Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
आंदोलन के नाम पर अराजकता

आंदोलन के नाम पर अराजकता

कविताएं
उमेद सिंह बजेठागणतंत्र दिवस हमारा पर्व है, सभी धर्मों संप्रदायों का गर्व है.हमने ही जय जवान तथा, जय किसान का नारा दिया. फिर क्यों आज किसान ने, जवान पर तलवार से प्रहार किया.लाल किला राष्ट्रीय स्मारक है, राष्ट्र के गौरव का प्रतीक है. इसकी सुरक्षा व सम्मान प्रत्येक, भारतीय का कर्तव्य पुनीत है.आंदोलन की आड़ में तौहीन, यह कतई बर्दाश्त नहीं. तिरंगे के स्थान पर किसी, अन्य को यह मान प्राप्त नहींन भाषा मर्यादित है,  न आचरण प्रशंसनीय है. शांति व प्रेम से हल खोजो, टकराव की राह निंदनीय है.इतिहास के पन्ने पढ़कर, तुमने कुछ नहीं सीखा है. बलिदान को उनके भुला दिया, देश को जिन्होंने लहू से सींचा है.मत खेलो उन हाथों में, तोड़ना देश जो चाहते हैं. विफल करो षड्यंत्र सभी, ज्वाला नफ़रत जो फैलाते हैं.मिल बैठकर बातें कर लो, क्रोध विनाश का मूल है. वरना कुछ भी हासिल नहीं होगा, प...
पहाड़ पर बस में बैठने की ख्वाहिश…

पहाड़ पर बस में बैठने की ख्वाहिश…

साहित्‍य-संस्कृति
फकीरा सिंह चौहान ‘स्नेही’शहरों में बस के विषय में कई बार मैंने अपने पापा से सुना था, कि बस एक घर की तरह होती है. उसमें 40- 50 लोग एक साथ मिलकर बैठते हैं. उसके अंदर खिड़कियां भी होती हैं because जिससे बाहर का नजारा आसानी से देख सकते हैं. नदी के उस पार दूर पहाड़ की धार becauseपर खींची गई एक पतली-सी रेखा जिसे लोग सड़क कहते थे. सड़क पर चलने वाली मोटर मकड़ी की तरह सरकती नजर आती थी . नजर जब भी बुजुर्ग बस या मोटर की बात करते थे, मैं बड़े  उत्सुकता और ध्यान से सुनता था. मुझे नजदीक से सड़क और मोटर देखने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ था. अचानक एक दिन गांव के पंच आंगन में मीटिंग का आयोजन हुआ सभी बुजुर्गों ने उस मीटिंग में भाग लिया. मैं भी चुपके से एक दीवार की ओड लेकर आंगन के पीछे ही छुप छुप कर because मीटिंग में होने वाली बातों की चर्चा को सुनने लगा. गांव वाले सड़क के विषय में बात कर रहे थे. गां...
नारी संवेदनाओं का हृदयस्पर्शी स्वर गोपाल बाबू गोस्वामी

नारी संवेदनाओं का हृदयस्पर्शी स्वर गोपाल बाबू गोस्वामी

अल्‍मोड़ा
जन्मदिवस (2 फरवरी ) पर विशेषडॉ. मोहन चंद तिवारीआज 2 फरवरी उत्तराखंड सुर सम्राट स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी का जन्म दिवस है. यह जानकर हर्ष हो रहा है कि उनके पुत्र रमेश बाबू गोस्वामी द्वारा चौखुटिया स्थित because चांदीखेत,वैराठेश्वर में गोस्वामी जी की 79वीं जन्म जयंती बडे धूमधाम से मनाई जा रही है. इस अवसर पर विभिन्न स्थानों से लोक कलाकार इस समारोह में उपस्थित हो कर गोस्वामी जी के कलात्मक योगदान को पुनः ताजा करेंगे. इस अवसर पर गोस्वामी परिवार को भजन सम्राट अनूप जलोटा ने बधाई देते हुए एक वीडियो संदेश भेजा है,जिसमें उन्होंने उत्तराखंड के स्वर सम्राट गोपाल बाबू गोस्वामी को याद करते हुए उनके परिवार को कार्यक्रम की शुभकामनाएं दी हैं. प्रत्येक वर्ष दो फरवरी को गोस्वामी परिवार के परिजन स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी का जन्म उत्सव पैतृक गांव चांदीखेत में बड़े धूमधाम से मनाता है. चौखुटिया ...
दुनिया भर में वायु गुणवत्ता को ट्रैक करना हुआ सस्ता!

दुनिया भर में वायु गुणवत्ता को ट्रैक करना हुआ सस्ता!

पर्यावरण
निशांतताज़ा वैश्विक आंकड़ों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि दुनिया का 90% हिस्सा वायु प्रदूषण के हानिकारक स्तरों से ग्रस्त हैं. और ऐसे में जब भारत सरकार ने because अपने ताज़ा बजट में वायु प्रदूषण से लड़ाई के लिए 2217 करोड़ खर्चने का प्रस्ताव किया है और पुराणी गाड़ियों के निस्तारण के लिए नीति बनाने की बात की है, तब कुछ उम्मीद बंधती है.बचपन लेकिन सिर्फ इतना काफ़ी नहीं. क्योंकि समस्या का स्वरुप बड़ा है. ओपनऐक्यू (OpenAQ), जो कि एक वैश्विक नॉन प्रॉफिट गैर सरकारी संगठन है, ने आज एक नए पायलट प्लेटफॉर्म की घोषणा की है जो c कि कम लागत वाले सेंसर को एकीकृत कर स्थानीय समुदायों में नागरिकों को वायु गुणवत्ता को ट्रैक करने और वायु प्रदूषण से लड़ने में सक्षम बनाएगा.बचपनOpenAQ के आंकड़ों के मुताबिक़ because दुनिया के सबसे बड़े शहरों में हाल ही में हुई एक जांच में पता चला है कि PM2.5 वायु प्रदूषण का...
मैं उस पहाड़ी मुस्लिम स्त्री की हवा से  मुखातिब हो रही हूं…

मैं उस पहाड़ी मुस्लिम स्त्री की हवा से  मुखातिब हो रही हूं…

संस्मरण
दुर्गाभवन स्मृतियों सेनीलम पांडेय ‘नील’जब हम किसी से दूर हों रहे होते हैं, तब हम उसकी कीमत समझने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हो रहा है आज भी. कुछ ही पलों के बाद हम हमेशा के लिए यहां से दूर हो जाएंगे. so फिर शायद कभी नहीं मिल पाएंगे इस जगह से. कितना मुश्किल होता है ना, अपना बचपन का घर छोड़ना, तब और मुश्किल होती है, जब हम उसको हमेशा के लिए छोड़ रहे हों. कारण बहुत रहे, मैं कारण पर नहीं जाना चाहती हूं, उसका जिक्र फिर कभी करूंगी. किन्तु आज मन कह रहा है कि- बचपन मुठ्ठी भर अलविदा लेते because जाना गर लौट रहे हो, जीवन की शरहदों because में खामोशी बहुत है रोज आकर  लौटso रही थी, जो हवाएं  मेरे द्वार से मुझे but ही खटखटाकर, देखना किसी रोज गुम  हो because जाएंगी मुझे सुलाकर. मैं सबसे ऊपर वाले खेत के so मुहाने पर बैठकर सोच रही हूं, बचपनमेरे छल जो because मुझे बचपन में लगते रहे हैं और पू...
कब पूरे होंगे गांधी जी के रामराज्य के अधूरे सपने

कब पूरे होंगे गांधी जी के रामराज्य के अधूरे सपने

इतिहास
राष्ट्रपिता की पुण्यतिथि पर विशेषडॉ. मोहन चंद तिवारीआज 30 जनवरी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि है. इस दिन समूचा देश राष्ट्रपिता को देश की आजादी के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान हेतु अपनी because भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है.राष्ट्रपिता के दिशा निर्देशन में ही भारत की आजादी की लड़ाई लड़ी गई थी और उस स्वतंत्र भारत का लोकतांत्रिक और गणतांत्रिक स्वरूप कैसा होगा इस पर भी गांधी जी के द्वारा गम्भीरता से विचार विमर्श होता रहा था. गांधी जी के स्वराज का सपना था कि सत्ता लोगों के हाथ में होनी चाहिए न कि चुने हुए कुछ चंद लोगों के हाथ में.10 फरवरी, 1927 को 'यंग इंडिया' में गांधी जी ने लिखा- स्वराज ''सच्चा स्वराज मुट्ठी भर because लोगों के द्वारा सत्ता प्राप्ति से नहीं आएगा बल्कि सत्ता का दुरुपयोग किए जाने की सूरत में उसका प्रतिरोध करने की जनता की सामर्थ्य विकसित होने से आएगा...
कुमाऊंनी महाकाव्य ‘न्यायमूर्ति गोरल’

कुमाऊंनी महाकाव्य ‘न्यायमूर्ति गोरल’

पुस्तक-समीक्षा
डॉ. कीर्तिवल्लभ शक्टा रचित ग्वेल देवता महाकाव्य की समीक्षाडॉ. मोहन चंद तिवारीग्वेल देवता की लोकगाथा को आधार बनाकर अब तक दुदबोली कुमाऊंनी भाषा के स्थानीय लेखकों के द्वारा अनेक कविताएं, लघुकाव्य, खंडकाव्य, चालीसा तथा महाकाव्य विधा में साहित्यिक रचनाएं लिखी गई हैं और निरंतर रूप से आज भी लिखी जा रही हैं. किन्तु इन सबके बारे में एक व्यवस्थित जानकारी का अभाव-सा है. अब तक गोरिल देवता के सम्बन्ध में जो रचनाएं मेरे संज्ञान में आई हैं, उनमें गोलू देवता पर रचित काव्यों में कविवर जुगल किशोर पेटशाली रचित 'जय बाला गोरिया' और कुमाऊंनी लोक संस्कृति के रंगकर्मी त्रिभुवन गिरी महाराज द्वारा रचित 'गोरिल' महाकाव्य लोकविश्रुत रचनाएं हैं. इनके अलावा केशव दत्त जोशी द्वारा रचित 'ग्वल्ल देवता की जागर', कृष्ण सिंह भाकुनी विरचित 'श्री गोल्ज्यू काथ सौती राग', मथुरा दत्त बेलवाल रचित 'जै उत्तराखंड जै ग्वेल देव...
राष्ट्रीय बीज निगम के सीएसडी ने कृषि मंत्री को सौंपा लाभांश का चेक

राष्ट्रीय बीज निगम के सीएसडी ने कृषि मंत्री को सौंपा लाभांश का चेक

समसामयिक
वाई एस बिष्टपूसा के राष्ट्रीय बीज भवन पर राष्ट्रीय बीज निगम लि. (भारत सरकार का उपक्रम ‘मिनी रत्न’ कंपनी) ने भारत सरकार के कृषि मंत्री को 8 करोड़, 97 लाख, 58 हजार, so 722 रूपए लाभांश का चैक सौंपा. यह चेक विनोद कुमार गौड़, सीएमडी, एनएससी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, कृषि राज्य मंत्री परषोत्तम रूपाला और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चैधरी को सौंपा. विनोद कुमार गौड़ इस अवसर पर कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि खेती के क्षेत्र में बीज की बड़ी महत्ता है, ऐसे में बीज के क्षेत्र में काम करने वालों की बहुत अहम because जवाबदेही होती है. उन्होंने कहा कि व्यक्ति हो या संस्था, दोनों को सफर के स्मरण को संजोना बहुत ही सुखद होता है. इस अवसर पर सीड ट्रेसबिलिटी मोबाइल एप लांच किया. इस एप के माध्यम से असली बीजों की जानकारी मिलेगी और किसान धोखाधड़ी से बच सकेंगे. because केंद्रीय मंत्री ने इस ...
कंडोलिया थीम पार्क: लाइट एंड लेजर शो ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

कंडोलिया थीम पार्क: लाइट एंड लेजर शो ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध

पौड़ी गढ़वाल
सीएम ने जनता को किया समर्पित कंडोलिया थीम पार्कहिमांतर ब्‍यूरो, देहरादूनपौड़ी में आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नेbecause कंडोलिया के थीम पार्क को जनता को समर्पित किया. इस मौके पर स्कूली बच्चों की प्रस्तुतियां व पार्क में लाइट एंड लेजर शो का कार्यक्रम आकर्षण का केंद्र रहे.कंडोलिया पौड़ी पहुंचने पर सबसे because पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कंडोलिया ठाकुर के दर्शन किए और सभी की खुशहाली की कामना की. इसके बाद उन्होंने कंडोलिया थीम पार्क का उद्धघाटन करते हुए सभी को कंडोलिया के थीम पार्क की बधाइयां दी. उन्होंने कहा कि कंडोलिया देश के सर्वोच्च उंचाई वाला थीम पार्क है. पहाड़ की भौगोलिक स्थितियों के अनुरूप बने इस पार्क के माध्यम से हम पर्यटन विकास को so आगे बढ़ा सकते हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक हमारे राज्य में धार्मिक पर्यटक ही आते हैं लेकिन अब इसे और विस्तार देने का प्...
कैसे रखा जाये पृथ्वी के फेफड़े का ख्याल, जब ब्राज़ील में पर्यावरण बजट का हुआ बुरा हाल?

कैसे रखा जाये पृथ्वी के फेफड़े का ख्याल, जब ब्राज़ील में पर्यावरण बजट का हुआ बुरा हाल?

पर्यावरण
निशांतपिछले हफ्ते भारत से वैक्सीन पा कर ब्राज़ील के प्रधान मंत्री जैयर बोल्सनारो ने हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने वाले प्रकरण को याद करते हुए एक ट्वीट कर भारत को आभार व्यक्त किया और अच्छी ख़ासी सुर्खियाँ बटोरीं. बोल्स्नारो एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. लेकिन गलत वजहों से.बोल्सनारो  बोल्सनारो को यूं ही because नहीं पर्यावरण विरोधी नहीं कहा जाता. बोल्सनारो प्रशासन एक बार फिर अपनी पर्यावरण विरोधी नीति के लिए सुर्ख़ियों में है. ब्राज़ील के पर्यावरण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 2021 का बजट पिछली शताब्दी के अंत के बाद से अब तक का सबसे कम बजट है. मौजूदा बजट प्रस्ताव बोल्सनारो प्रशासन द्वारा अपनाई गई पर्यावरणीय विघटन रणनीति को फिर से रेखांकित करता है. बजट दरअसल ब्राज़ील के पर्यावरण because मंत्रालय (MMA) और संबंधित एजेंसियों के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित 2021 का बजट पिछली शताब्दी के अं...