कला-रंगमंच

रंगमंच के विकास व समृद्धि में सत्येन्द्र शरत का अविस्मरणीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता 

रंगमंच के विकास व समृद्धि में सत्येन्द्र शरत का अविस्मरणीय योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता 

कला-रंगमंच
- स्मरण - महावीर रवांल्टा  27 मार्च 1987 को राजकीय पोलीटेक्निक उतरकाशी के वार्षिकोत्सव में मेरे निर्देशन में डा भगवतीचरण वर्मा द्वारा लिखित 'दो कलाकार' तथा सत्येन्द्र शरत द्वारा लिखित because 'समानान्तर रेखाएं' नाटक मंचित हुए थे. निर्देशन के साथ ही इनमें मैंने अभिनय भी किया था.' समानान्तर रेखाएं' में मैंने नरेश की भूमिका अभिनीत की थी.ये नाटक मैंने किसी पाठ्यक्रम के लिए प्रकाशित नाटक संग्रह से चुने थे.इनकी प्रस्तुति ने दर्शकों को प्रभावित किया था. बातचीत बुलन्दशहर में नौकरी के दौरान मुझे प्रकाशन विभाग, भारत सरकार की साहित्यिक पत्रिका 'आजकल' के माध्यम से जानकारी मिली थी कि सत्येन्द्र शरत दिल्ली में रहते हैं. because पत्रिका में उनके आलेख के साथ दिए पते पर मैंने उन्हें पत्र लिखा था लेकिन बहुत दिनों तक कोई उतर नहीं मिला. इसके बाद मैंने फिर पत्र लिखे. आखिर उनका पत्र आ ही गया जिसके म...
मौलिकता की पहचान

मौलिकता की पहचान

कला-रंगमंच
लोकजीवन का चेहरा भी प्रस्तुत कर रहे हैं जगमोहन बंगाणी अतुल शर्मा जगमोहन बंगाणी ने अपनी पहचान बनाई है. जब हम यह कहते हैं तो उसके पीछे पूरा एक संघर्षशील समय सामने आ जाता है. कहां से कला और कलाकार की यात्रा आरम्भ हुई इसके बारे मे जान because लेना ज़रुरी है. पहाड़ की ज़मीन से जुड़कर दुनियां को महसूस करने की यात्रा है प्रसिद्ध चित्रकार जगमोहन बंगाणी की. रंगो और शिल्प के साथ सार्वभौमिक मानव मूल्यों के प्रति सचेत है बंगाणी की विलक्षण कला. तो इसे शुरु से ही शुरु करते हैं. पहाड़ पहाड़ के मनोभावों से मिलते जुलते रंग संयोजन के प्रतिबिंब बंगाणी की चित्रकला मे नजर आते हैं. बने बनाये चौखटों को तोड़ा है और अन्तरंग रचनात्मक यात्रा के प्रतिबद्ध रहे हैं. नये रास्तो की अन्वेषणात्मक खोज और मनो भावों और संघर्ष की अनुभूति देते चेहरे पहाड़ से बहुत करीबी  रिश्ता बनाते हैं. बहुत ही शुरुआती चित्रों में ...
उत्तराखंड में भारत रंग महोत्सव

उत्तराखंड में भारत रंग महोत्सव

कला-रंगमंच
रंगमंच महाबीर रवांल्टा उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में संस्कृति विभाग एवं राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 21वां भारत रंग महोत्सव 6 फरवरी से 12 फरवरी 2020 तक हुआ. राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय द्वारा भारत रंग महोत्सव देश के चार शहरों में पांडिचेरी, नागपुर, शिलांग व देहरादून में आयोजित किए गए जिनमें देश के चयनित नाट्य दलों के साथ ही विदेशी नाट्य दलों की प्रस्तुतियां भी शामिल रही. 6 फरवरी को रिस्पना पुल के निकट नवनिर्मित प्रेक्षागृह के लोकार्पण एवं नाट्य महोत्सव के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने संस्कृति, साहित्य एवं कला परिषद के उपाध्यक्ष घनानंद गगोड़िया, संस्कृति विभाग की निदेशक डॉ बीना भट्ट की उपस्थिति में प्रेक्षागृह को रंगकर्मियों को समर्पित किया. उदघाटन सत्र में सुप्रसिद्ध कवि पद्मश्री लीलाधर जगूड़ी, प्रख्यात रंगमंच ए...
चित्रकला की आधुनिकता का सफर

चित्रकला की आधुनिकता का सफर

कला-रंगमंच
जगमोहन बंगाणी कला, हजारों वर्षों से हमारी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का एक माध्यम रही है. हालांकि कलाकार कला-रूपों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते थे,  समय के साथ-साथ कला के रूपों में काफी बदलाव आया है. कला का निरंतर विकास, मानव के विकास को दर्शाता है और यह मान लेना भी आसान है because कि कला और मनुष्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं. कला के रूप हमें विभिन्न कला आंदोलनों, कला- "वादों", संस्कृतियों और यहां तक कि कभी-कभी समाजों को भी जानने में मदद करते हैं. कलाकारों के निरंतर अन्वेषण ने कला के इतिहास में कई कला परंपराओं को विकसित किया और हर बार कलाकारों ने पिछली पीढ़ी की तुलना में कुछ अलग खोज की है. परंपराओं यदि हम कला के आधुनिकीकरण के बारे में सोचते हैं, तो हम पाएंगे कि यह कलाकारों के अन्वेषण का परिणाम था. आज भी लोगों के लिए आधुनिक कला से अपरिचित because बनकर टिप्पणी करन...
शहीदों को समर्पित फोटोग्राफी व पेंटिंग प्रदर्शनी

शहीदों को समर्पित फोटोग्राफी व पेंटिंग प्रदर्शनी

कला-रंगमंच
— वाई एस बिष्ट इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में 16 से 18 फरवरी को फोटोग्राफी और पेंटिंग प्रदर्शनी 'अनुभूति' का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम इनक्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर फाउंडेशन द्वारा किया गया, इसमें कलाकारों द्वारा विभिन्न प्रकार की फोटोग्राफी लगाई गई थी, जो प्रकृति, नाइट स्काई इत्यादि थी. इसी प्रकार पेंटिंग भी ज्वलन्त मुददों पर आधारित थी. कलाकारों ने लैंडस्केप और कई रूपों में अपनी पेंटिंग को कैनवास पर उतारा है. विज्ञान और प्रोद्योगिकी मंत्री डाॅ हर्ष वर्धन ने 16 फरवरी को इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. इसी के साथ ही तीन दिन की फोटोग्राफी तथा पेंटिंग प्रदर्शनी की शुरूआत हुई. डाॅ हर्ष वर्धन ने सभी फोटो और पेंटिंग को देखा और जिन लोगों ने इनको बनाया उनकी खूब तारीफ की. डाॅ हर्ष वर्धन और अनूप साह की उपस्थिति में डा चिराग उप्रेती की पुस्तक ‘अमेजिंग नाइट स्काई’ का विमोचन कि...