देहरादून

भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

देहरादून
प्रकाश उप्रेती पर्वतीय राज्य का सपना देखने वाले लोग भी किस मिट्टी के बने होंगे न! इस राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों का सपना क्या होगा, कैसी दृढ़ता उनके विचारों में होगी? क्या ये प्रश्न आपके दिमाग में नहीं आते because हैं. तब भी नहीं आते जबकि यह राज्य संसाधनों की लूट से लेकर सपनों की लूट में गर्दन तक डूब चुका है. आपको नहीं लगता है कि इस राज्य के लिए शहीद हुए लोगों के सपनों को हमने 22 वर्षों में ही मिट्टी में मिला दिया है. ऐसा राज्य देखने के लिए  हमारे लोगों ने गोली खाई होगी ? इसके लिए लड़े होंगे! कल 1 सितंबर को खटीमा गोलीकांड और आज 2 सितंबर को मसूरी गोलीकांड में शहीद हुए लोगों को हम याद कर रहे हैं. परन्तु आज हम अपने शहीदों की शहादत को भूलते जा रहे हैं. उस सपने को हम भूल रहे हैं जो उन्होंने उत्तराखंड राज्य के लिए देखा था.ज्योतिषराज्य का दुर्भाग्य यह है कि यहाँ bec...
कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला-रंगमंच, देहरादून
मनोहर चमोली ‘मनु’ जगमोहन बंगाणी की कूची से बनी पेंटिंग्स भारत से बाहर स्पेन, कोरिया, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे देशों में उपस्थित हैं. कला के पारखी समूची दुनिया में हैं और वे अपने घरों-कार्यालयों में रचनात्मकता को भरपूर स्थान देते हैं. बंगाणी मानते हैं कि कला because आपके अपने अनुभव से आत्म-साक्षात्कार कराती है. वह स्वयं को जानने का एक असरदार साधन होती है. कला मन के भीतर चल रहे विचारों का प्रतिबिंब होती है. आप उसे बिना कहे हजारों शब्द दे सकते हैं.ज्योतिष कला के क्षेत्र में बंगाणी एक ऐसे चित्रकार हैं जो अभिनव प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. लीक से हटकर अलहदा पेंटिग के लिए वह जाने जाते हैं. भारत के उन चुनिंदा चित्रकारों में वह एक हैं जो नए प्रयोग और दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं. बंगाणी अब दिल्ली में रहते हैं. अलबत्ता उनकी जड़ें उत्तराखण्ड के मोण्डा, बंगाण से जुड़ी हुई हैं. हिमाचल because की संस्कृ...
बाघ संरक्षण के संदेश को लेकर देहरादून में फियरलेस बाघ फोटो प्रदर्शनी शुरू

बाघ संरक्षण के संदेश को लेकर देहरादून में फियरलेस बाघ फोटो प्रदर्शनी शुरू

देहरादून
सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव प्रशासन रंजन कुमार मिश्रा ने किया प्रदर्शनी का शुभारंभ आगामी 16 अगस्त तक चलेगी फोटो प्रदर्शनी राज्य के स्कूलों में भी लगाई जायेगी फोटो प्रदर्शनी हिमांतर ब्यूरो,  देहरादूनआज विश्व बाघ दिवस पर देहरादून के इद्रलोक होटल में बाघ जागरूकता को लेकर एक फोटो प्रदशर्नी का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी का आयोजन दून आर्ट काउंसिल और वाइल्ड लाइफ इंस्ट्टीयूट ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है. प्रदर्शनी का शुभारंभ बतौर मुख्यअतिथि सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम और रंजन कुमार मिश्रा अपर प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव प्रशासन, उत्तराखंड ने किया. उत्तराखंड में बाघ संरक्षण के लिए फियरलेस बाघ नाम से शुरू हुई यह फोटो प्रदर्शनी आगामी 16 अगस्त तक जारी रहेगी. इस मौके पर ब्रिगेडियर अरीबन दत्ता, मेजर जनरल खत्री, जीओसी क...
पत्रकारों के हित नहीं होने दिए जाएंगे प्रभावित: CM धामी

पत्रकारों के हित नहीं होने दिए जाएंगे प्रभावित: CM धामी

देहरादून
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पत्रकारों की सात  सूत्रीय मांग पर सचिव  सूचना क़ो जारी  किये दिशा-निर्देश.!हिमांतर ब्यूरो, देहरादूनउत्तराखंड में सूचीबद्व न्यूज पोर्टल पत्रकारों ने वरिष्ठ पत्रकार मनोज इष्टवाल के नेतृत्व में आज देहरादून सचिवालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की. इस दौरान सचिव सूचना अभिनव कुमार, महानिदेशक सूचना रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे. इस मुलाकात में पत्रकार हितों से जुड़ी सात सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा हुई.सात सूत्रीय मांगों पर सीएम धामी की सहमति मुख्यमंत्री धामी ने सभी मांगों पर मौखिक सहमति जताते हुए सचिव  सूचना  अभिनव  कुमार  क़ो मांग-पत्र अग्रसरित  कर सात सूत्रीय मांग पर जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा न्यूज पोर्टल पत्रकारों के हितों को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने दिया जायेगा....
एक नए भारत की ओर, नरेंद्र मोदी शासन के 8 साल

एक नए भारत की ओर, नरेंद्र मोदी शासन के 8 साल

देहरादून
नरेश  बंसल, सासंद राज्यसभा कुछ लोग अपने शौर्य, पराक्रम, संकल्प और शानदार कार्य प्रदर्शन से इतिहास में गरिमामयी स्थान पाते हैं और कुछ अपनी शख़्सियत से इतिहास बनाते हैं. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र - भारत के संसदीय इतिहास में 14 मई 2014 का दिन एक स्वर्णिम दिवस है जब भारतीय संसद में पहली बार चुने गए। नरेंद्र मोदी ने अपना पहला कदम लोकतंत्र के मंदिर में रखा और पहली सीढ़ी पर अपना सिर नवाकर ईश्वर की कृपा और 135 करोड़ भारतीयों के आशीर्वाद के लिए अपना सम्मान अभिव्यक्त किया. भारत के 14 वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले नरेंद्र मोदी ने संसद के सदस्य के रूप में अपने पहले ही अवसर पर प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली जो पूरे विश्व में एक विस्मरणीय घटना है. 26 मई, 2014 को कार्य भार ग्रहण करने वाले नरेन्द्र मोदी का एकमात्र लक्ष्य माँ भारती का सम्मान और गौरव है और संकल्प है देश के हर नागरिक की ख़ुशहाली। ...
रवांई क्षेत्र में पत्रकारिता की अविरल लौ जलाते रहे राजेन्द्र असवाल

रवांई क्षेत्र में पत्रकारिता की अविरल लौ जलाते रहे राजेन्द्र असवाल

देहरादून, साहित्‍य-संस्कृति
पुण्य स्मरण: पुण्य तिथि (30 मई) पर विशेषमहावीर रवांल्टारवांई क्षेत्र में पत्रकारिता की बात करें तो आज अनेक लोग इस क्षेत्र में सक्रिय हैं लेकिन इस क्षेत्र से किसी भी  नियमित पत्र का प्रकाशन नहीं हो सका सिर्फ अस्सी के दशक के पूर्वाद्ध में  बर्फिया लाल जुवांठा और शोभा because राम नौडियाल के संपादन में पुरोला से निकले 'वीर गढ़वाल' की जानकारी मिलती है. सन् 1992 ई में पुरोला से पहली बार 'रवांई मेल' (साप्ताहिक) समाचार पत्र का प्रकाशन आरंभ हुआ और इसके संस्थापक, प्रकाशक व संपादक थे- राजेन्द्र असवाल.अपनेपन राजेन्द्र असवाल का जन्म नौगांव विकासखंड के because बलाड़ी गांव में 1 जनवरी सन् 1964 ई को हुआ था.आपके पिता का नाम नैपाल सिंह और मां का नाम चंद्रमा देवी था.तीन भाईयों में आप घर के सबसे बड़े बेटे थे. आपकी आरंभिक शिक्षा गांव में ही हुई फिर राजकीय इंटर कालेज नौगांव से करने के बाद स्नातक ...
आजीविका वर्धन हेतु बांस एवं रिंगाल संसाधनों पर आधारित  विचार मंथन सत्र आयोजित

आजीविका वर्धन हेतु बांस एवं रिंगाल संसाधनों पर आधारित  विचार मंथन सत्र आयोजित

देहरादून
उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यूसर्क) (Uttarakhand Science Education and Research Centre(USERC)) द्वारा राष्ट्रीय हिमालयन अध्ययन मिशन परियोजना के अन्तर्गत राज्य में आजीविका वर्धन हेतु बांस एवं रिंगाल संसाधनों पर आधारित काश्तकारों के सामाजिक आर्थिक उन्नयन हेतु उनके द्वारा बनाये जाने वाले पारम्परिक उत्पादों के मूल्यवर्धन, क्षमता विकास एवं विपणन हेतु श्रृंखला विकास की प्रक्रिया पर आधारित एक विचार मंथन सत्र का आयोजन किया गया. उद्घाटन सत्र में यूसर्क की निदेशक प्रो. (डा.) अनिता रावत ने कहा कि यूसर्क द्वारा बताया कि यूसर्क राज्य के विकास से सम्बन्धित विज्ञान, शिक्षा एवं तकनीकी के माध्यम से विभिन्न परियोजनाओं के द्वारा दुर्गम क्षेत्र तक लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने बासं व रिंगाल के संसाधनों के काश्तकारों को आजीविका का महत्वपूर्ण संसाधन होने के साथ पर्यावरणीय दृष्ट...
विरासत से पहाड़ की विरासत गायब!

विरासत से पहाड़ की विरासत गायब!

देहरादून
अर्जुन सिंह रावत विरासत किसके लिए. कहते हैं संगीत की because कोई सीमा कोई दायरा नहीं होता लेकिन लोक को जीवित रखने के लिए उसे बताना भी जरूरी है और नई पीढ़ी से मिलाना भी. सबसे बड़ा सांस्कृतिक आयोजन कहकर प्रचारित किए जा रहे विरासत में देवभूमि की विरासत नदारद है. आयोजकों ने इसे महज रस्म अदायगी तक सीमित कर दिया है.ज्योतिष उत्तराखंड के देहरादून में बड़े जोर-शोर से विरासत का आयोजन किया जा रहा है. ओएनजीसी जैसे बड़े-बड़े प्रायोजक भी हैं और संगीत जगत के कई धुरंधर भी. कबीर की वाणी भी मिलेगी, because सूफी कलाम भी मिलेगा, क्लासिकल डांस फॉर्म भी मिलेंगे, लेकिन नहीं है तो उत्तराखंड का लोकस्वर. उत्तराखंड के वाद्ययंत्र और जागर जैसी देव विधा की प्रस्तुति.ज्योतिष कितनी हैरानी है न, जिस ढोल सागर, जागर को सम्मान देते हुए प्रीतम भरतवाण जी, बसंती देवी जी जैसे लोक साधकों को पद्मश्री सम्मान प्रदान किया ...
हिमालयीय वनस्पति ‘र् वेंण’ सुहागिनों की सिंदूर-फली

हिमालयीय वनस्पति ‘र् वेंण’ सुहागिनों की सिंदूर-फली

देहरादून
डा. मोहन चंद तिवारीसंस्कृत- 'कम्पिल्लक'  हिंदी- 'कमीला',  Mallotus philippensis लगभग आठ वर्ष पूर्व जम्मू-कश्मीर हिमालय में मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के दौरान शिवखोड़ी की लगभग 4 कि.मी.की पैदल यात्रा करने का अवसर मिला तो वहां जंगलनुमा रास्ते में कम्पिल्लक के वृक्षों में लटकते 'कमीला' के because सिन्दूरी फलों को देखकर अपने गांव जोयूं, उत्तराखंड की वह याद ताजा हो आई जब मैं बचपन में अपने चाचा जी के साथ 'र् वेंण' के वृक्षों में लगे फलों से लाल रंग का पराग टटकाया करता था. चाचा जी ने बताया था कि इस फल के लाल पराग को माथे पर तिलक करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है. पुराने जमाने में इसी रोली से स्त्रियां अपने सुहाग का सिन्दूर भरती थी.हमारे पाली पछाऊं में इसे 'र् वेंण' का फल कहा जाता है. हरताली शिव खोड़ी के मार्ग में पड़ने वाले मन्दिर मैं ठहरे एक साधु महात्मा ने यह बताकर मेरी जिज्ञासा को और ...
उत्तराखंड चुनाव परिणाम : हरीश रावत की हट, कांग्रेस सफाचट!

उत्तराखंड चुनाव परिणाम : हरीश रावत की हट, कांग्रेस सफाचट!

देहरादून
निर्दलीय उम्मीदवार का जीतना कहीं न कहीं उत्तराखंड की राजनीति में आ रहे बदलावों की ओर संकेत करता हैप्रकाश उप्रेती लोकतंत्र में चुनाव ही वह कसौटी है जिसके आधार पर किसी पार्टी और प्रतिनिधि का मूल्यांकन होता है. जनता अपने वोट के जरिए यह मूल्यांकन करती है. 5 राज्यों में हुए चुनावों का नतीजा आया तो उसमें 4 राज्यों में because बीजेपी गठबंधन और पंजाब में जनता ने आप को बहुमत दिया. अब सवाल इन चुनावों  के 'पाठ' का है. इस पाठ के लिए अगर उत्तराखंड को लिया जाए तो हम देखते हैं कि इस बार के नतीजे भी कमोबेश पिछले चुनावों की तर्ज पर ही रहे हैं. परंतु इस बार के नतीजे उत्तराखंड की राजनीति में आ रहे बदलावों की तरफ भी संकेत करते हैं. उत्तराखंड का वोटर अब पार्टी लाइन से हटकर भी वोट कर रहा है.ज्योतिष उत्तराखंड बनने से लेकर आज तक के चुनावों को देखा जाए तो यहाँ मुकाबला हमेशा बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही र...