Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
कृति सैनॉन बनीं यूएनएफपीए इंडिया की नई मानद लैंगिक समानता राजदूत

कृति सैनॉन बनीं यूएनएफपीए इंडिया की नई मानद लैंगिक समानता राजदूत

देश—विदेश
मानद राजदूत के तौर पर कृति सैनॉन ने महिलाओं के सशक्तिकरण, कल्याण और सुरक्षा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया मुंबई, 1 सितंबर 2025.  संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) इंडिया ने आज मशहूर अभिनेत्री, निर्माता और उद्यमी कृति सैनॉन को अपनी मानद लैंगिक समानता राजदूत नियुक्त करने की घोषणा की. यह घोषणा मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में हुई, जहां महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और लैंगिक समानता को आगे बढ़ाने के संयुक्त संकल्प को रेखांकित किया गया. अपने नए दायित्व में सुश्री सैनॉन महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों और कल्याण के लिए आवाज़ उठाएंगी. वह लड़कियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक हिंसा को समाप्त करने और सभी के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने जैसे अहम मुद्दों पर अपना समर्थन देंगी. कार्यक्रम से पहले कृति सैनॉन ने लैंगिक समानता के चार साहसी युवा समर्थकों के साथ मिलकर यह संकल्प लिया कि वह बा...
मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर हिन्दी का परचम

मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर हिन्दी का परचम

दिल्ली-एनसीआर
25वाँ अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन (रजत पर्व) संपन्न, भारतीय विद्वानों का भव्य सम्मान नई दिल्ली. मलेशिया और इंडोनेशिया-बाली की धरती पर 23 से 31 अगस्त 2025 तक आयोजित 25वाँ अंतरराष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन (रजत पर्व) हिन्दी साहित्य और भारतीय संस्कृति का एक विराट महाकुंभ सिद्ध हुआ. इस ऐतिहासिक आयोजन में भारत के नौ राज्यों से आए 50 से अधिक रचनाकारों, कवियों, लेखकों, शिक्षाविदों और पत्रकारों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई. सम्मेलन का उद्घाटन इंडोनेशिया के सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक और लेखक पद्मश्री अगुस इंद्र उदयन ने किया. उन्होंने बाली और भारत की सांस्कृतिक समानताओं को रेखांकित करते हुए कहा— “बाली की संस्कृति भारत, विशेषकर ओडिशा और बस्तर की संस्कृति से गहराई से जुड़ी है. यह भूमि भारतीय परंपराओं की जीवंत झलक प्रस्तुत करती है.” बाली के विधायक डॉ. सोमवीर ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि ...
कपूर कचरी की खेती – सुगंध से आजीविका तक

कपूर कचरी की खेती – सुगंध से आजीविका तक

खेती-बाड़ी, चमोली
कपूर कचरी की हिमालयकी एक बहुमूल्य जड़ी-बूटीजे. पी. मैठाणी हिमालय अपनी अनूठी जैव विविधता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। यहां की वादियों में सैकड़ों औषधीय पौधे और वनस्पतियां स्वाभाविक रूप से उगती हैं। इन्हीं में से एक है – कपूर कचरी (Hedychium spicatum) जिसे स्थानीय भाषा में स्येडू या सैडू कहा जाता है और आम बोलचाल में इसे जिंजर लिली भी कहते हैं। इसका कुल नाम जिंजिबेरेसी है और यह अदरक-हल्दी की तरह कंद वाली औषधीय वनस्पति है।सांस्कृतिक महत्व चमोली जनपद के ग्रामीण अंचल में शादियों के समय होने वाले मंगल स्नान की परंपरा में कपूर कचरी और सुगंधबाला की जड़ों को हल्दी के साथ मिलाकर दूल्हा-दुल्हन के स्नान में प्रयोग किया जाता है। इसकी विशिष्ट सुगंध और औषधीय गुण इसे पर्वतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बनाते हैं।पीपलकोटी में सफल प्रयोग पीपलकोटी (चमोली) में लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई पर ‘आगाज़’ स...
मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री ने किया उत्तराखंड के पहले साथी केंद्र का शुभारम्भ

चम्‍पावत
खटीमा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आईआईटी कानपुर के सहयोग से हेमवती नन्दन बहुगुणा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा में उत्तराखंड के पहले “साथी केंद्र” का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक और आर्थिक विकास उसकी शिक्षा की गुणवत्ता पर आधारित होता है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वर्ष 2020 में लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) ने देश की शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक परिवर्तन किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रोजेक्ट साथी की शुरुआत वर्ष 2023 में की गई थी, ताकि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण और रोजगारपरक शिक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी मार्गदर्शन मिल सके।प्रोजेक्ट साथी से लाभआईआईटी और आईआईएससी जैसे संस्थानों के प्रोफेसर ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से विद्यार्थियों को कोचिंग दे रहे हैं। इंजीनियरिंग,...
महावीर रवांल्टा होंगे ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से सम्मानित

महावीर रवांल्टा होंगे ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से सम्मानित

साहित्‍य-संस्कृति
पुरोला/भीलवाड़ा. यमुना घाटी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को ‘श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025’ से अलंकृत किया जाएगा. यह सम्मान उन्हें ‘बालवाटिका’ (मासिक) पत्रिका की ओर से आयोजित 26वीं राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह-2025 में प्रदान किया जाएगा. यह आयोजन 4-5 अक्टूबर 2025 को विनायक विद्यापीठ, भूणास, भीलवाड़ा (राजस्थान) में होगा, जिसमें देशभर से बाल साहित्यकार शिरकत करेंगे. समारोह में ‘भारतीय ज्ञान परंपरा और हमारा दायित्व’ विषय पर तीन चर्चा-सत्र आयोजित होंगे. साथ ही एक बाल काव्यगोष्ठी भी सम्पन्न होगी. डॉ. भैरूं लाल गर्ग (संपादक एवं संयोजक, बालवाटिका) के अनुसार महावीर रवांल्टा को सम्मानस्वरूप स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल एवं धनराशि भेंट की जाएगी.महावीर रवांल्टा का साहित्यिक योगदान महावीर रवांल्टा प्रौढ़ एवं बाल साहित्य – दोनों क्षेत्रों ...
लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनेगा: सांसद अनिल बलूनी

लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग शीघ्र बनेगा: सांसद अनिल बलूनी

दिल्ली-एनसीआर
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्लीगढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने आश्वासन दिया है कि लंबे समय से लंबित कंडी मोटर मार्ग और लालढांग–चिल्लरखाल मोटर मार्ग पर शीघ्र ही निर्णय होगा और यह मार्ग जल्दी ही बनकर तैयार होंगे. दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में कोटद्वार के शिष्टमंडल ने सांसद बलूनी को ज्ञापन सौंपकर लालढांग–चिल्लरखाल मार्ग के डामरीकरण और पुल निर्माण की मांग उठाई. इस पर बलूनी ने कहा कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी यही लक्ष्य है कि यह दशक उत्तराखंड के सर्वांगीण विकास का दशक बने.” ऐतिहासिक महत्व और उपेक्षा यह मोटर मार्ग 1965 से अस्तित्व में है. इससे पूर्व यह पैदल व्यापारिक मार्ग के रूप में पूरे गढ़वाल को जोड़ता था. लेकिन राज्य गठन के बाद उपेक्षा के चलते मार्ग बंदी के कगार पर पहुँच गया है. विशेषकर सिगड्डी स्रोत और मैली स्रोत नालों पर अधूरे पुल सबसे बड़ी बाधा हैं.जनता की समस्याएं सांसद बलून...
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ अभियान का नेतृत्व

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ अभियान का नेतृत्व

देहरादून
देहरादून. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजधानी देहरादून के ऐतिहासिक पलटन बाजार में आयोजित ‘स्वदेशी अपनाओ, राष्ट्र को आगे बढ़ाओ’ जनजागरूकता अभियान का नेतृत्व किया. इस अवसर पर उन्होंने स्थानीय व्यापारियों, स्वयंसेवी संगठनों और नागरिकों से आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दें और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत तथा वोकल फॉर लोकल के संकल्प को मजबूत बनाएं.मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि स्वदेशी अपनाना केवल एक आर्थिक निर्णय नहीं, बल्कि यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य भी है. उन्होंने जोर दिया कि जब हम देश में निर्मित वस्तुओं को खरीदेंगे, तो न केवल हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और छोटे उद्यमियों को भी बल मिलेगा. उन्होंने दुकानदारों और व्यापारियों से आग्रह किया कि वे अपनी दुकानों पर ‘स्वदेशी नाम पट्टिका’ अवश्य लगाएं, ताकि उपभोक...
यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025: दिल्ली में गूंजी उत्तराखंडी कला-संस्कृति की गाथा

यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025: दिल्ली में गूंजी उत्तराखंडी कला-संस्कृति की गाथा

उत्तराखंड हलचल
हिमांतर ब्यूरो, नई दिल्लीशनिवार, 23 अगस्त की शाम दिल्ली का सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम उत्तराखंड की रंगीन छटा में नहाया हुआ था. मौका था यंग उत्तराखंड सिने अवार्ड्स 2025 का. उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा और संगीत को सम्मानित करने वाला सबसे बड़ा मंच. हजारों दर्शकों की मौजूदगी, झिलमिल रोशनी, और परंपरागत-आधुनिकता का संगम इस आयोजन को अविस्मरणीय बना गया.शुरुआत श्रद्धांजलि से, समापन तालियों की गड़गड़ाहट में कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और इसके तुरंत बाद मंच पर एक गंभीर सन्नाटा छा गया— उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र की आपदा में दिवंगत लोगों को सामूहिक श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही, उत्तराखंड के दो अमर कलाकारों—स्व. घनानंद (घन्ना भाई) और लोकगायक जगदीश बकरोला—को याद कर सभागार भावुक हो उठा. लेकिन यहीं से कार्यक्रम ने एक नई ऊर्जा पकड़ी. लोक कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुतियों ने जैसे माहौल को संजीवनी ...
अस्थाई झील के जलस्तर में आई गिरावट: शेषनाग देवता ने दिया था झील खुलने का आश्वासन, ग्रामीणों को देवता पर भरोसा

अस्थाई झील के जलस्तर में आई गिरावट: शेषनाग देवता ने दिया था झील खुलने का आश्वासन, ग्रामीणों को देवता पर भरोसा

उत्तराखंड हलचल
 सुनील थपलियालबड़कोट (उत्तरकाशी): यमुनोत्री नेशनल हाईवे के स्यानाचट्टी क्षेत्र में यमुना नदी का प्रवाह रुकने से बनी कृत्रिम झील के कारण क्षेत्र में दहशत का माहौल था। इस प्राकृतिक आपदा को लेकर स्थानीय लोगों की आस्था और धार्मिक विश्वास भी सक्रिय हो उठे हैं। शुक्रवार को, संकट से भयभीत ग्रामीण भगवान श्रीशेषनाग मंदिर के दरवार पहुँचे और आपदा के निवारण के लिए प्रार्थना की। शेषनाग देवता की डोली ने अपने माध्यम से संकेत दिया कि यमुना मैया नाराज हैं। देवता ने बताया कि स्यानाचट्टी के पास गढ़ गाड़ में बना 30 वर्ष पुराना मंदिर, जिसमें आज तक प्राण प्रतिष्ठा और नियमित पूजा नहीं की गई, यही यमुना मैया के क्रोध का कारण है। साथ ही, यमुना नदी के जल को दूषित करने की घटनाओं ने भी माँ को अप्रसन्न किया है। शेषनाग देवता ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि शुक्रवार की संध्या तक झील का संकट समाप्त हो जाए...
स्यानाचट्टी में घर-होटल जलमग्न, मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुका, बनी झील

स्यानाचट्टी में घर-होटल जलमग्न, मलबे से यमुना नदी का प्रवाह रुका, बनी झील

उत्तरकाशी
उत्तरकाशी. यमुनोत्री हाईवे पर स्थित स्यानाचट्टी क्षेत्र में गुरुवार को अचानक आई आपदा ने हड़कंप मचा दिया. भारी बारिश के बाद खड्ड से आया मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर यमुना नदी में गिरने से उसका प्रवाह बाधित हो गया. नदी पर बना यह अस्थायी अवरोध धीरे-धीरे झील का रूप लेने लगा. दोपहर तक झील का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया और कई मकान व होटल जलमग्न हो गए. प्रशासन ने तुरंत खाली कराए घर और होटल घटना की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने आपदा स्मार्ट कंट्रोल रूम से राहत कार्यों की निगरानी शुरू की. प्रशासन ने फौरन सभी मकानों और होटलों को खाली कराया. प्रभावित परिवारों और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. NDRF की टीम बोट के साथ घटनास्थल पर मौजूद है, जबकि SDRF, पुलिस और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव में जुटे हैं. जिलाधिकारी ने बताया कि झील को आज शाम या कल प्रातः तक सुरक्षित तरीके से खोला ...