Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली
विश्व सांस्कृतिक विरासत दिवस वर्ल्‍ड हैरिटेज डे (18 अप्रैल) पर विशेषआगाज फेडरेशन ने बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को दिया ज्ञापनजे.पी. मैठाणीआज विश्व हैरिटेज दिवस है. इस दिवस को मनाये जाने की पहल 18 अप्रैल 1982 में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद द्वारा ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों के संरक्षण तथा प्रोत्साहन के लिए किया गया था. इस दिवस को दुनिया भर में पुरानी सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर जैसे- स्मारक, भवन, स्थापत्य कला, महत्वपूर्ण मानव निर्मित संरचनाओं के साथ-साथ पुराने पुरातत्विक महत्व के निर्माण कार्यों के लिए मनाया जाता है.विश्व हैरिटेज दिवसआज हम आपको उत्तराखण्ड के सीमांत जनपद चमोली के मुख्य कस्बे चमोली से गोपेश्वर जाते हुए मोटर पुल के दाईं ओर 1911 में अंग्रेजों द्वारा अलकनन्दा नदी (Alakananda River) पर बनाये गये पुराने पैदल पुल के खंडहरों और शानदार कटवा पत...
संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

संघर्ष और मेहनत की बदौलत दिल्ली में सफल उद्यमी बना पहाड़ का बेटा

अभिनव पहल, उत्तरकाशी
शशि मोहन रवांल्‍टाउत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के नौगांव ब्लॉक के तुनाल्का गांव में जन्में जगमोहन बिजल्वाण दिल्ली में एक सफल उद्यमी हैं. अपने उत्साह, संघर्ष और कारोबारी सोच की बदौलत उन्होंने खुद का सफल बिजनेस खड़ा किया. वह कहते हैं कि एक सफल कारोबार के लिए सबसे अहम है- जीवन में जोखिम लेना और बाधाओं से because बिल्कुल भी नहीं घबराना. अक्सर उद्यमी सोच के युवा भी आराम दायक नौकरी और भविष्य को सुरक्षित करने के चक्कर में अपनी रचनात्मकता और कारोबारी प्रतिभा को मार लेते हैं, जबकि होना इसके उलट चाहिए. युवाओं को अपनी प्रतिभा का उपयोग स्वरोजगार के लिए करना चाहिए, क्योंकि हम जिस वक्त में रह रहे हैं यह उद्यमशीलता का वक्त है. जो युवा जोखिम उठाते हैं, उनको सफलता जरूर मिलती है.स्वरोजगार कंपनी सेक्रेटरी की नौकरी छोड़  खड़ा किया बिजनेस जगमोहन बताते हैं कि वह एक बड़ी कंपनी में कंपनी सेक्रेटरी लीग...
लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

लाचार कौन? न डीएम काम आया और न सांसद ने फोन उठाया….बहादुर राम एंबुलेंस के अभाव में मर गया

पिथौरागढ़
हिमांतर ब्‍यूरो, पिथौरागढ़बहादुर राम अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनके भतीजे किशोर ने चाचा को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया, लेकिन चाचा ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया. न डीएम काम आया so और न ही सांसद ने फोन उठाया, जिन अधिकारियों ने फोन उठाया बस अपनी लाचारी सुना डाली. ऐसा हाल है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ (Pithoragarh) जिला अस्पताल का, जहां ब्रेन हेमरे बज मरीज को ले जाने के so लिए सरकारी एंबुलेंस तक नहीं मिली. ऐसे में बहादुर राम तो मर गया, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं की इस लाचारी पर कई सवाल खड़े कर गया. जिस जिला अस्पताल में एंबुलेंस न हो, इलाज के लिए डॉक्टर न हो, जिस जिले का जिलाधिकारी मुसीबत के वक्त फोन न उठाये... वह जिला फिर राम भरोसे ही है..सांसद और प्रशासन के नहीं...पिथौरागढ़बहादुर राम को पिथौरागढ़ से हल्द्वानी ले जाने के लिए एंबुलेंस (Ambulance) नहीं मिली. उनके भतीजे किशोर ...
बामणों के घर में खुखरी थोड़ी होने वाली हुई

बामणों के घर में खुखरी थोड़ी होने वाली हुई

संस्मरण
पहाड़ की शैतानियां-1ललित फुलारापहाड़ की स्मृतियों के नाम पर मेरे पास शैतानियों की भरमार है. उट-पटांग किस्से हैं, जिनको स्मरण कर बस हंसी आती है. यकीन नहीं होता, बचपन इतना जिद्दी, उजड्ड, उद्दंड so और असभ्य रहा. जिद्दीपन अब भी है, पर शैतानियां साथ छोड़ गई हैं. उद्दंडता के बाद बचपन में पड़ने वाली ईजा की मार और गालियां अब भी आंचल-सी लिपटी महसूस होती हैं. उंगलियों से ईजा की धोती के पल्लू को लपेटकर सिसकियां भरने so वाले दृश्य जेहन में उभर आते हैं. ईजा जितनी बार गुस्सा होती, सिर फोड़ने और कमर तोड़ने की ही बात करती! पहाड़ की संस्कृति में इन दो गालियों का अपना ही रसास्वादन है. विरला ही होगा जिसकी ईजा ने उस पर इन गालियों का स्नेह न बरसाया हो.कमर कमर के मामले में, मैं सौभाग्यशाली रहा पर सिर बहुत बार फूटा. ऐसा फूटा हुआ है कि अगर कपाल के बाल दान कर दिए जाएं, तो घाव के निशान प्रामाणिकता के...
आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं प्रशिक्षित कुत्ते, शोध में खुलासा

शिक्षा
हिमांतर ब्‍यूरो, नई दिल्‍लीक्या आप जानते हैं कि प्रशिक्षित कुत्ते आपके पेशाब में कोरोना वायरस सूंघ सकते हैं? यकीन नहीं हो रहा होगा, लेकिन यह खुलासा एक नये शोध में हुआ है. so जिसमें कहा गया है कि प्रशिक्षित कुत्ते 96 फीसदी तक सार्स सीओवी-2 वायरस को पेशाब में सूंघ सकते हैं. दरअसल, कुत्तों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों को विशिष्ट गंध के जरिए सूंघने में सक्षम माना जाता है. शोधों में यह बात सामने Because आई है कि सार्स सीओवी- 2 की गंध काफी मजबूत होती है, जिसका कुत्ते लार और पसीने के नमूनों के जरिए पता लगा सकते हैं. यहां तक की दुबई एयरपोर्ट पर कोविड-19 (COVID -19)  का पता लगाने के लिए कुत्तों को पहले ही तैनात किया जा चुका है. हालांकि, अभी यह पूरी तरह से ज्ञात soनहीं है कि कुत्ते पेशाब के नमूनों के जरिए पूरी तरह से कोरोना वायरस का पता लगा सकते हैं कि नहीं, क्योंकि शोध का कहना है कि पेशाब के...
EXCLUSIVE: कांग्रेस का जवाब, निराधार हैं रंजीत रावत के आरोप, तंत्र-मंत्र पर भरोसा नहीं करते हरीश रावत

EXCLUSIVE: कांग्रेस का जवाब, निराधार हैं रंजीत रावत के आरोप, तंत्र-मंत्र पर भरोसा नहीं करते हरीश रावत

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, नर्ई दिल्लीवरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पर रंजीत रावत के बयान ने पार्टी के भीतर भूचाल खड़ा कर दिया है. कांग्रेस का कहना है कि रंजीत because रावत के हरीश रावत पर चुनाव के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लेने वाले आरोप निराधार हैं. ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव हरपाल रावत का कहना है कि रंजीत रावत के आरोपों का पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से because कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने 'हिमांतर' से बातचीत में कहा, 'ये सारे आरोप अनर्गल और निराधार हैं. मैं चौबीस घंटे हरीश so रावत के साथ रहता हूं, मैंने कभी उनके गले में 13 मालाएं नहीं देखी. रंजीत रावत ने कहां से देख ली पता नहीं?' उन्होंने कहा कि रंजीत रावत के ऐसे बयानों से पार्टी को नुकसान हो रहा है. हरीश रावत डरा हरपाल रावत ने कहा कि ठीक सल्ट उपचुनाव से पहले इस तरह की बयानबाजी के पीछे ...
रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, दिल्‍लीउत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता हरीश रावत पर उनके क़रीबी सहयोगी रहे रंजीत रावत ने बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. रंजीत रावत का दावा है कि so हरीश रावत चुनाव में जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा लिया करते थे व श्मशान में शराब से स्नान करने से लेकर सुअर और बंदर कटवाने जैसी त्रांतिक क्रियाओं में लग गए थे. रंजीत रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि उनके और हरीश रावत के बीच अलगाव की वजह पूर्व सीएम का चुनाव में जीत के लिए तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त रहना है.हरीश रावत डरा क्या कहा रंजीत रावत ने? रंजीत रावत का कहना है, 'मैंने उनके सहयोगी के तौर पर 35 साल काम किया. वह जब सूबे के मुख्यमंत्री रहे तब मुझे जो काम सौंपे गए, मैंने उनको पूरा करने का प्रयत्न किया. so जहां तक रही बात अलग होने की तो जब मैंने उन...
पैठणी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है औरंगाबाद का पैठण

पैठणी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध है औरंगाबाद का पैठण

ट्रैवलॉग
पोथी सागणें… मंजू दिल से… भाग-14मंजू कालामनुष्य से आज के सुसंस्कृत मनुष्य तक की यात्रा के साथ चित्र परंपराओं की एक यात्रा समानांतर रूप से चलती है. इस समानांतर यात्रा में मानव विकास के विविध सोपानों को पढ़ा जा सकता है. because इसमें मानव मन की क्रमिक गूँज-अनुगूँज को भी सुना जा सकता है क्योंकि चित्रों में मनुष्य की तीन मूल इच्छाएँ-  सिसृक्षा, रिरंसा एवं युयुत्सा भी परिलक्षित होती हैं.मनुष्य लिखित भाषा जब अस्तित्व में नहीं आई थी, मनुष्य ने चित्रों के माध्यम से मनोभावों को अभिव्यक्त किया. भारत के उत्तर से लेकर दक्षिण और पूर्व से लेकर पश्चिम तक अनेक चित्रशैलियों के because प्रमाण मिलते हैं. कुछ शैलियों ने जनजातीय-अंचलों में अपने मूल रूप को काफी हद तक अछूता रखा है, जैसे, गुजरात के राठवाओं में “पिथोरो”, उड़ीसा की साओरा जनजाति में “इटेलान” लोककला.मनुष्य ठाणे (महाराष्ट्र) (Thane...
स्याल्दे बिखौती मेला : उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक धरोहर

स्याल्दे बिखौती मेला : उत्तराखण्ड की लोक सांस्कृतिक धरोहर

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चन्द तिवारीद्वाराहाट की परंपरागत लोक संस्कृति से जुड़ा उत्तराखण्ड का प्रसिद्ध स्याल्दे बिखौती का मेला पाली पछाऊँ क्षेत्र का सर्वाधिक लोकप्रिय रंग रंगीला  त्योहार है. चैत्र मास की अन्तिम रात्रि ‘विषुवत्’ संक्रान्ति 13 या 14 अप्रैल को प्रतिवर्ष द्वाराहाट से 8 कि.मी.की दूरी पर स्थित विमांडेश्वर महादेव में बिखौती का मेला लगता है. बिखौती की because रात के अगले दिन वैशाख मास की पहली और दूसरी तिथि को द्वाराहाट बाजार में स्याल्दे बिखौती का मेला लगता है. मेले की तैयारियां आसपास के गांवों में एक महीने पहले से ही शुरु हो जाती हैं. मेले मगर इस साल  यह स्याल्दे बिखौती का  मेला 13 अप्रैल से 15 अप्रैल, तक रश्म अदायगी के तौर पर ही मनाया जाएगा. समाचार सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि नगर प्रशासन because और मेला समिति की बैठक में यह निर्णय हुआ है कि कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण 13 अप्रैल को विभां...
कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

कैसा रहेगा नव संवत्सर बता रहे हैं आचार्य यमुना पुत्र सुरेश उनियाल

अध्यात्म
राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय so और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी.चैत शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) त्यौहार तथा चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) एवं हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) संवत-2078 का शुभारम्भ 13 अप्रैल 2021 से 'राक्षस' सम्वत्सर प्रारंभ हो रहा है. राक्षस संवत्सर के फलस्वरुप जनता में दुःख व क्लेशमय की अनुभूति because राक्षस संवत्सर से ही स्पष्ट होता है, इसमें रोग बढ़ेंगे, भय और अकाल तथा संक्रामक रोगों से प्रभावित होने की भी संभावना रहेगी. इस बार नवरात्रि 13 अप्रैल 2021 से शुरू हो रही हैं, आज के दिन ही नववर्ष भी मनाया जाता है. ऐतिहासिक धरोहर यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि इस बार 13 अप्रैल को ही बैसाखी का पर्व भी है. इसके साथ ही 13 अप्रैल से शुरू ...