भारतीय भाषाओं के लिए विश्वविद्यालय की पहल स्वागत योग्य है

भारतीय भाषाओं के लिए विश्वविद्यालय की पहल स्वागत योग्य है

प्रो. गिरीश्वर मिश्र भारतवर्ष  भाषाओं की दृष्टि से एक अत्यंत समृद्ध देश है. यहां की भाषाई  विविधता अनोखी  है  और उनमें अपार संभावनाएं  विद्यमान हैं यह उनकी आतंरिक जीवनशक्ति और लोक-जीवन में व्यवहार  में  प्रयोग ही था कि   विदेशी आक्रांताओं  द्वारा विविध प्रकार से सतत हानि पहुंचाये जाने के बावजूद  भी  वे  बची  रहीं. because […]

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 भाषा की सामाजिक निर्मिति

भाषा की सामाजिक निर्मिति

प्रकाश चंद्र भाषा सिर्फ वही नहीं है जो लिखी व बोली जाती है बल्कि वह भी है जो आपकी सोच, व्यवहार, रुचि और मानसिकता को बनाती है। आज लिखित भाषा से ज्यादा इस मानसिक भाषा का विश्लेषण किया जाना जरूरी है। भाषा का दायरा बहुत बड़ा है इसे सिर्फ एक शब्द या फिर सैद्धांतिक व […]

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