Tag: सांस्कृतिक विरासत

‘अपनी धरोहर न्यास’ द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर में आयोजित किया गया ‘धरोहर संवाद’

‘अपनी धरोहर न्यास’ द्वारा हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर में आयोजित किया गया ‘धरोहर संवाद’

उत्तराखंड हलचल
सी एम पपनैं श्रीनगर (गढ़वाल). उत्तराखंड की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत के साथ-साथ पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन तथा राज्य के प्रत्येक क्षेत्र में सर्वांगीण विकास हेतु चिंतित प्रबुद्ध जनों द्वारा वर्ष 2021 हरेला पर्व पर गठित सामाजिक संस्था 'अपनी धरोहर न्यास' से जुड़े प्रबुद्घ जनों द्वारा 22 और 23 जून को 'हिमालय जन कल्याण समिति' के सानिध्य में हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय श्रीनगर (गढ़वाल) चौरास परिसर में 'धरोहर संवाद' का प्रभावशाली और ज्ञानवर्धक आयोजन का श्रीगणेश मुख्य अतिथि डॉ. धन सिंह रावत कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड सरकार तथा एल पी जोशी महानिदेशक टिहरी डेम की अध्यक्षता तथा विशिष्ट अतिथियों में प्रमुख प्रो. दुर्गेश पंत महानिदेशक यूकांस्ट, डॉ. नीलांबर पांडे सेवानिवृत निर्देशक गृह मंत्रालय भारत सरकार, प्रोफेसर सतीश चंद्र सती विभागाध्यक्ष रसायन विज्ञान एच एन बी विश्व विद्यालय, प्रो. डी...
मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण से दिया ”हर घर योग, हर जन निरोग” का संदेश

मुख्यमंत्री ने भराड़ीसैंण से दिया ”हर घर योग, हर जन निरोग” का संदेश

चमोली
गैरसैंण की धरती से मुख्यमंत्री का उदघोष : उत्तराखंड को बनाएंगे योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को भराड़ीसैंण, गैरसैंण स्थित विधानसभा परिसर में 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया. मुख्यमंत्री ने इस दौरान योग गुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण एवं 8 देशों के डेलिगेट्स के साथ योग किया. योग कार्यक्रम का शुभारंभ शंखनाद एवं वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू हुआ. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने योग नीति पर आधारित पुस्तिका का विमोचन करते हुए राज्य में योग नीति का औपचारिक शुभारंभ भी किया. उन्होंने "एक वृक्ष, योग के नाम" कार्यक्रम के अंतर्गत विधानसभा परिसर में सेब का पौधा भी लगाया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राज्य सरकार शीघ्र ही प्रदेश में आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा, योग और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ...
गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में दिखेगी उत्तराखंड की समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत एवं प्राकृतिक सुन्दरता  

गणतंत्र दिवस परेड की झांकी में दिखेगी उत्तराखंड की समृ़द्ध सांस्कृतिक विरासत एवं प्राकृतिक सुन्दरता  

दिल्ली-एनसीआर
कर्त्तव्य पथ पर दिखेगी “सांस्कृतिक विरासत एवं साहसिक खेल” पर आधारित उत्तराखंड की झांकी नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में आयोजित प्रेसवार्ता में विभिन्न प्रदेशों एवं मंत्रालयों की झांकी कलाकारों ने प्रेस के सम्मुख अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक झलक पेश की. उत्तराखण्ड राज्य के कलाकारों द्वारा उत्तराखण्ड की पांरपरिक वेशभूषा में राष्ट्रीय रंगशाला में आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया, जिसकी उपस्थित लोगों द्वारा सराहा की गई. साथ ही इन 15 राज्यों के कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की झांकी के साथ पांरपरिक वेशभूषा में प्रस्तुति दी. गणतंत्र दिवस समोराह में इस वर्ष 15 राज्यों की झांकी सम्मिलित की गई है. उल्लेखनीय है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए उत्तराखंड की झांकी में सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक एवं नोडल अधिकारी के.एस.चौहान के नेतृत्व में उत्तराखंड राज्य से...
अपनी थाती-माटी से आज भी जुड़े हैं रवांल्‍टे

अपनी थाती-माटी से आज भी जुड़े हैं रवांल्‍टे

लोक पर्व-त्योहार
अपने पारंपरिक व्‍यंजनों और संस्‍कृति को आज भी संजोए हुए हैं रवांई-जौनपुर एवं जौनसार-बावर के बांशिदे आशिता डोभाल जब आप कहीं भी जाते हैं तो आपको वहां के परिवेश में एक नयापन व अनोखापन देखने को मिलता है और आप में एक अलग तरह की अनुभूति महसूस होती है. जब आप वहां की प्राकृतिक सुंदरता, संपन्नता, सांस्कृतिक विरासत, खान-पान, रहन—सहन, आभूषण और कपड़े—लत्ते इन चीजों से रू—ब—रू होते हैं तो वह आपको बार—बार अपनी ओर आकर्षित करते हैं और हमारा मन फिर उस स्थान पर जाने को लालायित हो उठता है. ऐसी ही एक सुंदर और सांस्कृतिक परिवेश से संपन्न घाटी है— 'रवांई घाटी' जो आज भी अपनी विरासतों को जिंदा रखे हुए हैं. आज हम आपको रवांई के एक प्रसिद्ध व्यंजन से रू—ब—रू करवा रहे हैं. इसको रंवाई के व्यंजनों का राजा भी कहा जाय तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. बल्कि नाम लिखने से पहले मैं आपको बताना चाहूंगी कि रवांई घाटी में ...