Tag: पौड़ी गढ़वाल

उत्तराखंड: पुलिस के पास पहुंचे गोदियाल, इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग, ये है मामला

उत्तराखंड: पुलिस के पास पहुंचे गोदियाल, इस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग, ये है मामला

उत्तराखंड हलचल
पौड़ी: उत्तराखंड में कल 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। चुनाव प्रचार एक दिन पहले यानी 17 अप्रैल को थम चुका है। लेकिन, गढ़वाल लोकसभा सीट पर चुनावी संग्राम थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशीयों के समर्थक अपने-अपने नेताओं को श्रेष्ठ साबित करने में जुटे हुए हैं। इस बीच खुद को रामनगर का मंडल अध्यक्ष बताने मदन जोशी नाम के फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो अपलोड किया गया है। इस वीडियो की जानकारी मिलते ही गणेश गोदियाल ने पौड़ी SSP से इस पूरे मामले की शिकायत की है। दरअसल, मदन जोशी नाम के फेसबुक अकाउंट पर जो वीडियो को अपलोड किया गया है। उस वीडियो में बताया जा रहा है कि बताया जा रहा है कि यह तीन मंजिला बिल्डिंग गणेश गोदियाल की है और इसमें चोरी की लकड़ी भी रखी गई है। इस पर गणेश गोदियाल ने पुलिस से शिकायत करने साथ ही यह भी कहा है कि यह बिल्ड...
उत्तराखंड: यहां पकड़ी गई 9 हजार 300 शराब की पेटियां, प्लांट सील, BJP पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड: यहां पकड़ी गई 9 हजार 300 शराब की पेटियां, प्लांट सील, BJP पर लगाए गंभीर आरोप

उत्तराखंड हलचल
पौड़ी : निर्वाचन आयोग चुनाव में शराब का प्रयोग ना हो, इसके लिए लागातार नजर बनाए हुए है। चेकिंग की जा रही है। कई जगहों पर भारी मात्रा में शराब और कैश भी बरामद हो चुका है। लेकिन, सतपुली का एक मामला चर्चाओं में है। यहां श्रीराम एग्रीवेंचर बॉटलिंग प्लांट में करीब 9 हजार 3 पेटियां विभिन्न ब्रांड के शराब की पकड़ी गई हैं। हैरानी की बात है कि जिस बॉटलिंग प्लांट में शराब पकड़ी गई। उसका लाइसेंस रिन्यू ही नहीं हुआ है। ऐसे में आबकारी विभाग सवालों के घेरे में है। कांग्रेस प्रत्याशी गणेश गोदियाल ने इसके लिए सीधे तौर पर आबकारी कमिश्नर को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें सस्पेंड करने की मांग चुनाव आयोग से की है। साथ ही यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा प्रत्याशी शराब के सहारे चुनाव जीतना चाहते हैं। उनका आरोप है कि यह पूरी शराब बड़े अधिकारियों की देखरेख के बगैर यहां पहुंच ही नहीं सकती है। उन्होंने इस पूरे मामले की ...
हिमालय के सावनी गीत…

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ट्रैवलॉग
मंजू काला मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखती हैं. इनका बचपन प्रकृति के आंगन में गुजरा. पिता और पति दोनों महकमा-ए-जंगलात से जुड़े होने के कारण, पेड़—पौधों, पशु—पक्षियों में आपकी गहन रूची है. आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लेखन करती हैं. आप ओडिसी की नृतयांगना होने के साथ रेडियो-टेलीविजन की वार्ताकार भी हैं. लोकगंगा पत्रिका की संयुक्त संपादक होने के साथ—साथ आप फूड ब्लागर, बर्ड लोरर, टी-टेलर, बच्चों की स्टोरी टेलर, ट्रेकर भी हैं.  नेचर फोटोग्राफी में आपकी खासी दिलचस्‍पी और उस दायित्व को बखूबी निभा रही हैं. आपका लेखन मुख्‍यत: भारत की संस्कृति, कला, खान-पान, लोकगाथाओं, रिति-रिवाजों पर केंद्रित है. इनकी लेखक की विभिन्न विधाओं को हम हिमांतर के माध्यम से ‘मंजू दिल से…’ नामक एक पूरी सीरिज अपने पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. पेश है मंजू दिल से… की 25वीं किस्त… म...
हिंदुस्तान की कर्नाटकी…

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ट्रैवलॉग
मंजू काला मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखती हैं. इनका बचपन प्रकृति के आंगन में गुजरा. पिता और पति दोनों महकमा-ए-जंगलात से जुड़े होने के कारण, पेड़—पौधों, पशु—पक्षियों में आपकी गहन रूची है. आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लेखन करती हैं. so आप ओडिसी की नृतयांगना होने के साथ रेडियो-टेलीविजन की वार्ताकार भी हैं. लोकगंगा पत्रिका की संयुक्त संपादक होने के साथ—साथ आप फूड ब्लागर, बर्ड लोरर, टी-टेलर, बच्चों की स्टोरी टेलर, ट्रेकर भी हैं.  नेचर फोटोग्राफी में आपकी खासी दिलचस्‍पी और उस दायित्व को बखूबी निभा रही हैं. आपका लेखन मुख्‍यत: भारत की संस्कृति, कला, खान-पान, लोकगाथाओं, रिति-रिवाजों पर केंद्रित है. इनकी लेखक की विभिन्न विधाओं को हम हिमांतर के माध्यम से 'मंजू दिल से...' नामक एक पूरी सीरिज अपने पाठकों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं. पेश है मंजू दिल से... की 12वीं किस्त... ...
अन्वेषक अमर सिंह रावत के अमर उद्यमीय प्रयास

अन्वेषक अमर सिंह रावत के अमर उद्यमीय प्रयास

इतिहास
डॉ. अरुण कुकसाल सीरौं गांव (पौड़ी गढ़वाल) के महान अन्वेषक और उद्यमी अमर सिंह रावत सन् 1927 से 1942 तक कंडाली, पिरूल और रामबांस के कच्चेमाल से व्यावसायिक स्तर पर सूती और ऊनी कपड़ा बनाया करते थे. उन्होने सन् 1940 में मुम्बई (तब का बम्बई) में प्राकृतिक रेशों से कपड़ा बनाने के कारोबार में काम करने का 1 लाख रुपये का ऑफर ठुकरा कर अपने गढ़वाल में ही स्वःरोजगार की अलख जगाना बेहतर समझा. परन्तु हमारे गढ़वाली समाज ने उनकी कदर न जानी. आखिर में उनके सपने और आविष्कार उनके साथ ही विदा हो गये. बात अतीत की करें तो उत्तराखंड में सामाजिक चेतना की अलख़ जगाने वालों में 3 अग्रणी व्यक्तित्व इसी गांव से ताल्लुक रखते थे. अन्वेषक एवं उद्यमी अमर सिंह रावत, आर्य समाज आंदोलन के प्रचारक जोध सिंह रावत और शिक्षाविद् डॉ. सौभागयवती. यह भी महत्वपूर्ण है कि गढ़वाल राइफल के संस्थापक लाट सुबेदार बलभद्र सिंह नेगी के पूर्वज...
शिक्षक ‘ज्ञानदीप’ है जो जीवनभर ‘दिशा’ देता है

शिक्षक ‘ज्ञानदीप’ है जो जीवनभर ‘दिशा’ देता है

समसामयिक
गुरु पूर्णिमा पर विशेष डॉ. अरुण कुकसाल बचपन की यादों की गठरी में यह याद है कि किसी विशेष दिन घर पर दादाजी ने चौकी पर फैली महीन लाल मिट्टी में मेरी दायें करांगुली (तर्जनी) घुमाकर विद्या अध्ययन का श्रीगणेश किया था. स्कूल जाने से पहले घर पर होने वाली इस पढ़ाई को घुलेटा (आज का प्ले ग्रुप) कहा जाता था. संयोग देखिये कि जिस ऊंगली से हम दूसरों की कमियों की ओर इशारा या उनसे तकरार करते हैं, उसी से हम ज्ञान का पहला अक्षर सीखते हैं. कुछ दिनों बाद 'आधारिक विद्यालय, कण्डारपाणी' असवालस्यूं (पौड़ी गढ़वाल) में भर्ती हुए तो रोज पढ़ने से पहले बच्चे बोलते...... ‘आगे-पीछे बाजे ढोल, सरस्वती माता विद्या बोल’. घर से स्कूल जाने से पहले सभी बच्चे तमाम कामों में घरवालों का हाथ बांटते. गांव का सयाना जिसकी उस दिन बच्चों को स्कूल छोड़ने की बारी होती वो जोर से धै लगाता ‘तैयार ह्ववे जावा रे’. बस थोड़ी ही देर में ...