बड़कोट : नगर कांग्रेस कमेटी बड़कोट और ब्लॉक कांग्रेस कमेटी का विस्तार किया गया है। कार्यकारिणी में युवाओं को मौका दिया गया है। इससे पार्टी को नगर पालिका चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है। इनमें ज्यादातर ओ युवा हैं, जो लंबे समय से पार्टी से जुड़े थे, लेकिन उनको कभी मुख्यधारा में शामिल नहीं किया गया था।
"बौंगाण औनि बौंगाणी" समूह द्वारा विकासनगर में एक बौंगाणी खुमळी (बैठक) का आयोजन किया। जिसमें काफ़ी लोगों ने प्रतिभाग किया। बैठक का आयोजन पैराडाइज गार्डन में हुआ, जिसका उद्देश्य बौंगाणी भाषा/बोली को लेकर एक मिलन समारोह था, जिसमें कई वक्ताओं ने अपनी भाषा, समाज, संस्कृति और क्षेत्र की बेहतरी हेतु विचार रखे। खुमळी के आयोजक श्री सुरेश रावत ने कहा कि यह हमारी भाषा के संरक्षण हेतु एक छोटा सा प्रयास था, जिसे समय–समय पर करने की अवश्यकता है।कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए राधा रावत ने खुमळी के परिचय और पहली बौंगाणी पत्रिका "इजा़ज़" पर विस्तृत चर्चा की। शुबा ने खुमळी में कुछ रोचक खेलों के आगाज़ के साथ शब्दकोश की अंताक्षरी खेली, जिसके लिए पर्ची निकालकर शब्दों का चयन किया गया। मोहन चौहान ने पत्रिका को व्यापक रूप देने हेतु सभी के सहयोग की कामना के साथ बुजाऊणी के माध्यम से लोगों के साथ बातचीत की।
बौं...
उत्तरकाशी: उत्तराखंड में हर दिन कोई ना कोई हादसा होता ही रहता है। ऐसा ही एक और हादसा उत्तरकाशी जिले में हुआ है। वाहन में चालक सहित 6 लोग सवार थे, जिसमें 3 की घटना स्थल पर मौत हो गई। 3 घायल बताये जा रहे हैं। तीन घायलों और 1 शव को जिला अस्पताल में पहुँचाया जा रहा है। 2 शवों को निकाला जा रहा हैं। सभी स्थानीय लोग बताये जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार NH-108 पर आर्य विहार आश्रम के पास एक वाहन नदी में गिरने से दुर्घटनाग्रस्त हुआ हो गया। वाहन में 6 लोग सवार थे।
पुलिस, SDRF, टीम एवं जिला चिकित्सालय से एक एम्बुलेंस रवाना किया गया। एक की मौत बताई जा रही है।जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने आपात कालीन परिचालन केंद्र पहुंचकर राहत एवम बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे है।...
आशिता डोभाल
देवभूमि उत्तराखंड अपने आप में एक खूबसूरत राज्य तो है ही साथ सदियों से ये पर्वतीय राज्य समय-समय पर ऋषि मनिसियों, वीर बालाओं, विरांगनाओं की जन्मभूमि और कर्मभूमि भी रही है. बात चाहे गौरा देवी की करें या तीलू रौतेली की, महारानी कर्णावती की या बसंती बिष्ट की या किसी भी साधारण-सी दिखने वाली गांव की थाती-माटी से जुड़ी महिला की. उसके संघर्षों की दास्तां अपने आप में एक अनूठी मिसाल कायम करती हुई कहानी-सी लगेगी और उस कहानी के पात्र लिखते-लिखते आप महसूस करेंगे कि पहाड़ में जीवन कितना कठिन और दुश्वार रहा होगा. परिस्थितियां चाहे कैसी भी रही हों, पहाड़ की नारी ने इन संघर्षों और कठिनाइयों को सहर्ष स्वीकार किया और उन से पार पाकर देश ही नहीं विश्व पटल पर भी अपना नाम ऊंचा किया.
सीमांत जनपद उत्तरकाशी आज भी विषम भौगोलिक परिस्थितियों से जूझ रहा है, जबकि हम आज 21वीं सदी में जी रहे है पर हमारे कई गा...
प्रति एक हजार बालकों के सापेक्ष 984 बालिकाओं ने लिया जन्म
बाल लिंगानुपात में सुधार करने वाले शीर्ष राज्यों में उत्तराखंड शामिलदेहरादून. उत्तराखंड सरकार के निरंतर प्रयासों के चलते प्रदेश में बाल लिंगानुपात में व्यापक सुधार हुआ है. वर्ष 2015-16 की सर्वे रिपोर्ट में जहां सूबे में 0-05 आयु वर्ग तक के बच्चों का लिंगानुपात 888 था वहीं वर्ष 2020-21 में बल लिंगानुपात 984 दर्ज किया गया, जोकि विगत वर्षों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. सूबे के स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत इसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं, उनका कहना है कि बाल लिंगानुपात में बढ़ोत्तरी की वजह आम लोगों तक राज्य व केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाना है. उन्होंने सूबे में संस्थागत प्रसव व पीसीपीएनडीटी को सख्ती से लागू करना भी इसकी वजह बताया.राज्य में बाल लिंगानुपात को लगातार बेहत्तर किया जा रहा है, इसके लिये सूब...
ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत,पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार के कार्य का किया शिलान्यास
उत्तरकाशी के सूदूरवर्ती मोरी ब्लॉक के जखोल गांव के बिशु मेले के अंतिम दिन हंस फाउंडेशन के प्रेरणास्रोत माताश्री मंगला जी एवं श्री भोले महाराज जखोल पहुंचे. इस दौरान ग्रामीणों उनका भव्य स्वागत किया. माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज ने जखोल पहुंचकर सोमेश्वर महाराज मंदिर में पूजा-अर्चना कर पौराणिक सोमेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया.
सोमेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में उपस्थित हजारों भक्तों का अभिवादन करते हुए माताश्री मंगला जी ने सोमेश्वर महादेव से सभी के जीवन में सुख-शांति और संतुष्टि की कमाना करते हुए कहा की हम आज अभिभूत हैं,यह देखकर कि जौनसारी जनजाति की सांस्कृतिक विरासत और परंपरा को दर्शाने वाले इस मेले में टिहरी,उत्तरकाशी और उत्तराखंड के दूर दराज क्षेत्रों स...
दिनेश रावत
बात संग्रांद (संक्रांति) से पहले एक रोज की है. शाम के समय माँ जी से फोन पर बात हो रही थी. उसी दौरान माँ जी ने बताया कि- ‘अम अरसू क त्यारी करनऽ लगिई.’ ( हम अरसे बनाने की तैयारी में लगे हैं.) अरसे बनाने की तैयारी? मैं कुछ समझ नहीं पाया और मां जी से पूछ बैठा- ‘अरस! अरस काले मां?(अरसे! अरसे क्यों माँ?) तो माँ ने कहा- ‘भोव संग्रांद कणी. ततराया कोख भिजऊँ अर कुठियूँ.’ (कल संक्रांति कैसी है. उसी वक्त कहाँ भीगते और कूटे जाते हैं.) ‘काम भी मुक्तू बाजअ. अरस भी लाण, साकुईया भी उलाउणी, स्वाअ भी लाण अर त फुण्ड भी पहुंचाण.’ (काम भी बहुत हो जाता है. अरसे भी बनाने हैं. साकुईया भी तलनी है.
स्वाले यानी पूरी भी बनानी है और फिर वह पहुंचाने भी हैं.) माँ जी से बात करते-करते मैं सोचने को विवश हो गया कि आख़िर गांव-घर से दूर होते ही हम कितनी चीजों से दूर हो जाते हैं. हमारी जीवन शैली कितनी बदल जाती है. ...
प्रकाश उप्रेती
पर्वतीय राज्य का सपना देखने वाले लोग भी किस मिट्टी के बने होंगे न! इस राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों का सपना क्या होगा, कैसी दृढ़ता उनके विचारों में होगी? क्या ये प्रश्न आपके दिमाग में नहीं आते because हैं. तब भी नहीं आते जबकि यह राज्य संसाधनों की लूट से लेकर सपनों की लूट में गर्दन तक डूब चुका है. आपको नहीं लगता है कि इस राज्य के लिए शहीद हुए लोगों के सपनों को हमने 22 वर्षों में ही मिट्टी में मिला दिया है. ऐसा राज्य देखने के लिए हमारे लोगों ने गोली खाई होगी ? इसके लिए लड़े होंगे!
कल 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड और आज 2 सितंबर को मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए लोगों को हम याद कर रहे हैं. परन्तु आज हम अपने शहीदों की शहादत को भूलते जा रहे हैं. उस सपने को हम भूल रहे हैं जो उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए देखा था.ज्योतिषराज्य का दुर्भाग्य यह है कि यहाँ bec...
शिक्षक दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करेंगे सम्मानितनीरज उत्तराखंडी, पुरोला उत्तरकाशीराजकीय आदर्श उच्च प्राथमिक विद्यालय पुजेली खलाड़ी में प्रधानाध्यापक व गणित-विज्ञान के शिक्षक चंद्रभूषण बिजल्वाण का चयन श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान के लिए हुआ है. बिजल्वाण को because यह सम्मान शिक्षक दिवस,5 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी देहरादून में देकर सम्मानित करेंगें.ज्योतिष
चंद्रभूषण बिजल्वाण को यह सम्मान गांव के गरीब छात्रों के पठन पाठन को लेकर अभिनव प्रयोगों से गाँव के होशियार प्रतिभावान दर्जनों छात्र -छात्राओं के प्रति समर्पित होकर स्कूल सहित because अपने घर में भी अतिरिक्त पढ़ाई की अलख जगाने का प्रयास है.ज्योतिष
गौरतलब है कि चंद्रभूषण बिजल्वाण because आज ही नहीं पूर्व में भी उच्च प्राथमिक विद्यालय सुनाली व विभिन्न विद्यलयों में तैनात थे तब भी अपने आसपास के आधा दर्जन ...
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान!शिक्षक, लेखक, कवि, लोकसंस्कृतिकर्मी और लोक से because जुड़े दिनेश रावत नई-नई पुस्तक रवांई के देवालय एवं देवगाथाएं को पढने का सौभाग्य मिला. पांच अध्याय में लिखी गयी इस पुस्तक में आपको रवाई घाटी की अनमोल सांस्कृतिक विरासत को करीब से जानने का मौका मिलेगा साथ ही यहाँ की अनूठी परम्पराओं की जानकारी भी मिलेगी जिन्हें आपने आज तक नहीं सुना होगा.
तु आया देवा, शांख क सबद, तु आया देवा ढोलू की नाद
तु आया देवा, अंग मोड़ी-मोड़ी, तु आया देवा बांगुडी बांदुऊ…ज्योतिष
लेखक दिनेश रावत ने देवताओं की स्तुति से ही इस because किताब की शुरुआत की है. लोक के प्रति गहरी समझ और लोक संस्कृति के सच्चे साधक की यही एक निशानी होती है. जिसके बाद किताब के अगले पन्नो में साहित्यकार डॉ प्रयाग जोशी और साहित्यकार व रवांई की पहचान महाबीर रवाल्टा जी द्वारा पुस्तक की उपयोगिता और महत्ता के बारे में ...