Tag: पीपलकोटी

एक ऐसी चोटी जहां भगवान शिव ने धारण किया था महेश रूप!

एक ऐसी चोटी जहां भगवान शिव ने धारण किया था महेश रूप!

धर्मस्थल
तुंगनाथ यात्रा, पहले पड़ाव की यात्रा कथा जे. पी. मैठाणी/ फोटो : पूनम पल्लवी ये हल्की – हल्की ठण्ड भरी 17 अक्टूबर की सुबह थी , हालांकि इस यात्रा के लिए – हरी , नरेन्द्र और पूनम के साथ दो महीने से तैय्यारी चल्र रही थी लेकिन बाद में सिर्फ फाइनली पूनम ही इस यात्रा के लिए पीपलकोटी आयी , और इसके साथ मैंने भी बहुत दिनों से जो सोचा था कि, तीन बार पहले भी चंद्रशिला जाने के मौके मिले थे लेकिन जा नहीं पाया. इस बार यह संभव हो पाया. पहले 2018 में पंचकेदार – मैराथन ट्रेक के दौरान भी मुझे चंद्रशिला से थोड़े से ही नीचे रुकना पड़ा था – और ऐसे ही हुआ था पिछले दो मौकों पर ( 1993 और 1997 ( ज्यादा उंचाई होने और ऑक्सीजन की कमी से एक ट्रेकर के नाक से खून निकलने लगा था ) जब बिलकुल चंद्रशिला के निकट था लेकिन पास से ही वापस आना पड़ा. लेकिन इस बार आखिरकार ऐसा समय आया जब पंचकेदार के एक शानदार- केदार बेहद आध्यात्...
पीपलकोटी : प्रशिक्षणार्थियों ने बनाये सुंदर, आकर्षक लैम्प शेड, बैग, डलिया और गिफ्ट बैग

पीपलकोटी : प्रशिक्षणार्थियों ने बनाये सुंदर, आकर्षक लैम्प शेड, बैग, डलिया और गिफ्ट बैग

चमोली
ग्रोथ सेंटर में 60 दिवसीय रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हिमांतर ब्यूरो, चमोली पीपलकोटी स्थित रिंगाल एवं वुडक्राफ्ट ग्रोथ सेंटर में जिला उद्योग केन्द्र एवं उद्योग निदेशालय द्वारा हिमालयी स्वायत्त सहकारिता के माध्यम से संचालित 60 दिवसीय रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर जनपद चमोली के जिलाधिकारी प्रतिनिधि बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए प्रभारी महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र चमोली विक्रम सिंह कुंवर ने कहा कि रिंगाल हस्तशिल्प के प्रोत्साहन हेतु संचालित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर माने जाने वाले हस्तशिल्पी परिवारों को सतत् रोजगार मिलेगा नहीं बल्कि उनके जीवन में उन्नति के नये द्वार खुलेंगे. उद्योग विभाग द्वारा ग्रोथ सेंटर पीपलकोटी के...
कोविड बचाव एवं राहत अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं से बढ़ाए हाथ

कोविड बचाव एवं राहत अभियान में स्वयंसेवी संस्थाओं से बढ़ाए हाथ

देहरादून
हिमांतर ब्यूरो, ​देहरादून पूरे देश की तरह उत्तराखंड में भी कोरोना कि दूसरी लहर का कहर बढ़ता जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार गुरुवार 13 मई, 2021 को कोरोना संक्रमण के 7127 नए मामले राज्य में दर्ज किए गए तथा 122 मरीजों की महामारी से मौत हो गई. विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा अपने अपने स्तर पर बचाव एवं राहत हेतु प्रयास किए जा रहे हैं. देहरादून स्थित पीपल्स साइंस इंस्टीटयूट (पी.एस.आई.) द्वारा भी पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी कोविड बचाव एवं राहत अभियान संचालित किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत संस्था के कार्य क्षेत्र ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग, बहादराबाद (हरिद्वार), कपकोट (बागेश्वर) तथा ताकुला (अल्मोड़ा) के लिए आज सुबह ही पल्स ऑक्सीमीटर, डिजिटल थर्मामीटर, पी.पी.ई. किट, आवश्यक दवाईयां (स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी की गई सूची के अनुसार), सैनिटाइजर, हैंडवाश तथा जागर...
खबर का असर: निजमुला घाटी पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

खबर का असर: निजमुला घाटी पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, चमोली जनपद चमोली के जिला मुख्यालय गोपेश्वर से बमुश्किल 26 किमी दूर स्थित बिरही वैली के कुछ गांवों में ग्रामीण बुखार से पीड़ित हैं. इस घाटी में पाणा, ईराणी, झिंझी, दूरमी, because पगना, सैंजी, गौंणा बगड़, निजमुुला, ब्यारा और गाड़ी गांंव हैं. विश्वस्त सूत्रों से जानकारी मिली है कि निजमुला घाटी के कुछ गांवों मेंbecause पिछले एक हफ्ते से बुखार का प्रकोप बढ़ गया है, लेकिन दूसरी ओर, यातायात बंद होने और बिरही घाटी में मूलभूत सुविधायुक्त कोई अस्पताल भी नहीं होने से स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह चरमाई हुई है. स्वरोजगार ग्रामीणों के बुखार से पीड़ित होने की सूचना पर आज रविवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उक्त घाटी में पहुंच कर ग्रामीणों के स्वास्थ्य की जांच की. विभाग ने 40 गांववासियों के because कोविड के सैंपल लिए और 100 से ज्यादा लोगों को दवाईयां दी गई. स्वरोजगार क्षेत्री...
चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली के लाल सांगा साइट एवं नागनाथ इंटर कॉलेज को बनाया जाए हैरिटेज साइट

चमोली
विश्व सांस्कृतिक विरासत दिवस वर्ल्‍ड हैरिटेज डे (18 अप्रैल) पर विशेष आगाज फेडरेशन ने बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट को दिया ज्ञापन जे.पी. मैठाणी आज विश्व हैरिटेज दिवस है. इस दिवस को मनाये जाने की पहल 18 अप्रैल 1982 में अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद द्वारा ऐतिहासिक महत्व के धरोहरों के संरक्षण तथा प्रोत्साहन के लिए किया गया था. इस दिवस को दुनिया भर में पुरानी सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक धरोहर जैसे- स्मारक, भवन, स्थापत्य कला, महत्वपूर्ण मानव निर्मित संरचनाओं के साथ-साथ पुराने पुरातत्विक महत्व के निर्माण कार्यों के लिए मनाया जाता है. विश्व हैरिटेज दिवस आज हम आपको उत्तराखण्ड के सीमांत जनपद चमोली के मुख्य कस्बे चमोली से गोपेश्वर जाते हुए मोटर पुल के दाईं ओर 1911 में अंग्रेजों द्वारा अलकनन्दा नदी (Alakananda River) पर बनाये गये पुराने पैदल पुल के खंडहरों और शानदार कटवा पत...
प्रकृति और जैविक उत्पादों से दिखाई स्वरोजगार की राह…

प्रकृति और जैविक उत्पादों से दिखाई स्वरोजगार की राह…

चमोली, देहरादून
अनीता मैठाणी स्थानीय संसाधन आधारित स्वरोजगार को मूल मंत्र मानने वाले निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे जगदम्बा प्रसाद मैठाणी वर्ष 1997 से अपने जन्म स्थान पीपलकोटी चमोली और उसके because आसपास स्वरोजगार के नवाचारी प्रयासों के लिए कृत संकल्प हैं. उनके ज्यादातर मित्र उन्हें जेपी के नाम से जानते हैं. शुरुआत में नेशनल एडवेंचर फाउंडेशन से जुड़े होने की वजह से एडवेंचर टूरिज्म और इकोटूरिज्म के प्रति सदैव because रूझान रहा. लेकिन वो जानते थे कि उत्तराखंड में इकोटूरिज्म या इससे मिलते-जुलते स्वरोजगार के संसाधन जैसे- जैविक उत्पाद, हस्तशिल्प, जड़ी-बूटी की खेती और फल तथा उद्यानिकी पहाड़ों में रोजगार उपलब्ध करा सकते हैं. उत्तराखंड उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार के ना होने की वजह से ही पलायन हो रहा है. इसलिए अगर स्थानीय संसाधनों जैसे उद्यानिकी, बायोटूरिज्...
ऋषिगंगा आपदा : 12 दिन में 3000 लोगों को कराया भोजन

ऋषिगंगा आपदा : 12 दिन में 3000 लोगों को कराया भोजन

चमोली
हिमांतर ब्यूरो, देहरादून 7 फरवरी 2021 को जनपद चमोली के धौली गंगा, तपोवन, ऋषिगंगा घाटी में ग्लेशियर टूटने की वजह से आयी बाढ़ के कारण भीषण तबाही हुई थी. इस आपदा में 205 से so अधिक लोगों के अकाल मृत्यु का आंकलन है. इस प्राकृतिक आपदा से पैंग, मुरूंडा, जुग्जु, जुवाग्वाड़ के अलावा चिपको की जननी गौरा देवी के गांव वल्ला रैणी और पल्ला रैणी में 5 लोगों की मृत्यु हुई, स्थानीय स्तर पर अभी तक 28 लोगों के शव बरामद हुए हैं. आपदा 15 फरवरी से 26 फरवरी तक कुल 12 दिन तक रैस्क्यू और बचाव के कार्यों में लगे एन.डी.आर.एफ., एस.डी.आर.एफ., भारत तिब्बत सीमा पुलिस but और उत्तराखण्ड पुलिस के जवानों के साथ-साथ सड़क और पुल निर्माण में लगे सीमा सड़क संगठन के कर्मचारियों और मजदूरों को नियमित रूप से दोपहर का भोजन कराते रहे. आपदा इस प्राकृतिक आपदा के तुरंत बाद प्रभावित क्षेत्र में राहत और बचाव के कार्य प्रारंभ ...
शिलाखर्क बुग्याल ट्रैक: रहस्य और रोमांच से भरा ट्रैकिंग स्‍पॉट

शिलाखर्क बुग्याल ट्रैक: रहस्य और रोमांच से भरा ट्रैकिंग स्‍पॉट

पर्यटन
कम और ना जाने, जाने वाले ट्रैंकिंग रूट - पार्ट-2 पांडव यहॉं बना रहे थे विशाल मंदिर, लेकिन... जे. पी. मैठाणी उत्तराखण्ड के सीमान्त जनपद चमोली की एक बेहद रोमांचक घाटी है पाताल गंगा घाटी. बायोटूरिज़्म पार्क पीपलकोटी से लगभग 11 किमी. की दूरी पर पाखी गरूड़गंगा, पनाईगाड, टंगणी और बेलाकूची के बाद एक छोटा सा 10-12 दुकानों का बाजार है जिसका नाम पातालगंगा है. संभवतः यह नाम देश की आजादी के बाद जब भारत-चीन बॉर्डर पर सड़कों का विकास हो रहा था, तब पड़ा होगा. उस दौरान 70 के दशक में अलकनन्दा घाटी की सबसे बड़ी बेलाकूची बाढ़ आई थी. उसके बाद पीपलकोटी से भंडीरपाणी के बाद सड़क का अलाइनमेन्ट बदल दिया गया और अब सड़क पाखी गरूड़ गंगा, पनाईगाड़ टंगणी से अपर बेलाकूची होते हुए एक ऐसे स्थान पर पहुँचती है जहाँ पर लॉर्ड कर्जन पास के जलागम से विभाजित होकर एक बड़ी जलधारा आती है. इस स्थान पर राष्ट्रीय राजमार्ग के बनने में ए...