
पलायन की पीड़ा को प्रोडक्शन में बदलेंगे : जेपी
- प्रेम पंचोली
केसर का नाम सुनते ही लगता है बात जम्मू-कश्मीर की हो रही है. अपने देश में केसर की खेती सिर्फ जम्मू-कश्मीर में होती है. लेकिन अब लोगों ने नए—नए प्रयोग (अनुसंधान) करके केसर को अपने गमलों तक ला दिया. हालांकि गमलों में यह प्रयोग सफल तो नहीं हुआ, मगर केसर की खेती का प्रचार-प्रसार जरूर बढा. देहरादून में सहस्रधारा के पास एक गांव में कैप्टन कुमार भण्डारी वैद्य केसर की खेती कर रहे है. उनका यह परीक्षण सफल रहा है. कह सकते हैं कि प्राकृतिक संसाधनो से परिपूर्ण उत्तराखण्ड राज्य में यदि केसर की खेती को राज्य सरकार बढावा दें तो यह राज्य धन-धान्य हो सकता है. खैर! केसर की खेती के नफा-नुकसान पर वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता जगतम्बा प्रसाद ने एक रिपोर्ट निकाली है. वे अपनी रिपोर्ट के मार्फत बता रहे हैं कि ‘केसर खेती’ इस राज्य का भविष्य बना सकती है. हालांकि यह काम बहुत ही मंहगा है.
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