- हिमांतर ब्यूरो, दिल्ली
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता हरीश रावत पर उनके क़रीबी सहयोगी रहे रंजीत रावत ने बेहद गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगाए हैं. रंजीत रावत का दावा है कि
हरीश रावत चुनाव में जीत के लिए तंत्र मंत्र का सहारा लिया करते थे व श्मशान में शराब से स्नान करने से लेकर सुअर और बंदर कटवाने जैसी त्रांतिक क्रियाओं में लग गए थे. रंजीत रावत का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते हुए सुने जा रहे हैं कि उनके और हरीश रावत के बीच अलगाव की वजह पूर्व सीएम का चुनाव में जीत के लिए तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त रहना है.हरीश रावत डरा
क्या कहा रंजीत रावत ने?
रंजीत रावत का कहना है, ‘मैंने उनके सहयोगी के तौर पर 35 साल काम किया. वह जब सूबे के मुख्यमंत्री रहे तब मुझे जो काम सौंपे गए, मैंने उनको पूरा करने का प्रयत्न किया.
जहां तक रही बात अलग होने की तो जब मैंने उनको ज्वॉइन किया था, तब के हरीश रावत और आज के हरीश रावत में बहुत फर्क है. तब का हरीश रावत ज़मीनी मुद्दों के लिए आंधी-तूफान से लड़ता था. हवा पानी पर गुजारा करता था. आज का हरीश रावत डरा हुआ, हरीश रावत है. वह इतने डरने लगे थे कि जब सूबे में राष्ट्रपति शासन लगा था, मैं उसी वक्त उनसे अलग होना चाहता था. इसकी वजह उनकी तांत्रिक क्रियाये थी. 13-13 मालाएं गले में पहना. हर जेब में अलग रंग का कपड़ा रखना.. वह ऐसा करने लगे थे.हरीश रावत डरा
श्मशान में शराब से स्नान करने लगे थे हरीश रावत
रंजीत रावत का कहना है कि हरीश रावत चुनाव जीतने के लिए कभी सुअर कटवाना और कभी बंदर कटवाने लगे थे. वह श्मशान घाट में जाकर शराब से स्नान करने लगे थे.
जो व्यक्ति पूजा की बजाय…कर्म की बजाय.. तंत्र क्रियाओं में लग जाए उसके साथ राजनीति जीवन सुचारू रखना बड़ा मुश्किल काम है. गौरतलब है कि रंजीत रावत को किसी जमाने में उत्तराखंड की राजनीति में हरीश रावत का बेहद करीबी माना जाता था. हरीश रावत के मुख्यमंत्री काल में उनको सेकेंड सीएम तक कहा जाता था. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि रंजीत रावत को उस जमाने में खुश करने का मतलब था, मुख्यमंत्री की कृपा का पात्र होना.वरिष्ठ पत्रकार अरविंद
मालगुड़ी का कहना है कि एक ज़माने में रंजीत रावत हरीश रावत के बेहद क़रीबी थे. परंतु हरीश रावत के सूबे के मुख्यमंत्री रहने के अंतिम दौर में उनके रिश्ते में इतनी खटास आ गई कि आज वह हरीश रावत पर इतने गंभीर, संगीन और सनसनीखेज आरोप लगाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. इसकी असल वजह, सल्ट से उनका टिकट कटना है.हरीश रावत डरा
जहां तक मैं हरीश रावत
को जानता हूं, वह सुलते हुए राजनेता है. तंत्र मंत्र राजनीति में कोई नई चीज नहीं है. इसमें कोई अचरज नहीं है. नेता चुनाव जीतने के लिए तंत्र मंत्र का आज से नहीं, बल्कि काफी लंबे वक्त से सहारा लेते आए हैं. संभव है कि रंजीत रावत का कोई व्यक्तिगत स्वार्थ हरीश रावत पूरा न कर पाया हों, तभी वह इतने गंभीर आरोप लगा रहे हैं.