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‘धर्म की स्थापना और दुष्टों के विनाश के लिए मनुष्य का रूप धरते हैं’

‘धर्म की स्थापना और दुष्टों के विनाश के लिए मनुष्य का रूप धरते हैं’

लोक पर्व-त्योहार
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विशेषज्योतिर्मयी पंतकृष्ण जन्माष्टमी, कृष्ण जयंती, गोकुलाष्टमी आदि कई नामों से सुप्रसिद्ध यह दिन हिन्दुओं  का एक अति विशिष्ट पर्व है. इस दिन विष्णु भगवान ने धरती पर श्री कृष्ण के रूप में अवतार लिया. यह विष्णु का आठवाँ  अवतार माना जाता है. इसी दिन को कृष्ण  के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसे जन्माष्टमी भी कहा जाता है. भगवान कृष्ण ने गीता में स्वयं कहा है कि जब-जब धरती पर धर्म का ह्रास होता है. पाप और अत्याचार बढ़ जाते हैं तब-तब धर्मकी रक्षा और सज्जनों के परित्राण के लिए वह स्वयं मानव रूप धारण कर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं ... यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति  भारत.. अभ्युथानमधर्मस्य  तदात्मानम सृजाम्यहम्   परित्राणाय साधूनाम् , विनाशाय च दुष्कृताम् . धर्म संस्थापनाय संभवामि युगे युगे. इसी कारण द्वापर युग में जब धरती पर अनेक असुर देवों और  लोगों को...