Tag: मुख्यमंत्री

 उत्तराखंड: स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 182 करोड़ की चार परियोजनाओं का शिलान्यास

 उत्तराखंड: स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 182 करोड़ की चार परियोजनाओं का शिलान्यास

देहरादून
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया एवं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य से संबंधित लगभग 182 करोड़ रूपये की चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया. जिसमें 124.10 करोड़ की लागत से दून मेडिकल कॉलेज में 500 शैय्या के नवीन ब्लॉक का निर्माण, रूद्रप्रयाग में 20.38 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में 18.80 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण एवं हल्द्वानी (नैनीताल) में 19.48 करोड़ की लागत से क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य शामिल है. मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया जोशीमठ से वर्चुअल माध्यम से जुड़े. प्रदेश को स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार देगी पूरा सहयोग- केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ...
सरकारों को वोट से प्रिय कुछ नहीं!

सरकारों को वोट से प्रिय कुछ नहीं!

देहरादून
सरकार का फिर एक फैसला वापस प्रकाश उप्रेती उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है. देवस्थानम बोर्ड एक्ट मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार ने बनाया था. इस बोर्ड के तहत केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री because और यमुनोत्री से जुड़े 51 मंदिरों की देखरेख का प्रावधान था. इसके गठन से ही पुरोहित बोर्ड का विरोध कर रहे थे. उनका मानना था कि इस बोर्ड से मंदिरों के परंपरागत अधिकार खत्म हो जाएंगे. ज्योतिष इसी के चलते कुछ समय पहले केदारनाथ धाम में दर्शन करने गए त्रिवेंद्र रावत का पुरोहितों ने भारी विरोध किया था. because इस विरोध प्रदर्शन के कारण वे दर्शन भी नहीं कर पाए और बिना दर्शन के ही वापस लौट आए थे. जब से इस बोर्ड का गठन किया तब से ही पुरोहित इसका विरोध कर रहे थे और एक तरह से आंदोलनरत थे. ज्योतिष इस मामले के राजनैतिक प्रभाव को समझते और पुरोहितों के व...
उत्‍तराखं में पर्यटन एवं होटल व्‍यवसाय के लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज!

उत्‍तराखं में पर्यटन एवं होटल व्‍यवसाय के लिए 200 करोड़ का राहत पैकेज!

उत्तरकाशी
सांस्कृतिक दलों को 2000 रूपये प्रतिमाह 05 माह तक की प्रोत्साहन धनराशि दी जायेगी नीरज उत्‍तराखंडी, उत्तरकाशी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तरकाशी के आपदाग्रस्त क्षेत्रों के भ्रमण के पश्चात् मीडिया से वार्ता करते हुए कहा कि राज्य सरकार आपदा पीड़ितों के साथ हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में आपदा के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों के लिए सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि आमजन को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अनावश्यक परेशान न होना पड़े. यह सुनिश्चित करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिये गये हैं. जिलाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं कि जन समस्याओं का समाधान जिलों में ही करना सुनिश्चित किया जाय. उन्होंने कहा कि जिलों की समस्यायें यदि शासन स्तर पर प्राप्त होगी तो इसके लिए सम्बंधित अधिकारी उतरदायी माना जायेगा. उन्होंने कहा कि आपदा के समय त्वरित समाधान करन...
तीरथ सिंह रावत के नए मीडिया सलाहकार मानसेरा संघी या वामपंथी? दो धड़ों में बंटा ट्विटर

तीरथ सिंह रावत के नए मीडिया सलाहकार मानसेरा संघी या वामपंथी? दो धड़ों में बंटा ट्विटर

देश—विदेश
हिमांतर ब्यूरो, दिल्ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नए मीडिया सलाहकार दिनेश मानसेरा को लेकर सोशल मीडिया बहस गर्मा गई है. कई दक्षिणपंथी दिनेश मानसेरा को वामपंथी विचारधारा का because बताकर भाजपा सरकार में उनकी मीडिया सलाहकार के तौर पर नियुक्ति को लेकर संघ और पार्टी का घेराव कर रहे हैं. ट्विटर पर मानसेरा को निशाने में लेते हुए यूजर्स कह रहे हैं 'वाह..वाह.. जो बीजेपी को गाली दे. जो मोदी जी को गाली दे, उनको मीडिया सलाहकार बना दो!!!' मूलांक कई यूजर्स यहां तक पूछ रहे हैं कि इस because नियुक्ति के पीछे आखिर किसका हाथ है, जो सूबे में भारतीय जनता पार्टी की कब्र खोदने में जुटा है. दिनेश मानसेरा के कई ऐसे ट्वीट और सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहे हैं, जिनमें वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्थानीय भाजपा नेताओं को निशाने पर रखकर चुटकी ले रहे हैं. because यहां तक की उनके बेटे क...
रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

रंजीत रावत का दावा: श्मशान में शराब से नहाते थे हरीश रावत, जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा

देहरादून
हिमांतर ब्‍यूरो, दिल्‍ली उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता हरीश रावत पर उनके क़रीबी सहयोगी रहे रंजीत रावत ने बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. रंजीत रावत का दावा है कि so हरीश रावत चुनाव में जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा लिया करते थे व श्मशान में शराब से स्नान करने से लेकर सुअर और बंदर कटवाने जैसी त्रांतिक क्रियाओं में लग गए थे. रंजीत रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि उनके और हरीश रावत के बीच अलगाव की वजह पूर्व सीएम का चुनाव में जीत के लिए तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त रहना है. हरीश रावत डरा क्या कहा रंजीत रावत ने? रंजीत रावत का कहना है, 'मैंने उनके सहयोगी के तौर पर 35 साल काम किया. वह जब सूबे के मुख्यमंत्री रहे तब मुझे जो काम सौंपे गए, मैंने उनको पूरा करने का प्रयत्न किया. so जहां तक रही बात अलग होने की तो जब मैंन...
प्रकृति और जैविक उत्पादों से दिखाई स्वरोजगार की राह…

प्रकृति और जैविक उत्पादों से दिखाई स्वरोजगार की राह…

चमोली, देहरादून
अनीता मैठाणी स्थानीय संसाधन आधारित स्वरोजगार को मूल मंत्र मानने वाले निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जगदम्बा प्रसाद मैठाणी वर्ष 1997 से अपने जन्म स्थान पीपलकोटी चमोली और उसके because आसपास स्वरोजगार के नवाचारी प्रयासों के लिए कृत संकल्प हैं. उनके ज्यादातर मित्र उन्हें जेपी के नाम से जानते हैं. शुरुआत में नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन से जुड़े होने की वजह से एडवेंचर टूरिज्म और इकोटूरिज्म के प्रति सदैव because रूझान रहा. लेकिन वो जानते थे कि उत्तराखंड में इकोटूरिज्म या इससे मिलते-जुलते स्वरोजगार के संसाधन जैसे- जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, जड़ी-बूटी की खेती और फल तथा उद्यानिकी पहाड़ों में रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं. उत्तराखंड उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के ना होने की वजह से ही पलायन हो रहा है. इसलिए अगर स्थानीय संसाधनों जैसे उद्यानिकी, बायोटूरिज्...
पलायन का दर्द

पलायन का दर्द

किस्से-कहानियां
पार्वती जोशी ओगला में बस से उतरते ही पूरन और उसके साथी पैदल ही गाँव की ओर चल दिए. सुना है अब तो गाँव तक सड़क बन गई है. मार्ग में अनेक परिचित गाँव मिले; जिन्हें काटकर सड़क बनाई गई है . वे गाँव अब बिल्कुल उजड़ चुके हैं. वे गाँव वाले सरकार से अपने खेतों का मुआवज़ा लेने के लिए गाँव आए होंगे; उसके बाद किसी ने गाँव की सुध भी नहीं ली होगी. जो लोग गाँव छोड़कर नहीं जा पाए, दूर-दूर उनके खंडहर नुमा घर दिखाई दे रहे हैं. दूसरों को क्या दोष दें ,वे लोग भी तो आठ साल बाद गाँव लौट रहे हैं. अभी भी कहाँ लौट पाते, अगर करोना नाम की महामारी ने मुम्बई शहर को पूरी तरह से अपने चपेट में नहीं ले लिया होता. एक तरह से वे लोग जान बचाकर ही भागें हैं. पूरन सोच रहा है कि जिस स्कूल में उन्हें क्वॉरंटीन में रखा जाएगा,वहीं से तो कक्षा पाँच पास करके वह हरिद्वार भाग गया था. वहीं के गुरुकुल महाविद्यालय से पूर्व मध...