Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
प्रकृति से सहभाहिगता के पक्षधर मनीषी

प्रकृति से सहभाहिगता के पक्षधर मनीषी

स्मृति-शेष
चारु तिवारी‘क्या हैं जंगल के उपकार, मिट्टी, पानी और बयार. मिट्टी, पानी और बयार,  जिन्दा रहने के आधार.’  पर्यावरण और हिमालय की हिफाजत की समझ को विकसित करने वाले इस नारे के साथ एक पीढ़ी बड़ी हुई. इस नारे को जन-जन तक पहुंचाने वाले हिमालय प्रहरी सुन्दरलाल बहुगुणा के साथ. साठ-सत्तर के दशक में हिमालय और पर्यावरण को जानने-समझने की जो चेतना विकसित हुई उसमें सुन्दरलाल बहुगुणा के योगदान को हमेशा याद because किया जायेगा. पर्यावरण और हिमालय को जानने-समझने वालों के अलावा एक बड़ी जमात है जो उन्हें एक आइकॉन की तरह देखती रही है. कई संदर्भों में, कई पड़ावों में. उन्हें पहचान भले ही एक पर्यावरणविद के रूप में मिली, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता, सामाजिक समरसता के लिये काम करने वाले कार्यकर्ता, महिलाओं और दलित समाज में गैरबराबरी लिये उन्होंने बड़ा काम किया. एक सजग पत्रकार के रू...
बाबा रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दवा कंपनियों से पूछे ये 25 सवाल

बाबा रामदेव ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दवा कंपनियों से पूछे ये 25 सवाल

हरिद्वार
हिमांतर ब्यूरो, हरिद्वारबाबा रामदेव ने दवा कंपनियों और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से 25 सवाल पूछे हैं। उन्होंने अपने ट्विटर पर लिखा है 'मैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व फार्मा कंपनियों से विनम्रता के साथ सीधे 25 सवाल पूछता हूं।' इससे पहले रामदेव ने एलोपैथी को ‘बकवास विज्ञान’ बताया था जिसका काफी विरोध हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की because आपत्ति वाले पत्र और चिकित्सा बिरादरी के विरोध के बाद उन्होंने अपना बयान वापस ले लिया था। उनका कहना था कि वह इस मामले को शांत करना चाहते हैं। विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए अपना वक्तव्य वापिस लेता हूं। इसके बाद अब एक बार फिर रामदेव ने एलोपैथी को लेकर सवाल पूछकर पूरे मामला को फिर से गर्मा दिया है।अभाविप रामदेव ने पूछे हैं ये 25 सवाल 1. एलोपैथी के पास हाईपरटेंशन और उसके कम्पलीकेशन्स के लिए निर्दोष स्थायी समाधान किया है?2. एलोपैथी के पास टाईप...
छात्रों की सुरक्षा एवं भविष्य का विचार कर हो 12वीं की परीक्षा का निर्णय: अभाविप

छात्रों की सुरक्षा एवं भविष्य का विचार कर हो 12वीं की परीक्षा का निर्णय: अभाविप

देश—विदेश
हिमांतर ब्यूरो, दिल्लीअखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मानना है कि कोरोना परिस्थिति के कारण टाली गयी 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं के आयोजन पर केंद्र एवं राज्य सरकार विद्यार्थियों के सुरक्षा एवं भविष्य को ध्यान रख कर निर्णय करे. परिस्थिति को ध्यान रखते हुये सरकार नवीन प्रयोगों जैसे कम समयावधि की परीक्षा, प्रमुख विषयों की परीक्षा, because ओपन बुक परीक्षा आदि के माध्यम से परीक्षा का आयोजन शारीरिक दूरी का पालन कर आगामी जुलाई-अगस्त में हो सकता है, इसी दिशा में कुछ राज्य सरकारों ने भी निर्णय किये हैं. अभाविप अभाविप का मत है कि केंद्र एवं because राज्य सरकारें जल्दबाज़ी ना दिखाते हुये विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रख कर निर्णय करे. जिस तरह से कोरोना के मामले कम हो रहे हैं ऐसी स्थिति में निकट माह जुलाई/अगस्त में शारीरिक दूरी का पालन पर कम समयकाल में परीक्षाओं का आयोजन हो सकता है. पालन मह...
मुख्यमंत्री ने किया ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन

मुख्यमंत्री ने किया ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का वर्चुअल उद्घाटन

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, चमोलीमुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को जिला so अस्पताल गोपेश्वर में 45.90 लाख लागत से स्थापित 200 एलपीएम ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का वर्चुअल माध्यम से उद्घाटन किया. यूसर्क ऑक्सीजन प्लांट लगने से जिला अस्पताल के but सभी बेड तक निर्वाध रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई शुरू हो गई है. इस कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत, ब्रदीनाथ विधायक महेन्द्र प्रसाद भट्ट, थराली विधायक मुन्नी देवी शाह, भाजपा जिला अध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट एवं अन्य जनप्रतिनिधि ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया. यूसर्क मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने वर्चुअल because संबोधन के दौरान स्थानीय विधायकों, जनप्रतिनिधयों, अधिकारियों एवं समस्त जनपद वासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि कोविड के दृष्टिगत स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए सभी संसाधन जुटाए जा रहे हैं और जहां पर जो...
हिमालय की लड़ाई अब कौन लड़ेगा!

हिमालय की लड़ाई अब कौन लड़ेगा!

स्मृति-शेष
हिमालय पुत्र पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा जी का यों चले जाना…डॉ. गिरिजा किशोरसच पूछिए तो आज हिमालय अपने हितों के लिए प्रकृति का दोहन करने वाले  आक्रांताओं से बड़ा भयभीत हैं. आज हम हिमालय के जंगलों को पत्थर, लकड़ी, लीसा के दोहन और नदियों को करोड़ों की प्यास बुझाने के लिए पानी और कल-कारखाने चलाने के लिए बिजली देने वाला यंत्र से ज्यादा कुछ नहीं मानते. सत्ता के नीति because निर्धारकों द्वारा हिमालय के जंगलों की बेतहाशा कटाई और हिमालय की नदियों में बेतहाशा बड़े-बड़े बांध बनाकर हिमालय के विनाश की पटकथा अनवरत लिखी जा रही है. परिणामत: हिमालय और हिमालय वासियों का जीवन खतरे में आ गया है. नदियां विकराल रुप धारण करती जा रही है. जंगलों के उजाड़ के कारण पहाड़ दरकने लगे हैं. गांव के गांव इस जल तांडव में विलुप्त होने लगे हैं. हिमालय और हिमालयी प्रकृति और प्रवृति  के इस दर्द को समझा हिमालय के छोट...
फेसबुक पर विधायक से रोड मांग रहे उत्तराखंड के इस गांव के लोग

फेसबुक पर विधायक से रोड मांग रहे उत्तराखंड के इस गांव के लोग

अल्‍मोड़ा
हिमांतर ब्यूरो, द्वाराहाटअल्मोड़ा जिले के द्वाराहाट तहसील के पटास गांव के लोग इनदिनों सोशल मीडिया पर अपने विधायक से रोड मांग रहे हैं. तल्ला और मल्ला पटास के लोग भाजपा विधायक महेश नेगी से उनकी फेसबुक प्रोफाइल की पोस्टों पर टिप्पणी कर रोड के लिए विनती कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि रोड के बिना गांव में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. दु:ख तकलीफ के वक्त नौ-दस किलोमीटर तक मरीज को डोली में ले जाना पड़ता है. अगर गांव तक रोड होगी, तो इससे गांव का विकास होगा और आवाजाही में भी आसानी होगी. समाजसेवी और उत्तराखंड के मुद्दों पर सजग रहने वाले विजय फुलारा का कहना है कि गांव में रोड की बेहद जरूरत है. इसके लिए कई प्रयास भी किए गए. दो साल पहले पीडब्ल्यूडी ने सर्वे भी किया. पहले सर्वे को लेकर पल्ला पटास के कुछ लोगों को आपत्ति थी जिसके बाद दूसरा सर्वे हुआ. जिसमें रोड के रास्ते पर आने वाले कुछ पेड़...
जानें- मई का आखिरी सप्ताह आपका कैसा रहेगा?

जानें- मई का आखिरी सप्ताह आपका कैसा रहेगा?

साप्ताहिक राशिफल
अपनी जन्मतिथि से जानें साप्ताहिक राशिफल (24- 30 मई, 2021) अंक ज्योतिष का हमारे जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि सभी अंकों का हमारे जन्म की तारीख से संबंध होता है. नीचे दिए गए लेख में हमने बताया है, कि हर व्यक्ति because की जन्म तिथि के हिसाब से उसका एक मूलांक निर्धारित होता है और ये सभी अंक अलग-अलग ग्रहों द्वारा शासित होते हैं. यूसर्क मूलांक 1 पर सूर्य देव का आधिपत्य है. चंद्रमा का स्वामी मूलांक 2 है. अंक 3 को देव गुरु बृहस्पति का स्वामित्व प्राप्त है, राहु अंक 4 का राजा है. 5 अंक बुध ग्रह के अधीन है. 6 because अंक के राजा शुक्र देव हैं और 7 का अंक केतु ग्रह का है. शनिदेव को अंक 8 का स्वामी माना गया है. अंक 9 मंगल देव का अंक है और इन्हीं ग्रहों के परिवर्तन से जातक के जीवन में अनेक तरह के परिवर्तन होते हैं . यूसर्क मूलांक 1 (अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 1, 10, 19, 28 तारीख को ...
राज्य की जैवविविधता, बुग्यालों, राष्ट्रीय पार्कों एवं नदियों का सरंक्षण जरूरी

राज्य की जैवविविधता, बुग्यालों, राष्ट्रीय पार्कों एवं नदियों का सरंक्षण जरूरी

देहरादून
अंतराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस, 2021 पर यूसर्क द्वारा ऑनलाइन कार्यक्रम आयोजनहिमांतर ब्यूरो, देहरादूनअंतराष्ट्रीय जैवविविधता दिवस के उपलक्ष्य में उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) (Uttarakhand Science Education & Research Centre) द्वारा because एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की समन्वयक यूसर्क की वैज्ञानिक डा. मंजू सुन्दरियाल के द्वारा जैव विविधता दिवस को मनाने के महत्व पर प्रकाश डाला एवं समस्त प्रतिभागियों कास्वागत किया गया.यूसर्क यूसर्क की निदेशक प्रो (डा.) अनीता रावत ने अपने संबोधन द्वारा जैवविविधता के सरंक्षण हेतु शिक्षा, शोध एवं तकनिकी के उपयोग को आवश्यक बताया एवं विद्यार्थियों का योगदान एक सतत because विकास की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण हो सकता है. उन्होंने कहा की यूसर्क संस्था पूरे प्रदेश में पर्यावरण सरंक्षण के साथ विज्ञान शिक्ष...
हिमालय पर्यावरण एवं तपोवन संस्कृति के संरक्षक थे सुन्दरलाल बहुगुणा

हिमालय पर्यावरण एवं तपोवन संस्कृति के संरक्षक थे सुन्दरलाल बहुगुणा

स्मृति-शेष
डॉ. मोहन चंद तिवारीचिपको आंदोलन के प्रणेता और हिमालय पर्यावरण के पुरोधा पद्मविभूषण श्री सुन्दर लाल बहुगुणा आज हमारे बीच नहीं रहे. 94 वर्षीय विश्व विख्यात पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का शुक्रवार 21 मई, 2021 को कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया.उन्हें 8 मई को कोरोना संक्रमित होने के because बाद एम्स में भर्ती कराया गया था,जहां शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली.  राजकीय सम्मान के साथ ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर श्रीसुन्दरलाल बहुगुणा जी का अंतिम संस्कार किया गया.उनके बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने नम आंखों से पिता को मुखाग्नि दी.सिद्धांतों पर चलते हिमालय पर्यावरण और वन संरक्षण के प्रति अपना सम्पूर्ण जीवन अर्पित करने वाले इस महामनीषी के निधन की खबर सुनते ही समूचे देश में शोक की लहर उमड़ पड़ी. चिपको because आंदोलन का नेतृत्व करने वाले वृक्षमित्र सुंदरलाल बहुगुणा जल,जंगल, जमीन और वायु को म...
धरती के सच्चे पुत्र सुंदरलाल बहुगुणा पंचतत्व में हुए विलीन

धरती के सच्चे पुत्र सुंदरलाल बहुगुणा पंचतत्व में हुए विलीन

स्मृति-शेष
प्रकाश उप्रेती  उत्तराखंड के इतिहास और भूगोल की समझ के साथ जो चेतना विकसित हुई उसमें महत्वपूर्ण भूमिका सुंदरलाल बहुगुणा जी की रही. पहाड़ की चेतना में सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरणविद् से पहले एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में भी विद्यमान थे. टिहरी में जहाँ उनका जन्म हुआ उस रियासत से लड़ते हुए उन्होंने जनता को संगठित कर उसके because हक़-हकूक के लिए लड़ना और बोलना सिखाया. जिस राजशाही और रियासत के खिलाफ कोई बोल नहीं सकता था उसके दमन और अत्याचार को उजागर करने वाले शख्सियत सुंदरलाल बहुगुणा थे. उन्होंने टिहरी रियासत के शोषण से लेकर अंग्रजों के जोर- जुल्म के खिलाफ भी पहाड़ की आवाज को मुखर किया. सूर्य देव सत्तर के दशक में जब पहाड़ के जंगलों को नीलाम कर बड़ी- बड़ी कंपनियों को दिया जा रहा था तो उन जंगलों की पुकार वह शख्स था जो आज हमारे बीच नहीं रहा. मिट्टी, बयार, because जंगल, जल और जीवन के लिए लड़ते हुए, उस...