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जल तांडव : उत्तराखंड के आठ जिलों में रेड अलर्ट

जल तांडव : उत्तराखंड के आठ जिलों में रेड अलर्ट

देहरादून
देहरादून: पिछले चार-पांच दिनों से हो रही लगातार बारिश से मैदान से लेकर पहाड़ तक जल तांडव देखने को मिल रहा है। पहाड़ में लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां-नाले उफान पर हैं। जगह-जगह लैंडस्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं। हरिद्वार में सड़कों पर नदियां बहने लगी। राजधानी देहरादून के निचले इलाकों में भी कई जगहों पर जलभराव हो गया। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल इससे राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग ने आठ जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। जबकि, अन्य पांच जिलों के लिए बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने चमोली, पौड़ी, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चम्पावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर में बारिश का रेड अलर्ट और उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, देहरादून, हरिद्वार के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया, सभी जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जना के साथ क...
आस्था का सैलाब: चालदा महासू महाराज की प्रवास यात्रा का क्रम

आस्था का सैलाब: चालदा महासू महाराज की प्रवास यात्रा का क्रम

देहरादून
भारत चौहान कश्मीर से हनोल की महासू महाराज की प्रवास यात्रा का एक लंबा क्रम है, हनोल (Hanol) में प्रकटीकरण के पश्चात बोटा महाराज हनोल में ही विराजित रहते हैं. जबकि चालदा महाराज जौनसार-बावर, उत्तरकाशी (Uttarkashi) एवं हिमाचल (Himachal) प्रदेश में प्रवास करते हैं. चालदा महाराज की प्रवास यात्रा के इतिहास की लंबी कढ़ी है परंतु ब्रिटिश सरकार ने चालदा महाराज के प्रवास को दो भागों में विभक्त किया एक भाग साटी बिल (तरफ) मतलब जौनसार बावर एवं आंशिक हिमाचल का क्षेत्र जिसके वजीर दीवान सिंह जी है जो बावर क्षेत्र के बास्तील गांव के निवासी है और दूसरा भाग पासी बिल मतलब उत्तरकाशी जनपद व हिमाचल प्रदेश का क्षेत्र. जिसके वजीर जयपाल सिंह जी है जो ठडीयार गांव के निवासी है. (यहां यह बात ध्यान रखने योग्य है कि चालदा महाराज के वजीर महाराज के प्रवास यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था करते हैं. कहां पर कब प्रवास होना है ...
किन्नौर का कायाकल्प करने वाला डिप्टी कमिश्नर

किन्नौर का कायाकल्प करने वाला डिप्टी कमिश्नर

संस्मरण, हिमाचल-प्रदेश
कुसुम रावत मेरी मां कहती थी कि किसी की शक्ल देखकर आप उस ‘पंछी’ में छिपे गुणों का अंदाजा नहीं लगा सकते। यह बात टिहरी रियासत के दीवान परिवार के दून स्कूल से पढ़े मगर सामाजिक सरोकारों हेतु समर्पित प्रकृतिप्रेमी पर्वतारोही, पंडित नेहरू जैसी हस्तियों को हवाई सैर कराने वाले और एवरेस्ट की चोटी की तस्वीरें पहली बार दुनिया के सामने लाने वाले एअरफोर्स पायलट, किन्नौर की खुशहाली की कहानी लिखने वाले और देश में पर्यावरण के विकास का खाका खींचने वाले वाले दूरदर्शी नौकरशाह नलनी धर जयाल पर खरी बैठती है। देश के तीन प्रधानमंत्रियों के साथ काम करने वाले इस ताकतवर नौकरशाह ने हमेशा अपनी क्षमताओं से एक मील आगे चलने की हिम्मत दिखाई जिस वजह से वह भीड़ में दूर से दिखते हैं। जीवन मूल्यों के प्रति ईमानदारी, प्रतिबद्वता व संजीदगी से जीने का सलीका इस बेजोड़ 94 वर्षीय नौकरशाह की पहचान है। यह कहानी एक रोचक संस्मरण है ...