योग-साधना

योगगुरु नवदीप जोशी के नेतृत्व में लाखों योग प्रेमियों ने किया योग

योगगुरु नवदीप जोशी के नेतृत्व में लाखों योग प्रेमियों ने किया योग

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नवयोग सूर्योदय सेवा समिति ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में योगगुरु नवदीप जोशी के नेतृत्व में लाखों योग प्रेमियों को योग साधना से जोड़ने का कार्य किया. 15 दिनों तक ऑनलाइन सेमिनार, 21 जून को देश के 10 स्थानों पर हजारों साधकों का आभास, एवम 190 स्थानों पर सौ साधकों का आभास हुआ. नवयोग के संस्थापक योग गुरु नवदीप जोशी ने माननीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह के नेतृत्व में एवं जनरल मनोज पांडे के सानिध्य में, सेवारत सेनाकर्मियों, सेनापरिवारों और बच्चों को मथुरा में योग आभास करवाया. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शारीरिक दिव्यांग संस्थान में 650 दिव्यांगजनों,उत्तराखंड के प्रत्येक जिले सहित 20 स्थानों में, उत्तर प्रदेश में 50 स्थानों, हरियाणा के 10 स्थानों, दिल्ली में 35 स्थानों, राजस्थान के 50 स्थानों, पंजाब के 10 स्थानों, हिमांचल के 10 स्थानों, बिहार के 20 स्थानों, जम्मू कश्मीर के 10 स्थानों, मध्य ...
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस: समग्र जीवन का उत्कर्ष है योग

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून, 2022)  पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र  आज के सामाजिक जीवन को देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि हर कोई सुख, स्वास्थ्य, शांति और समृद्धि के साथ जीवन में प्रमुदित और प्रफुल्लित अनुभव करना चाहता है. इसे ही जीवन का उद्देश्य स्वीकार कर मन में इसकी अभिलाषा लिए because आत्यंतिक सुख की तलाश में सभी व्यग्र हैं और सुख है कि अक्सर दूर-दूर भागता नजर आता है. आज हम ऐसे समय में जी रहे हैं जब हर कोई किसी न किसी आरोपित पहचान की ओट में मिलता है. दुनियावी व्यवहार के लिए पहचान का टैग चाहिए पर टैग का उद्देश्य अलग-अलग चीजों के बीच अपने सामान को खोने से बचाने के लिए होता है. टैग जिस पर लगा होता है उसकी विशेषता से उसका कोई लेना-देना नहीं होता. ज्योतिष आज हमारे जीवन में टैगों का अम्बार लगा हुआ है और टैग से जन्मी इतनी सारी भिन्नताएं हम सब ढोते चल रहे हैं. मत, पंथ, पार्टी, जाति,...
प्रकृति परमेश्वरी के प्रति सायुज्य यानी समर्पणभाव ही योग है

प्रकृति परमेश्वरी के प्रति सायुज्य यानी समर्पणभाव ही योग है

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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष  डॉ. मोहन चंद तिवारी भारत के लिए यह गौरव का विषय है कि विश्व आज फिर से अपने पूर्वजों के योग चिंतन की प्रासंगिकता को स्वीकार कर रहा है.अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रत्येक देशवासी का कर्तव्य होना चाहिए कि भारत के ज्ञान की इस अमूल्य धरोहर की रक्षा के लिए ऐसा कुछ करे,जिससे कि व्यक्ति और राष्ट्र दोंनों लाभान्वित हों because  और समूचा विश्व जो आज भुखमरी,कुपोषण, आर्थिक विषमता,आतंकवाद,अकाल, सूखा,ग्लोबल वार्मिंग, जलवायु परिवर्तन, कोरोना महामारी जैसी प्राकृतिक आपदाओं की विभीषिकाएं झेल रहा है उनसे भी मुक्त हो सके. तभी अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रचारित किया जाने वाले सूक्ति वाक्य ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया:’की भावना को सही मायनों में विश्व पटल पर चरितार्थ किया जा सकेगा. योग भारत के सन्दर्भ में प्रकृति परमेश्वरी के साथ स...
योग ही है आज का युग धर्म

योग ही है आज का युग धर्म

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विश्व योग दिवस (21 जून) पर विशेष प्रो. गिरीश्वर मिश्र योग का शाब्दिक अर्थ सम्बन्ध (या जोड़ ) है और उस सम्बन्ध की परिणति भी. इस तरह जुड़ना , जोड़ना, युक्त होना, संयुक्त होना  जैसी प्रक्रियाएं योग कहलाती हैं जो शरीर, मन और सर्वव्यापी चेतन तत्व के बीच सामंजस्य स्थापित करती हैं. कुल मिला कर योग रिश्तों को पहचानने की एक अपूर्व वैज्ञानिक कला है जो मनुष्य को उसके अस्तित्व के व्यापक सन्दर्भ में स्थापित करती है. सांख्य दर्शन का सिद्धांत इस विचार-पद्धति की आधार शिला है जिसके अंतर्गत पुरुष और प्रकृति की अवधारणाएं  प्रमुख है. पुरुष शुद्ध चैतन्य है और प्रकृति मूलत: (जड़) पदार्थ जगत है. पुरुष प्रकृति का साक्षी होता है. वह शाश्वत, सार्वभौम, और अपरिवर्तनशील है. वह द्रष्टा और ज्ञाता है. चित्शक्ति भी वही है. प्रकृति जो सतत परिवर्तनशील है उसी से हमारी दुनिया या संसार रचा होता है. ज्योतिष हमारा शरीर भी ...
बदलाव को लेकर हम परेशान व चिंतित क्यों…

बदलाव को लेकर हम परेशान व चिंतित क्यों…

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परिवर्तन प्रकृति का शाश्वत नियम है... डॉ. दीपा चौहान राणा बदलाव प्रकृति का शाश्वत नियम है, यह एक ऐसा विषय जिसके कई बदलाव, बदलना, बदल जाना आदि शब्दों को लेकर कई लोग शिकायत करते हैं, शिकायत  ही नहीं बल्कि चिंतित व परेशान भी रहते हैं. रिश्तों में भी खास शिकायत होती है कि वो बदल गया है. अब वो पहले जैसा नहीं रहा. मेरे पापा, मम्मी, पति, पत्नी सब पहले जैसे नहीं रहे अब वो बदल चुके हैं. कुछ इसी तरह की शिकायत हम सभी को किसी ना किसी से हो सकती है, जिस वजह से हमारे रिश्तों में दरारें आने लगती हैं क्यूंकि हमें बदलाव और बदलना पसंद नहीं है. जो जैसा है, हम उसे वैसा ही देखने के आदी हो गये हैं. मुझे आश्चर्य होता है कि हम बदलाव को स्वीकार क्यों नहीं कर पाते है, जबकि बदलाव तो प्रकृति का शाश्वत नियम है.  यह प्रकृति का स्वभाव है. बिना बदले किसी भी चीज की कल्पना मात्र भी धोखा है. सभी प्रकृतिवादियों में म...
नैतिक मूल्यों और पर्यावरण की रक्षा से ही सार्थक होगा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

नैतिक मूल्यों और पर्यावरण की रक्षा से ही सार्थक होगा अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

योग-साधना
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष डा.मोहन चंद तिवारी भारत सहित दुनियाभर में आज छठा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है. कोरोना महामारी के कारण इस बार योग दिवस का थीम है- "घर पर योग और परिवार के साथ योग". कोरोना संक्रमण के इस संकटकाल में योग की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि योग ही एक ऐसी क्रिया है,जिससे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है और बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है. इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा है कि  योग दिवस एकजुटता का दिन है.पीएम मोदी ने कहा, "आज भावात्मक योग का दिन है.जो दूरियां खत्म करे, वही योग है. योग से इम्युनिटी बढ़ाने में मदद मिलती है. हर दिन प्राणायाम कीजिए. दुनियाभर में योग का उत्साह बढ़ रहा है. योग का अर्थ समर्पण, सफलता है. हर परिस्थिति में समान रहने का नाम योग है. योग किसी से...