नव वर्ष 2021 हरिद्वार कुम्भ का भी लोकमंगलकारी वर्ष है
डॉ. मोहन चंद तिवारी
प्रति वर्ष 31 दिसंबर को काल की एक वर्त्तमान पर्याय रात्रि 12 बजे अपने अंत की ओर अग्रसर होती है तो दूसरी पर्याय नए वर्ष के रूप में पदार्पण भी करती है.काल के इसी संक्रमण की वेला को अंग्रेजी केलेंडर के अनुसार नववर्ष का आगमन माना जाता है. इस बार नव वर्ष की संक्रान्ति में आगामी जनवरी के महीने से अप्रैल के महीने तक हरिद्वार कुंभ का भी शुभ संयोग उपस्थित हो रहा है. हालांकि कोरोना संकट के कारण कुम्भ के शाही स्नानों की शुरुआत 11 मार्च से होगी किन्तु कुम्भ स्नान का प्रारम्भ जनवरी महीने के मकर संक्रांति से ही हो जाता है. इसलिए इस नववर्ष 2021 का 'कुम्भ वर्ष' के रूप में भी विशेष महत्त्व है.
कुम्भ स्नान
देश में नववर्ष मनाने की विविधता के बावजूद एक समानता यह है कि भारत के लोग सूर्य की संक्रांति और चन्द्रमा के नक्षत्र विज्ञान की शुभ पर्याय को ध्यान में रखते हुए सौरवर्ष और ...