिक संगठन और उत्तराखंड के लोगों ने जंतर मंतर में कैंडल मार्च निकाला. सभी ने एक स्वर में मांग की है कि उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी के साथ जिन दरिन्दों ने गैंगरेप किया और हैवानियत की सारी हदें पार की, इन दरिंदों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए.
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कैंडल मार्च में उत्तराखण्ड की बेटी किरन नेगी के माता-पिता ने कहा कि हमें देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का न्याय हमारे हक में होगा.
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आपको बता दें की उत्तराखंड की बेटी किरण नेगी 9 फरवरी 2012 को गुड़गांव स्थित कंपनी से काम करके अपनी तीन सहेलियों के साथ रात करीब 8:30 बजे नजफगढ़, छावला कला कॉलोनी पहुंची थी कि तभी कार में सवार तीन वहशी दरिंदों ने तीनों लड़कियों से बदतमीजी करनी शुरू कर दी, जैसे ही तीनों लड़कियां वहां से भागने लगी, उसी दौरान दरिन्दों ने उसे जबरन कार में बिठाकर और उसका सामूहिक बलात्कार करने के बाद उसके कानों में तेजाब डालकर सारी हदें पार कर उसकी लाश को हरियाणा के खेतों में फेंक कर चले गए. उसकी सहेलियों ने किरण की खबर पुलिस व उसके घर वालों को दी, लेकिन पुलिस ने इस पर जो कार्यवाही की वो जग जहीर है, उसके बाद उत्तराखंड समाज के लोगों ने सड़कों पर निकल कर इस घटना का जबरदस्त विरोध किया, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई.
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14 फरवरी को किरण की लाश पुलिस को हरियाणा के खेतों से मिली. पुलिस ने अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा, जिसके बाद द्वारका कोर्ट ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाई और हाई कोर्ट ने फांसी की सजा बरकार रखी. 2012 से अभी तक यानी की कल 2 मार्च 2021 को देश की सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दामनी किरण नेगी के केस पर क्या फैसला आता है ये अभी भविष्या के गर्भ में है.
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सभी देश वासियों से आग्रह है कि इस दुख की घड़ी में एकजुट रहें, उन आरोपियों को सजा मिले जो अभी जेल मे हैं.
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सुप्रिम कोर्ट का फैसला किरन नेगी के माता-पिता और हर भारतीयों के हक में आए, जो अपनी बहन बेटीयों से प्यार करते हैं.
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हमारी उत्तराखण्ड की बिटिया दामिनी किरन नेगी के हत्यारों, दरिन्दों को फांसी मिले यह दुआ करें.