Tag: Indian Language

भारतीय भाषाओं के लिए विश्वविद्यालय की पहल स्वागत योग्य है

भारतीय भाषाओं के लिए विश्वविद्यालय की पहल स्वागत योग्य है

शिक्षा
प्रो. गिरीश्वर मिश्र भारतवर्ष  भाषाओं की दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध देश है. यहां की भाषाई  विविधता अनोखी  है  और उनमें अपार संभावनाएं  विद्यमान हैं यह उनकी आतंरिक जीवनशक्ति और लोक-जीवन में व्यवहार  में  प्रयोग ही था कि   विदेशी आक्रांताओं  द्वारा विविध प्रकार से सतत हानि पहुंचाये जाने के बावजूद  भी  वे  बची  रहीं. because पिछली कुछ सदियों इन भाषाओं को सतत संघर्ष करना पड़ा था. मुगल शासन काल में फारसी  को  महत्व मिला.  फिर  अंग्रेजों के उपनिवेश के दौर में अंग्रेजी को निर्भ्रान्त प्रश्रय दिया गया और  उसे नौकरी चाकरी से  जोड़  दिया गया. परन्तु यह भी सत्य है कि स्वतंत्रता संग्राम में लोक संवाद के साथ  देश को एक साथ ले चलने में हिन्दी  और अन्य भारतीय भाषाओं ने विशेष  भूमिका निभाई. so स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद अंग्रेजों के दौर की नीतियों के अनुसरण करते रहने के फलस्वरूप अंग्रेजी का प्रभुत्व जीवन...
भाषा की सामाजिक निर्मिति

भाषा की सामाजिक निर्मिति

शिक्षा, साहित्यिक-हलचल
प्रकाश चंद्र भाषा सिर्फ वही नहीं है जो लिखी व बोली जाती है बल्कि वह भी है जो आपकी सोच, व्यवहार, रुचि और मानसिकता को बनाती है। आज लिखित भाषा से ज्यादा इस मानसिक भाषा का विश्लेषण किया जाना जरूरी है। भाषा का दायरा बहुत बड़ा है इसे सिर्फ एक शब्द या फिर सैद्धांतिक व व्याकरणिक कोटि में बद्ध करके ही व्याख्यायित व विश्लेषित नहीं किया जा सकता है। भाषा की संरचना में सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनैतिक, और आर्थिक पहलुओं का अहम् योगदान होता है। इसलिए अब भाषा पर चिंतन सिर्फ कुछ जुमलों को लेकर ही नहीं किया जा सकता है बल्कि उन सभी आयामों, संदर्भों पर बात करनी होगी जिनसे ‘भाषा’ का निर्माण होता है या फिर जिनसे भाषिक मानसिकता बनती है। भाषिक मानसिकता ही भाषा के निर्माण में अहम होती है। भाषा पर हिंदी में आज भी कुछ परंपरागत जुमलों के साथ ही बात होती है। जिनमें- भाषा बहता नीर है, भाषा अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है ...