डॉ. अरुण कुकसाल जीवन के पहले अध्यापक को भला कौन भूल सकता है. अध्यापकों में वह अग्रणी है. शिक्षा और शिक्षक के प्रति बालसुलभ अवधारणा की पहली खिड़की वही खोलता है. जाहिर है एक जिम्मेदार और दूरदर्शी पहला अध्यापक बच्चे की जीवन दिशा में हमेशा मार्गदर्शी रहता है. चंगीज आइत्मातोव का विश्व चर्चित उपन्यास
डॉ. मोहन चंद तिवारी “पिछले लेखों में शम्भूदत्त सती जी के ‘ओ इजा’ उपन्यास के सम्बन्ध में जो चर्चा चल रही है,उसी सन्दर्भ में यह महत्त्वपूर्ण है कि इस रचना का एक खास प्रयोजन पाठकों को पहाड़ की भाषा सम्पदा और वहां प्रचलित लोक संस्कृति के विविध पक्षों तीज-त्योहार, मेले-उत्सव खान-पान आदि से अवगत कराना […]
शम्भूदत्त सती का व्यक्तित्व व कृतित्व-2 डॉ. मोहन चन्द तिवारी पिछले लेख में शम्भूदत्त सती जी के ‘ओ इजा’ उपन्यास में नारी विमर्श से सम्बंधित चर्चा की गई थी. इस उपन्यास का एक दूसरा खास पहलू पहाड़ के लोगों की इतिहास चेतना और लोक संस्कृति से भी जुड़ा है,जिसकी प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है. […]
प्रकाश उप्रेती पिछले कई दिनों से आभासी दुनिया की दीवारें प्रेमचंद के विशेषज्ञों से पटी पड़ी हैं. इधर तीन दिनों से तो तिल भर रखने की जगह भी नहीं बची है. एक से बढ़कर एक विशेषज्ञ हैं. नवजात से लेकर वयोवृद्ध विशेषज्ञों की खेप आ गई है. गौर से देखने पर मालूम हुआ कि इनमें […]
पुस्तक समीक्षा डॉ पूरन जोशी आपका बंटी उपन्यास प्रसिद्ध उपन्यासकार कहानीकार मनु भंडारी द्वारा रचित है. मनु भंडारी, उनीस सौ पचास के बाद जो नई कहानी का आंदोलन हमारे देश में शुरू हुआ उसकी एक सशक्त अग्रगामियों में से हैं. कमलेश्वर, राजेंद्र यादव, भीष्म साहनी के साथ उनका नाम एक प्रमुख स्तंभ के रूप में […]
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