राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भाग-1 डॉ. अरुण कुकसाल ‘‘लोकतंत्र में नागरिकता की परिभाषा में कई बौद्धिक, सामाजिक एवं नैतिक गुण शामिल होते हैं: एक लोकतांत्रिक नागरिक में सच को झूठ से अलग छांटने, प्रचार से तथ्य अलग करने, धर्मांधता और पूर्वाग्रहों के खतरनाक आकर्षण को अस्वीकार करने की समझ एवं बौद्धिक
शिक्षा
रवीन्द्र नाथ टैगोर की पुण्यतिथि (7 अगस्त,1941) पर विशेष डॉ. अरुण कुकसाल ‘किसी समय कहीं एक चिड़िया रहती थी. वह अज्ञानी थी. वह गाती बहुत अच्छा थी, लेकिन शास्त्रों का पाठ नहीं कर पाती थी. वह फुदकती बहुत सुन्दर थी, लेकिन उसे तमीज नहीं थी. राजा ने सोचा ‘इसके भविष्य के लिए अज्ञानी रहना अच्छा […]
(उत्तराखण्ड के विशेष संदर्भ में) डॉ. अमिता प्रकाश काफी समय से यह मुद्दा और इससे संबधित कई विचार मेरे दिमाग में निरतंर उमड़-घुमड़ रहे थे, कई बार लिखने को उद्यत भी हुई, लेकिन फिर अनगिनत कारणों की वजह से इस विषय पर लेखन टलता रहा. लेकिन आज सुबह जब केरल की एक छात्रा द्वारा इंटरनेट की सुविधा […]
प्रकाश चंद्र भाषा सिर्फ वही नहीं है जो लिखी व बोली जाती है बल्कि वह भी है जो आपकी सोच, व्यवहार, रुचि और मानसिकता को बनाती है। आज लिखित भाषा से ज्यादा इस मानसिक भाषा का विश्लेषण किया जाना जरूरी है। भाषा का दायरा बहुत बड़ा है इसे सिर्फ एक शब्द या फिर सैद्धांतिक व […]
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