पीपलकोटी : प्रशिक्षणार्थियों ने बनाये सुंदर, आकर्षक लैम्प शेड, बैग, डलिया और गिफ्ट बैग

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ग्रोथ सेंटर में 60 दिवसीय रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न

  • हिमांतर ब्यूरो, चमोली

पीपलकोटी स्थित रिंगाल एवं वुडक्राफ्ट ग्रोथ सेंटर में जिला उद्योग केन्द्र एवं उद्योग निदेशालय द्वारा हिमालयी स्वायत्त सहकारिता के माध्यम से संचालित 60 दिवसीय रिंगाल हस्तशिल्प प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता पूर्वक सम्पन्न हुआ. प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर जनपद चमोली के जिलाधिकारी प्रतिनिधि बतौर विशिष्ट अतिथि बोलते हुए प्रभारी महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र चमोली विक्रम सिंह कुंवर ने कहा कि रिंगाल हस्तशिल्प के प्रोत्साहन हेतु संचालित यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश के विकास में मील का पत्थर साबित होगा. इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर माने जाने वाले हस्तशिल्पी परिवारों को सतत् रोजगार मिलेगा नहीं बल्कि उनके जीवन में उन्नति के नये द्वार खुलेंगे.

उद्योग विभाग द्वारा ग्रोथ सेंटर पीपलकोटी के माध्यम से प्रशिक्षित हस्तशिल्पियों को सभी योजनाओं में लाभ दिया जाएगा. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि  बोलते हुए नगर पंचायत अध्यक्ष पीपलकोटी रमेश बंडवाल ने कहा कि रिंगाल हस्तशिल्प की वजह से पीपलकोटी का नाम संपूर्ण भारतवर्ष में जाना जाता है. उन्होंने कहा कि रिंगाल हस्तशिल्प की वजह से स्थानीय रोजगार में वृद्धि हुई और  युवाओं के लिए नौकरी के लिए पलायन नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने ग्रोथ सेंटर की स्थापना और उसके द्वारा संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की.

कार्यक्रम में आगाज़ फैडरेशन के अध्यक्ष जे.पी. मैठाणी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार और उद्योग निदेशालय द्वारा संचालित दो माह के प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं की भूमिका सराहनीय रही. यह पहली बार है जब 60 दिनों तक विभिन्न समूहों से जुड़ी महिलाओं ने प्रशिक्षण में भाग लिया. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित प्रभारी महा प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र से आग्रह किया कि रिंगाल हस्तशिल्प उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में रिंगाल की सरल उपलब्धता करने हेतु जिला उद्योग केन्द्र में अन्य रेखीय विभागों में तालमेल करने का सुझाव दिया. ग्रोथ सेंटर के प्रभारी एवं उत्तराखण्ड बांस एवं रेशा विकास परिषद के फील्ड मैनेजर आशीष सती ने नगर पंचायत अध्यक्ष से आग्रह किया कि पीपलकोटी नगर पंचायत में प्लास्टिक के बजाय रिंगाल के डस्टबिन और टोकरियां प्रयोग करने का सुझाव रखा. ताकि इससे हस्तशिल्पियों की आमदनी बढ़ाई जा सके. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य प्रशिक्षक रमेश रार (निफ्ट, कुल्लु) ने बताया कि 60 दिन चले प्रशिक्षण में 10 से अधिक प्रकार के उत्पाद जैसे लैम्प शेड, टोकरियां, गिफ्ट बास्केट, साइड बैग बनाना सिखाया गया.

ग्रोथ सेंटर के मास्टर ट्रेनर एवं हस्तशिल्प गुरू प्रदीप कुमार ने कहा कि अब रिंगाल हस्तशिल्पी किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. रिंगाल ही पहाड़ के रूडिया समुदाय की आर्थिकी का आधार है. प्रशिक्षण में भाग लेने वाले गुड्डी देवी, सविता देवी, गिरीश बंडवाल, पवन कुमार, विनय ने भी अपने विचार रखे. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 25 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लियाए जिनमें किरूली गाँव से गोदाम्बरी देवी, सविता देवी, कु0 ज्योति, बिमला देवी, सतेश्वरी देवी, सुमन देवी, अमृता देवी, गौरी देवी, महेन्द्र लाल, पवन कुमार, भरत, विनय कुमार, गिरीश लाल, होरी लाल, बलवीर लाल नौरख पीपलकोटी से से गुड्डी देवी, जयन्ती देवी, गोदाम्बरी देवी, सविता देवी, अक्षय कुमार, सरिता देवी आदि ने भाग लिया. कार्यक्रम के अंत में उद्योग निदेशालय और डी0सी0 हैंडिक्राफ्ट भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये टूल किट भी प्रशिक्षणार्थियों को बांटे गये. साथ ही लोन के इच्छुक लाभार्थियों के ऋण आवेदन पत्र भी भरे गये.

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