Tag: कोविड-19

ग्रामपंचायत स्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी, 923 व्यक्तियों का हुआ टीकाकरण

ग्रामपंचायत स्तर पर सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर निरंतर जारी, 923 व्यक्तियों का हुआ टीकाकरण

टिहरी गढ़वाल
कोविड-19 से सुरक्षा के लिए व्यवहार परिवर्तन को लेकर उपजजिलाधिकारियो के नेतृत्व में राजस्व उपनिरीक्षकों ने संभाली कमान हिमांतर ब्यूरो, नई टिहरी जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव के दिशा निर्देशों में विकास विभाग के तत्वाधान में कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रति ग्राम पंचायत स्तर पर एक ओर जहां सैनिटाइजेशन का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है वहीं उपजिलाधिकारियो के नेतृत्व में गांव-गांव कोविड के प्रति जनजागरूकता को लेकर जनपद के राजस्व उपनिरीक्षकों ने भी कमर कस ली है. सोमवार को तहसील नैनबाग क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत सेंदुल में राजस्व विभाग की टीम द्वारा ग्रामीणों को कोरोना के प्रति जागरूक किया गया वहीं ग्रामीणों को सामाजिक दूरी, मास्क के महत्व, साफ-सफाई सहित अन्य जानकारी जानकारी दी गई. इस दौरान राजस्व विभाग कर्मियों को अपने बीच पाकर ग्रामवासियों ने टीम को धन्यवाद भी ज्ञापित किया....
कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने उठाया सख्त कदम, 11 से 18 मई तक कोविड कर्फ्यू

कोरोना से निपटने के लिए सरकार ने उठाया सख्त कदम, 11 से 18 मई तक कोविड कर्फ्यू

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून कोरोना संकट काल में लॉकडाउन की आश लगाए लोगों को कोरोना कर्फ्यू की खबर मिली. सरकार ने कोरोना कर्फ्यू में 10 को ढील देते हुए 11 से लगने का निर्णय लिया है. अब उत्तराखंड में 11 मई से लेकर 18 मई तक पूरे प्रदेश में सख्ती के साथ कोविड कर्फ्यू रहेगा जारी. कल 1 बजे तक खुलेंगी सभी दुकाने फल, दूध, सब्जी, मास मछली और आवश्यक सेवाओ की दुकानें. शराब की दुकानें और बार पूर्ण रूप से बंद. 11 से 18 मई पूरे राज्य में कोविड कर्फ़्यू. ये सरकार का पहला चरण है इसके बाद अगला फैसला होगा. प्रतिदिन सुबह 7 से 10 दूध सब्जी मास मछली की दुकानें खुलेगी अंतरराज्यीय परिवहन में 50 फीसदी अनुमति, पोर्टल पर पंजीकरण जरूरी होगा. इस कर्फ़्यू काल मे सिर्फ 13 मई को केवल 1 बजे तक राशन की दुकानें खुली रहेगी. शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि लोगों की रक्षा करने के लिए राज्य सरकार ने किया बड़ा फैसला...
कोरोना जनित संकट: मजदूरों को झेलनी पड़ी सबसे अधिक मुसीबत और बेरोजगारी

कोरोना जनित संकट: मजदूरों को झेलनी पड़ी सबसे अधिक मुसीबत और बेरोजगारी

समसामयिक
अनीता मैठाणी सुख हो, दुख हो, आपद हो, विपद हो बच्चे जब तक माता-पिता के छत्र-छाया में होते हैं सब झेल जाते हैं. क्योंकि माता-पिता अपनी जान पर खेलकर भी अपने नन्हें-मुन्नों को आंच नहीं आने देते. यदि विचार करें तो जनता के लिए सरकारें भी माता-पिता की भूमिका में होते हैं यदि वे इसे स्वीकारें और दायित्व निभाएं तो. परंतु यहाँ होता कुछ और है चुनाव के वक्त सरकारें जनता को माई-बाप कहने को तैयार रहती हैं और चुनाव जीतते ही सारे वादों को भुलाकर अधिष्ठाता बन बैठती है. देश में कोरोना की शुरुआत से पहले ही सरकार ये दावा कर चुकी थी कि हमारी तैयारी पर्याप्त है और यूं भी हमारे देशवासियों को घबराने की बिल्कुल भी आवश्यकता नहीं है. वैसे भी ये जो कोरोना वायरस है इससे लड़ने की क्षमता हममें अधिक है क्यूंकि हम जिन परिस्थितियों में रहते हैं उससे हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता इतनी मजबूत हो चुकी है कि हमें ऐसे छोटे-म...