Tag: जगमोहन बंगाणी

पहाड़ के रंग, मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी के संग

पहाड़ के रंग, मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी के संग

कला-रंगमंच
शशि मोहन रवांल्टा दिल्ली के हौजखास विलेज में लोकायता आर्ट गैलरी (Lokayata Art Gallery) में 4 और 5 मार्च को एक चित्रकला प्रदर्शनी आयोजित होने जा रही है, जिसमें पहाड़ के दूर—दराज गांवों से आए हुए 20 युवा because नवोदित चित्रकार प्रदर्शनी के माध्यम से अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगे. इस प्रदर्शनी का आयोजन 'उद्यम' नाम की एक सामाजिक संस्था के सहयोग से किया जा रहा है. ज्योतिष 'पहाड़ के रंग' नाम से आयोजित चित्र प्रदर्शनी में because उत्तराखंड के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अलग—अलग गांवों से आए हुए नवोदित चित्रकार इस प्रदर्शन में हिस्सा ले रहे हैं. इस प्रदर्शनी में मुख्य भूमिका में उत्तराखंड के सीमांत जनपद उत्तरकाशी के मौंडा गांव के मशहूर चित्रकार जगमोहन बंगाणी हैं. ज्योतिष जगमोहन बंगाणी ने पिछले एक साल में उत्तराखंड के अल्मोड़ा, ऋषिकेश और मुक्तेश्वर में चित्रकला की दस—दस दिवसीय कला कार्यशाला...
कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला के प्रति संवेदनशीलता ही मनुष्यता को बचाएगी: जगमोहन बंगाणी

कला-रंगमंच, देहरादून
मनोहर चमोली ‘मनु’ जगमोहन बंगाणी की कूची से बनी पेंटिंग्स भारत से बाहर स्पेन, कोरिया, इंग्लैंड, जर्मनी जैसे देशों में उपस्थित हैं. कला के पारखी समूची दुनिया में हैं और वे अपने घरों-कार्यालयों में रचनात्मकता को भरपूर स्थान देते हैं. बंगाणी मानते हैं कि कला because आपके अपने अनुभव से आत्म-साक्षात्कार कराती है. वह स्वयं को जानने का एक असरदार साधन होती है. कला मन के भीतर चल रहे विचारों का प्रतिबिंब होती है. आप उसे बिना कहे हजारों शब्द दे सकते हैं. ज्योतिष कला के क्षेत्र में बंगाणी एक ऐसे चित्रकार हैं जो अभिनव प्रयोग के लिए जाने जाते हैं. लीक से हटकर अलहदा पेंटिग के लिए वह जाने जाते हैं. भारत के उन चुनिंदा चित्रकारों में वह एक हैं जो नए प्रयोग और दृष्टि के लिए प्रसिद्ध हैं. बंगाणी अब दिल्ली में रहते हैं. अलबत्ता उनकी जड़ें उत्तराखण्ड के मोण्डा, बंगाण से जुड़ी हुई हैं. हिमाचल because की संस्...
जगमोहन बंगाणी:  टेढ़ी-मेढ़ी रेखाओं के बीच जीवन का संघर्ष

जगमोहन बंगाणी: टेढ़ी-मेढ़ी रेखाओं के बीच जीवन का संघर्ष

कला-रंगमंच
एक चित्रकार के संघर्ष की कहानी शशि मोहन रवांल्टा सीमांत जनपद उत्तरकाशी के अंतिम छोर पर बसे मौंडा गांव में जन्में और गांव की ही पाठशाला में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद महानगरों का रूख किया. प्रारंभिक शिक्षा ग्रहण करने के दौरान ही मेरा झुकाव कला की ओर हो गया था. दैनिक जीवन की जरूरी वस्तुओं के लिए गांव से कई मील पैदल चलने के बाद हम स्थानीय बाजार में खरीददारी करने जाते थे. मैं जब अपनी किताबें लेने के लिए जाता तो अपनी कक्षा की किताबों के साथ—साथ कला की एक कॉपी के बजाए दो कॉपियां खरीद लाता था. because घर पहुंचने पर जब मां—बाप स्कूल से मिली किताबों की सूची से मिलान करते तो उन्हें कला की एक कॉपी बजाय दो कॉपियां मिलती थीं. इसके लिए माताजी से हमेशा सुनना पड़ता था कि because बिना सोचे—समझे दो कॉपियां उठा लाते हो. जबकि सारे बच्चे तो एक ही लाते हैं. चूंकि मैं बचपन से कुछ न कुछ चित्रका...
चित्रकला की आधुनिकता का सफर

चित्रकला की आधुनिकता का सफर

कला-रंगमंच
जगमोहन बंगाणी कला, हजारों वर्षों से हमारी भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने का एक माध्यम रही है. हालांकि कलाकार कला-रूपों के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते थे,  समय के साथ-साथ कला के रूपों में काफी बदलाव आया है. कला का निरंतर विकास, मानव के विकास को दर्शाता है और यह मान लेना भी आसान है because कि कला और मनुष्य एक दूसरे के साथ जुड़े हुए हैं. कला के रूप हमें विभिन्न कला आंदोलनों, कला- "वादों", संस्कृतियों और यहां तक कि कभी-कभी समाजों को भी जानने में मदद करते हैं. कलाकारों के निरंतर अन्वेषण ने कला के इतिहास में कई कला परंपराओं को विकसित किया और हर बार कलाकारों ने पिछली पीढ़ी की तुलना में कुछ अलग खोज की है. परंपराओं यदि हम कला के आधुनिकीकरण के बारे में सोचते हैं, तो हम पाएंगे कि यह कलाकारों के अन्वेषण का परिणाम था. आज भी लोगों के लिए आधुनिक कला से अपरिचित because बनकर टिप्पणी...