
विकसित भारत के लिए पर्यावरण संरक्षण का लें संकल्प
नई दिल्ली. प्रकृति के सम्मान और प्रदूषण मुक्ति के लिए केवल सरकारों और स्वैच्छिक संस्थाओं की ओर न ताक कर प्रत्येक नागरिक को पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पबद्ध होना होगा. ये विचार पर्वतीय लोकविकास समिति एवं भारत संस्कृत परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रीय पर्यावरण गोष्ठी एवं सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश संस्कृत अकादमी के पूर्व निदेशक प्रो. गणेश भारद्वाज ने आज ललित महाजन सरस्वती बाल विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में व्यक्त किए.
अतिविशिष्ट अतिथि दिल्ली स्कूल ऑफ जर्नलिज्म, दिल्ली विश्वविद्यालय के संस्थापक निदेशक प्रो.जय प्रकाश दुबे ने कहा कि हमारी संस्कृति प्रकृति को पूज्य मानने वाली रही है. संस्कृत भाषा आज भी प्रकृति के सम्मान और पर्यावरण सुरक्षा का प्रभावी माध्यम है,इसको व्यवहार में लाने की आवश्यकता है. रक्षा मंत्रालय के पूर्व निदेशक और वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.नीलांबर पांडे ने ...