Tag: नमामि गंगे

प्रदूषित गंगा और हम!

प्रदूषित गंगा और हम!

पर्यावरण
कमलेश चंद्र जोशी कहते हैं प्रकृति हर चीज का संतुलन बनाकर रखती है. लेकिन अधिकतर देखने में यह आया है कि जहां-जहां मनुष्य ने अपना हाथ डाला वहां-वहां असंतुलन या फिर समस्याएं पैदा हुई हैं. इन समस्याओं का सीधा संबंध मनुष्य की आस्था, श्रद्धा, स्वार्थ या तथाकथित प्रेम से रहा है. गंगा को हमने मॉं कहा और गंगा के प्रति हमारे प्रेम ने उसको उस मुहाने पर लाकर छोड़ दिया जहां उसकी सफ़ाई को लेकर हर दिन हो-हल्ला होता है लेकिन न तो हमारे कानों में जूं रेंगती है और न ही सरकार के. गंगा को हमने उसके प्राकृतिक स्वरूप में प्रकृति की गोद में बहने के लिए छोड़ दिया होता और उसके पानी का इस्तेमाल सिर्फ अपनी जरूरतों की पूर्ति के लिए किया होता तो आज गंगा इस दशा में न होती कि उसकी सफाई के लिए प्रोजेक्ट चलाने पड़ते. ये सिर्फ इसलिए हुआ क्योंकि गंगा को हमने अपनी अंधी आस्था और स्वार्थसिद्धी का विषय बनाकर उसका दोहन करना शु...
पेंटिंग की वैश्विक प्रदर्शनी में उत्तराखंड के तीन कलाकारों ने किया प्रतिनिधित्व

पेंटिंग की वैश्विक प्रदर्शनी में उत्तराखंड के तीन कलाकारों ने किया प्रतिनिधित्व

समसामयिक
हिमाँतर डेस्‍क उत्तराखंड के राजेश चंद्र की चित्रकला इनदिनों सुर्खियां बंटोर रही है. हाल ही में विश्व स्तर पर हुई एक प्रदर्शनी में उनकी पेंटिंग को खूब सराहा गया है. इस पेंटिंग में राजेश ने समुद्र बचाओ का संदेश दिया था. राजेश 24 साल के हैं और उनकी पेंटिंग्स को नमामि गंगे व जल शक्ति मंत्रालय भी सराह चुका है. राजेश की पेंटिंग की प्रदर्शनी यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड ओसन डे ऑर्गनाइजेशन के वैश्विक स्तर पर हुए 'समुद्र बचाओ प्रदर्शनी'  में लगी थी. इस कार्यक्रम में उनके साथ ही विश्वभर के कई कलाकारों ने समुद्र बचाओ का संदेश दिया. राजेश के साथ ही इस प्रदर्शनी में उनके दो बाल कलाकारों शिवांश और मानव थापा की पेंटिंग भी प्रदर्शित की गई. इस वैश्विक प्रदर्शनी में भारत की तरफ से उत्तराखंड के तीन कलाकारों ने प्रतिनिधित्व किया. शिवांश ग्यारह और मानव महज सात साल के हैं जिनकी पेंटिंग इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित ...