Tag: स्वास्थ्य

 उत्तराखंड: स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 182 करोड़ की चार परियोजनाओं का शिलान्यास

 उत्तराखंड: स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 182 करोड़ की चार परियोजनाओं का शिलान्यास

देहरादून
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है. मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े. प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ...
रोटी और कोविड आपदा से जूझता आम इंसान

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समसामयिक
भावना मासीवाल आपदा में संपदा बनाना किसी से सीखना हो या विपदा को कैसे अपने हित के अनुरूप काम में लेना हो, इसमें मनुष्य सर्वोपरि प्राणी है. बहुत दूर जाने की जरूरत नहीं है, but आज हम सभी कोविड-19 के जिस भयावह दौर से गुजर रहे हैं जहाँ हर दूसरा व्यक्ति अपने प्राणों की रक्षा के लिए अन्य पर निर्भर है. ऐसे में कहीं ऑक्सीजन सिलेंडर स्टोर हो रहे हैं तो कहीं आई.सी.यू बेड तो कहीं संबंधित दवाएँ. कहीं ऑक्सीजन के ट्रक चोरी हो रहे हैं तो कहीं कोविड की दवाएं, मौजूदा हालात में स्वास्थ्य संबंधित एवं सामान्य जरूरत की चीजों के दाम एका-एक आसमान छूने लगे हैं. कोविड सरकारी तंत्र के पास सुविधाएँ नहीं है और प्राइवेट सेक्टर उसे बाज़ार और पूँजी का हिस्सा बना मुनाफ़ा कमा रहा है. इससे पूर्व भी पिछले वर्ष इसी विपदा से निपटने so और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के कितने ही आश्वासन और वादे किये गए थे. जि...
सामाजिक दायित्वशीलता निभाने में अग्रणी व्यक्तित्व

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समसामयिक
डॉ. अरुण कुकसाल ‘‘होम्योपैथिक चिकित्सा रोगी की रोग से लड़ने की शरीर में मौजूद क्षमता को बढ़ाकर रोगी को रोग से मुक्त कराने में साहयता प्रदान करती है. विशेषकर एलर्जिक रोगों के संपूर्ण एवं सुरक्षित उपचार के लिए होम्योपैथी को ऐलोपैथी याने आधुनिक चिकित्सा पद्धति से बेहतर माना जाता है. वर्तमान मानवीय जीवन शैली का एक नकारात्मक पक्ष यह भी है कि उसमें एलर्जिक रोगों की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के जनक जर्मन चिकित्सक और प्राकृतिक वैज्ञानिक सैमुअल हैनीमन थे. आज से लगभग 200 वर्ष पूर्व ‘समान लक्षणों द्वारा समान लक्षणों का उपचार’ के सिद्धांत को अपनाते हुए सैमुअल हैनीमन ने यह प्रमाणित किया कि व्यक्तियों की आन्तरिेक प्राकृतिक प्रक्रिया के स्वभाव एवं प्रकृति में बहुत अंतर होता है. अतः उनकी इस विशिष्टता को रोग निदान के समय सर्वाधिक महत्व दिया जाना चाहिए. होम्योप...