Tag: भिलंगना

आपदा प्रभावित गांवों के लोगों को अस्थाई शिविर में किया गया सिफ्ट

आपदा प्रभावित गांवों के लोगों को अस्थाई शिविर में किया गया सिफ्ट

टिहरी गढ़वाल
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भिलंगना विकासखंड के बालगंगा एवं बूढ़ा केदार क्षेत्र में हुई भारी बारिश और भूस्खलन को लेकर लगातार विधायक घनसाली शक्ति लाल शाह एवं जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल मयूर दीक्षित से राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में लगातार जानकारी ले रहे हैं. मुख्यमंत्री धामी ने जिला प्रशासन को तिनगढ़ गांव के अलावा आपदा प्रभावित क्षेत्र के अन्य संवेदनशील गांवों को तत्काल चिन्हित कर प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए. इसके साथ स्थानीय निवासियों के मवेशियों एवं अन्य पालतू पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर रखे जाने की व्यवस्था करने तथा राहत एवं बचाव कार्य प्रभावी तरीके से चलाए जाने के निर्देश दिए है. जिलाधिकारी ने बताया कि बालगंगा क्षेत्र तोली गांव में 02 जनहानि हुई, मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख के राहत राशि के चेक तथा आवास क्षति का 01 लाख 35 हजार रुपए का चेक कल ही तत्काल ...
हिमालय और भृगुगंगा से आप्त भिलंगना क्षेत्र का पौराणिक महत्त्व

हिमालय और भृगुगंगा से आप्त भिलंगना क्षेत्र का पौराणिक महत्त्व

दिल्ली-एनसीआर
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्ली अध्यात्म, तप साधना,दिव्य स्थलों और संस्कृत ज्ञान के लिए प्रसिद्ध भिलंगना घाटी से पहाड़ के गांधी इंद्रमणि बडोनी जी भी इन्हीं गुणों से आकर्षित हुए होंगे. उत्तराखंड सरकार के संस्कृत प्रसार कार्यक्रमों में जब मुझे यहां जाने का सौभाग्य मिला तो वहां के विराट सौंदर्य सत और सकारात्मक परिवेश को देखकर मैं भी अभिभूत हुआ हूं. आज खुशी हो रही है जब यहां भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के माध्यम से वहां के नौनिहाल उस एक पावन घाटी ही नहीं, बल्कि देवभूमि के सात्त्विक प्रतिरूप को भी प्रदर्शित कर रहे हैं. ये विचार भिलंगना क्षेत्र विकास समिति द्वारा नई दिल्ली के झंडेवालान स्थित बद्रीनारायण धाम गढ़वाल भवन में आयोजित भिलंगना घाटी महोत्सव -2023 में मुख्य अतिथि के रूप में संस्कृत के जाने माने शीर्ष विद्वान श्री श्रीकृष्ण सेमवाल ने व्यक्त किए. समारोह के अतिविशिष्ट अतिथि डॉक्टर गोस्वामी...
उत्तराखंड के गांधी: जब मैनें उन्हें पहली बार उदास, हताश और निराश देखा! 

उत्तराखंड के गांधी: जब मैनें उन्हें पहली बार उदास, हताश और निराश देखा! 

टिहरी गढ़वाल
सूर्य प्रकाश सेमवाल पहाड़ के गाँधी कहलाने वाले हिमालय गौरव स्व. इन्द्रमणि बडोनी अपने विराट एवं उदात्त  व्यक्तित्व तथा सादगी व सहज व्यवहार के लिए सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए ही नहीं वरन् सामान्य जनमानस के लिए भी सदैव प्ररणाप्रद एवं वदनीय बने रहेंगे. अपने अनुकरणीय आचरण एवं निश्च्छल कार्यशैली के बल पर जहां उन्होंने दलगत व क्षेत्रीय भावना से ऊपर होकर समूचे पहाड़ी क्षेत्र में अपनी एक विशेष पहचान व साख बनाई थी वहीं संस्कृति, परंपरा, शिक्षा, पर्यटन और सामाजिक जागरण से जुड़े अन्य विविध क्षेत्रों में क्रांतिकारी पहल की. बडोनी जी चीन के तिब्बत बॉर्डर से सटे अंतिम सीमांत गाँव गंगी से लेकर पूरे टिहरी गढ़वाल, पर्वतीय क्षेत्र, लखनऊ और दिल्ली तक भी सभी  लोगों के बीच आदरणीय बने रहे. पृथक उत्तराखंड आंदोलन के पुरोधा व उत्तराखंड क्रांति दल के संस्थापकों में से एक जनता के लोकप्रिय प्रतिनिधि बडोनी जी...
श्रीदेव सुमन की तरह उनकी टिहरी भी उपेक्षित और बदहाल

श्रीदेव सुमन की तरह उनकी टिहरी भी उपेक्षित और बदहाल

देश—विदेश
हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्‍ली पर्वतीय लोकविकास समिति, so उत्तराखंड एकता मंच और भिलंगना क्षेत्र विकास समिति द्वारा अमर बलिदानी श्रीदेव सुमन बलिदान दिवस के अवसर पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन मिनी मार्केट जनकपुरी नई दिल्ली में किया गया. पर्यावरण मुख्य अतिथि शीर्ष सामाजिक कार्यकर्ता और उद्योगपति श्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल ने कहा कि सुमन जी ने पूरे देश की आजादी की लड़ाई लड़ी, 84 दिन तक की भूख हड़ताल इतिहास की बड़ी so घटना है. राजशाही के विरुद्ध अलख जगाने वाले टिहरी के मुक्तिनायक श्रीदेव सुमन की घाटियां और पट्टियां आज भी विकास की राह ताक रही  हैं. भाजपा पर्वतीय प्रकोष्ठ दिल्ली के प्रभारी श्याम लाल मजेड़ा ने कहा कि श्रीदेव सुमन के योगदान का राष्ट्रीय इतिहास में भावी पीढ़ियों की प्रेरणा के लिए उचित और ठोस उल्लेख होना चाहिए. पर्यावरण भिलंगना क्षेत्र विकास समिति के महासचिव शिव सिंह राणा ने कहा क...