मंजू काला मूलतः उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल से ताल्लुक रखती हैं. इनका बचपन प्रकृति के आंगन में गुजरा. पिता और पति दोनों महकमा-ए-जंगलात से जुड़े होने के कारण, पेड़—पौधों, पशु—पक्षियों में आपकी गहन रूची है. आप हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लेखन करती हैं. so आप ओडिसी की नृतयांगना होने के साथ
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भाग-3 प्रो. गिरीश्वर मिश्र भारत विकास और उन्नति के मार्ग पर अग्रसर हो रहा एक जनसंख्या-बहुल देश है. इसकी जनसंख्या में युवा वर्ग का अनुपात अधिक है और आने वाले समय में यह और भी बढ़ेगा जिसके लाभ मिल सकते हैं, बशर्ते शिक्षा के कार्यक्रम में जरूरी सुधार किया जाए. यह आवश्यक होगा […]
देश—परदेश भाग—4 डॉ. विजया सती बुदापैश्त में हिन्दी की तमाम गतिविधियों की बागडोर मारिया जी लम्बे समय से संभाले हुए हैं. डॉ मारिया नैज्येशी! बुदापैश्त में प्रतिष्ठित ऐलते विश्वविद्यालय के भारोपीय अध्ययन विभाग की अनवरत अध्यक्षा! मारिया जी विश्वविद्यालय स्तर पर प्राचीन यूनानी, लैटिन और संस्कृत भाषाएँ पढ़ रही थी जब अपने गुरु प्रोफ़ेसर तोत्तोशि […]
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