Author: Himantar

हिमालय की धरोहर को समेटने का लघु प्रयास
अनुराग ठाकुर के खेल व राजनीति के व्यापक अनुभव से संवरेंगे भारतीय खेल

अनुराग ठाकुर के खेल व राजनीति के व्यापक अनुभव से संवरेंगे भारतीय खेल

देश—विदेश
अरविन्द मालगुड़ी जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ओलंपिक में जाने वाले खिलाड़ियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहे थे, तो भारतीय खेलों की विरासत संभाल रहे खिलाड़ियों के अलावा एक चेहरे ने सबका ध्यान खींचा because था. जो भारत के सबसे युवा नए खेल मंत्री अनुराग ठाकुर हैं. ओलंपिक से 16 दिन पहले  जब प्रधानमंत्री मोदी ने खेल मंत्रालय को किसी और हाथों में सौंपने  का फैसला लिया होगा, तो उनके लिए ये फैसला लेने में ज़्यादा परेशानी नहीं हुई होगी, क्योंकि उनकी टीम  में  खेल और राजनीती दोनों में  खासा अनुभव रखने वाले अनुराग ठाकुर इस ज़िम्मेदारी में फिट बैठने वाले मंत्री के रूप में पहले से मौजूद  थे. खेल मंत्रालय सिर्फ़ युवा मंत्री  होना ही अनुराग की ख़ूबी नहीं है, क्यूंकि पिछले मंत्री किरन रीजिजू और  पहले के खेल मंत्री राज्यवर्धन राठौर भी युवा ही थे. पर अनुराग ठाकुर  के युवा होने के साथ उनका खेल और ख...
मेरे लायक…

मेरे लायक…

किस्से-कहानियां
लघु कथा डॉ. कुसुम जोशी         सिगरेट सुलगा कर वो चारों सिगरेट का कश खींचते हुये सड़क के किनारे लगी बैंच में बैठ गये. एक ने घड़ी देखी, बोला- “चार बज कर बीस मिनट” बस स्कूल की छुट्टी का समय हो गया है. सौणी कुड़िया अब आती ही होंगी”.  बाकि तीन बेशर्म हंसी हंसने लगे. दूसरा बोला “इतनी सारी लड़कियां ऐसे आती हैं, जैसे बाड़ा तोड़ कर भेड़ बकरियाँ”. समझ में नही आती कि इनमें से मेरे लायक कौन सी है, किसे फाईनल करुं यार..." तीसरा बोला, “अभी तो सभी को अपने लायक समझा कर, बाकि देख वक्त के साथ देख लेगें”, और सभी ने तेज कहकहा लगाया. चौथा मुस्कुराता हुआ बोला, “देख लो..जी भर के... नेत्रसुख ले लो... अभी तो यही बहुत है.  इतना सीरियस होने की जरुरत नही... अभी तक कभी पिटे नही, यही मेहरबानी है. पांचवां शख्स जो समान रूप से चारों के अन्दर विद्यमान था और उन्हें बरसों से जानता था वो अनायास ही बोल पड़ा, “जैसी तु...
रसगुल्लों का कोलम्बस:  तोमार… रोसोगुल्ला…  औऱ तोमार… शौक्तो…

रसगुल्लों का कोलम्बस:  तोमार… रोसोगुल्ला…  औऱ तोमार… शौक्तो…

ट्रैवलॉग
मंजू दिल से… भाग-16 मंजू काला उड़ी... बाबा! हुगली नदी के पूर्वी तट पर बसा, ‘सीटी आफ ज्वाय’ के नाम से मशहूर… कोलकाता कलकत्ता,  कोलकाता,  कैलकटा… because जाने कितने नामों से जानते हैं हम इस खूबसूरत शहर को. क्या? जानियेगा कि आज भी इस शहर में ट्रामैं चलती हैं. क्या मानियेगा कि  कोलकाता में अब भी हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे चलते हैं? सुनियेगा कि फ्रैंक-फर्ट पुस्तक मेला और लंदन पुस्तक मेला के बाद नम्बर आता है कोलकाता पुस्तक मेले का!  सच में... कोलकाता शांत समंदर की लहरों जैसा है यह शहर मधुर और मदिर! खूबसूरत तांत की साडियां, शंख, because सिंदूर, केले के बागान, पान के पत्ते, डोल जात्रा, पोइला बैसाख, सामूहिक थिएटर, परिणीता के इंतज़ार का शहर, ताश के पत्ते फेंटता शहर, बाउटी और रतन चूड़ा खनका कर भात... रान्धती, नारायणी का शहर, आम के बगीचे में पारो की चोटी खिंचता देवदास का शहर. कोलका...
शशि थरूर के बाद हरदा ने क्यों की निशंक के कार्यों की तारीफ? जानिए क्या हैं इसके मायने

शशि थरूर के बाद हरदा ने क्यों की निशंक के कार्यों की तारीफ? जानिए क्या हैं इसके मायने

देश—विदेश
अरविंद मालगुड़ी डॉक्टर रमेश पोखरियल निशंक द्वारा हाल ही में स्वास्थ्य कारणों के चलते शिक्षा मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दिया गया. अच्छा होता कि बेहतरीन ऐतिहासिक शिक्षा नीति देश को देकर निशंक ही because उसे क्रियान्वित करते लेकिन सूत्रों की माने तो वे अपने स्वास्थ्य को इस महत्वपूर्ण मिशन में बाधक नहीं बनना देना चाहते थे. दरअसल शिक्षा नीति की सफलता के लिए समय बद्धता ज़रूरी है. ऐसे में निशंक ने कार्य मुक्त होने का निर्णय लिया. बुग्याल भारत को ज्ञान आधारित महाशक्ति बनाने और विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने के उनके प्रयासों को देश विदेश  में जमकर सराहा गया. मुझे नहीं लगता भारत के इतिहास में पहले because ऐसा हुआ हो. सतत संवाद और विश्व के सबसे बड़े परामर्श या कहें मुक्त नवाचार से बनी इस नीति ने सभी हितधारकों की अपेक्षाओं को पूरा किया. कांग्रेसी नेताओं ने भी नीति की प्रशंसा की. शशि थरूर के बाद...
हरेला उत्तराखंड की हरितक्रान्ति की याद दिलाता कृषि पर्व

हरेला उत्तराखंड की हरितक्रान्ति की याद दिलाता कृषि पर्व

लोक पर्व-त्योहार
डॉ. मोहन चंद तिवारी इस साल उत्तराखंड में because कहीं 7 जुलाई से तो कहीं 8 जुलाई से हरेला बोया जा चुका है और 16 जुलाई को संक्रांति के दिन इसे काटा जाएगा. हरेला वैदिक कालीन कृषि सभ्यता  का परंपरागत लोकपर्व है. उत्तम खेती, हरियाली, धनधान्य, सुख-संपन्नता और आर्थिक खुशहाली का इस त्यौहार से घनिष्ठ सम्बंध रहा है. माना जाता है कि जिस घर में हरेले के पौधे जितने बड़े होते हैं,उसके खेतों में उस वर्ष उतनी ही अच्छी फसल होती है. बुग्याल कैसे बोया जाता है हरेला? हरेले में बोए जाने वाले बीजों को 'सतनाजा'  कहते हैं अर्थात सात प्रकार के अनाजों का बीज, जिसमें जौ, मक्का, गेहूं, धान, मूँग, गहत, रैंस, पीली सरसों, सोयाबीन because आदि फसलों से कोई भी उपलब्ध सात बीज बोए जा सकते हैं. कुमाऊं के अधिकतर क्षेत्रों में काला बीज नहीं बोया जाता है परन्तु  कई जगह मास या उड़द आदि काला बीज भी बोया जाता है. कहीं कहीं पा...
बेनीताल बुग्याल की 650 एकड़ जमीन पर लगा निजी संपत्ति का बोर्ड!

बेनीताल बुग्याल की 650 एकड़ जमीन पर लगा निजी संपत्ति का बोर्ड!

पर्यटन
बेनीताल: प्रकृति की गोद में बसा बुग्याल कमलेश चंद्र जोशी उत्तराखंड पर्यटन के लिहाज से विविधताओं से भरा प्रदेश है. हालाँकि पर्यटकों के बीच इसकी पहचान चार धाम यात्रा के रूप में अधिक मशहूर है लेकिन यात्रा पर्यटन के सिवाय उत्तराखंड में बहुत कुछ ऐसा है जिन तक अभी सीमित व नियमित पर्यटकों का पहुँचना बाकी है. एक गंतव्य के तौर पर उत्तराखंड के बुग्यालों को पर्यटन में अब तक because वह मुकाम हासिल नहीं हो पाया है जो पारंपरिक गंतव्यों को है. बुग्यालों को पर्यटन से जोड़ने के इतर समय-समय पर बुग्यालों में हो रहे अतिक्रमण व बैकपैकर्स द्वारा फैलाई जा रही गंदगी की खबरें सुनने को मिल जाती हैं जिसकी वजह से बुग्यालों में पर्यटन को बढ़ावा देने की जगह उन्हें संरक्षित करने के लिए यात्रियों के रात्रि विश्राम व टेंट लगाने पर रोक जैसे सख़्त कदम प्रशासन को उठाने पड़ते हैं. बुग्याल समुद्र तल से 8-10 हजार फ...
9 से 15 जुलाई तक चलेगा बीज बम अभियान  

9 से 15 जुलाई तक चलेगा बीज बम अभियान  

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, देहरादून हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान जाड़ी विभिन्न स्वैछिक संगठनो, पंचायतो, सरकारी विभागो, स्कूलों व शिक्षको के साथ मिल कर विगत 2017 से बीज बम अभियान चला रहा है. अभियान में जन भागीदारीता बढाने हेतू वर्ष 2019 से उत्तराखण्ड के साथ देश के अन्य राज्यो में प्रति वर्ष 9 जुलाई से 15 जुलाई तक बीज बम अभियान सप्ताह मनाया जाता है. इस वर्ष बीज बम अभियान सप्ताह को 15 राज्यो मे विभिन्न स्वैछिक संगठनो, सरकारी विभाग, पंचायत व शिक्षक साथियों के because साथ मनाया जायेगा. इस वर्ष बीज बम अभियान सप्ताह का लाईव शुभारम्भ सामाजिक कार्यकर्ता श्री जयंत कुमार जी करेगें. सप्ताह के दौरान बीज बम बना कर खाली स्थानों व वनों मे फेके जायेगें. शिक्षक साथियों के द्वारा छात्र छात्राओं को घर गावँ मे ही बीज बम अभियान सप्ताह मनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा. संस्कृति अभियान के प्रणेता द्वारिका प्...
भारत में सिनेमा की यात्रा के पड़ाव

भारत में सिनेमा की यात्रा के पड़ाव

साहित्‍य-संस्कृति
भारत में सिनेमा के सवा सौ साल (7 जुलाई, 2021) होने के अवसर पर विशेष   प्रो. गिरीश्वर मिश्र आज सिनेमा ज्ञान, चेतना because और सामाजिक जागरूकता, मूल्य बोध, परवरिश के तौर तरीकों को आकार देने वाली शक्ति के रूप में स्थापित हो चुका है. भारत में नाटकों की परम्परा तो पुरानी है, लगभग दो हजार साल पहले से संस्कृत और प्राकृत के नाटक मिलते हैं. कालिदास, शूद्रक, विशाखदत्त, भास और भवभूति के नाटक अद्भुत हैं. पर यथार्थ की चाक्षुष और श्रव्य कथात्मक अभिव्यक्ति करता सिनेमा समाज की सांस जैसा सिनेमा दर्पण का काम करता है और उसे देख क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है इसका पता चलता है. संस्कृति सिनेमा के जरिये साथ एक समानांतर संस्कृति विकसित हो रही है जो मनोरंजन के साथ साथ, वेश-भूषा और फैशन की प्रवृत्ति को तय करने के साथ  बहुत सारे विषयों पर नजरिये को भी प्रभावित करती है. मसलन प्रेम, सेक्स, आपसी रिश्ते,...
निर्धनों, वंचितों और समाज के शोषितों के न्याय प्रदाता राजा ग्वेल

निर्धनों, वंचितों और समाज के शोषितों के न्याय प्रदाता राजा ग्वेल

धर्मस्थल
डॉ. मोहन चंद तिवारी राजा ग्वेल देवता खुशहाल,समतावादी और न्यायपूर्ण, राज्य व्यवस्था के प्रतिमान हैं. राजा ग्वेलदेव ने समाज के रसूखदारों और दबंगों को खबरदार करते हुए कहा मेरे राज्य में कोई भी बलवान निर्बल को और धनवान निर्धन को नहीं सता सकता-  “न दुर्बलं कोऽपि बली मनुष्यो, बलेन बाधेत मदीयराज्ये.” ज्योतिष कुमाऊंनी दुदबोली के रचनाकार लोककवियों और स्थानीय जागर गाथाओं को आधार बनाकर आधुनिक संस्कृत साहित्य के लब्धप्रतिष्ठ विद्वान् डा.हरिनारायण दीक्षित जी ने अपने महाकाव्य ‘श्रीग्वल्लदेवचरितम्’ में न्यायकारी महानायक ग्वेल देवता के जिस चरित्र का महामंडन किया है वह आधुनिक युगबोध की भ्रष्टाचार और शोषणपूर्ण राज्य व्यवस्था से सीधे संवाद करने वाला अति उत्तम महाकाव्य है. ज्योतिष यह हमारे देश का दुर्भाग्य है कि हमारे स्कूल और कालेज के राजनीतिशास्त्र के विद्द्यार्थियों को यूनान और मिश्र की मृत सभ्यत...
क्या कहते हैं आपके सितारे, किसको मिलेगा भाग्य का साथ

क्या कहते हैं आपके सितारे, किसको मिलेगा भाग्य का साथ

साप्ताहिक राशिफल
साप्ताहिक राशिफल (6 से 12 जुलाई) मेष : इस सप्ताह घरेलू जिम्मेदारियों का निर्वहन एवं सामाजिक कार्यों की व्यस्तता एवं विवशता के बावजूद भी आपका रुख सकारात्मक रहेगा. छात्रों का मन पढ़ाई से उचट सकता है. नौकरीपेशा लोगों को कार्यक्षेत्र में अतिरिक्त दायित्व मिल सकते हैं. because सप्ताह के मध्य में मित्र अथवा लव पार्टनर के साथ किसी बात को लेकर गलतफहमी हो सकती है, जो किसी वरिष्ठ व्यक्ति की मदद से दूर होगी. राजनीति में बड़ी सफलता या पद के लिए अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. खान-पान पर विशेष ध्यान दें, पेट संबंधी दिक्कते हो सकती हैं. सरकारी कर्मचारियों का समय मिला-जुला साबित होगा. ज्योतिष उपाय: किसी धर्म स्थान पर because गरीबों को बेसन की बर्फी बांटें. साथ ही अपने ईष्टदेव की उपासना करें. वृष: वृष राशि के जातकों के लिए यह सप्ताह चुनौतीपूर्ण है. करिअर-कारोबार के साथ इस सप्ताह आपको अपनी सेहत...