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उत्तराखंड जलमग्न 50 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लोग रास्तों में फंसे

उत्तराखंड जलमग्न 50 से ज्यादा की मौत, सैकड़ों लोग रास्तों में फंसे
  • हिमांतर ब्यूरो, नैनीताल/देहरादून
कुछ इस तरह धराशायी हो गई सड़कें और रेलवे ट्रैक: ऑल वेदर रोड एवं हल्द्वानी-काठगोदाम के पास रेलवे ट्रैक.

पहाड़, मानवजनित आपदा because से जूझ रहा है. पूरे उत्तराखंड में 4 दिनों की लगातार मूसलाधार बारिश ने काफी नुकसान किया है. इस त्रासदी में  50 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. पहाड़ों की तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद हैं. 5 बड़े पुल because और सैकड़ों जगह से सड़क टूट चुकी है. ‘ऑल वेदर रोड’ की हालत सबसे खराब है. यह किसी भी ‘वेदर’ में सीधे ‘गाड़-गध्यर’ में जा रही है जबकि इसको बनाते हुए ‘अनंत काल’ तक टीके रहने की घोषणा हुई थी.

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चल्थी टनकपुर पुल. because सभी फोटो सोशल मीडिया से साभार

इस समय पहाड़ के सभी जिले जलमग्न हैं. हर वर्ष इस मौसम में पहाड़ों में बारिश होती है लेकिन ऐसी बारिश आज से पहले नहीं हुई. पहाड़ की सारी नदियाँ- गाड़-गधेरे उफान पर हैं. because खासकर कुमाऊँ के नैनीताल, पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा जिले इस आपदा से ज्यादा प्रभावित हैं. पिछले दो दिनों में इन इलाकों में हुई बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. नैनीताल जिले में 1914 में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई थी वह भी 254mm थी लेकिन पिछले 24 घंटे में इस इलाके में 340.8mm  बारिश रिकॉर्ड की गई है. इसी से इस आपदा का अंदाजा लगाया जा सकता है.

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बारिश का हाल यह है कि तीन दिन से लोग सोए नहीं है. बारिश दिन-रात लागतार लगी हुई है. इन इलाकों में घर के आस-पास के कई खेत, रास्ते ढह चुके हैं. कई पेड़ जड़ because से उखड़ गए हैं. इस कारण कई जगह सड़क भी बंद है. पूरे इलाके में एक डर का माहौल बना हुआ है. इस डर में लोगों के लिए रात काटनी ही मुश्किल हो रही है. आज फिलहाल बारिश रुक गई है लेकिन बादल because अभी भी कुछ कर गुजरने को आतुर लग रहे हैं. बाकि देहरादून से हवाई सर्वे हो रहा है जबकि नीचे जमीन अभी भी पल-पल धस रही है.

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आपदा प्रभावित इलाकों का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी.
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