Tag: खादी

न्यू इंडिया में स्वदेशी को जीवंत करता हथकरघा

न्यू इंडिया में स्वदेशी को जीवंत करता हथकरघा

दिल्ली-एनसीआर
वीरेंद्र दत्त सेमवाल स्वदेशी की संकल्पना के साथ आत्मनिर्भर भारत में स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित कर अपने कारीगरों को सशक्त और स्वावलंबी बनाने के देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के संकल्प को निरंतर सिद्धि प्राप्त हो रही है. नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भारत मंडपम में नौवें हथकरघा दिवस समारोह का साक्षी बनने का सौभाग्य मिला. माननीय प्रधानमंत्री जी के साथ केंद्रीय मंत्री श्री पीयूष गोयल जी,श्री नारायण राणे जी और श्रीमती जरदौश सहित कई शीर्ष अधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद रहे. देश के विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों से लगभग तीन हजार से अधिक कारीगरों,बुनकरों और हथकरघा क्षेत्र से जुड़े कर्मवीरों की प्रदर्शनी का निरीक्षण कर प्रधानसेवक श्री  मोदी ने कई शिल्पकारों और  बुनकरों को सम्मानित किया . देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रगति मैदान में आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रीय हथक...
अपराध, खादी और खाकी

अपराध, खादी और खाकी

समसामयिक
मुद्दा मीडिया का डॉ. रुद्रेश नारायण मिश्र समाज के विरोध में या असामाजिक तत्त्वों में संलिप्त रहना अपराध है, पर जब यही अपराध, खादी और खाकी से अगर मिल जाए तो कई सवाल सामाजिकता को लेकर उठने शुरू हो जाते हैं. जिसका समयानुसार चिंतन भी होता है परंतु कितना कारगर, इस पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है, क्योंकि भूमिका सिर्फ अपराधी की नहीं बल्कि खादी और खाकी की भी हो जाती है. जो आर्थिक और मनोवैज्ञानिक कारणों की वजह से इस तरह की परिस्थितियों को जन्म देते हैं. भारत में अपराध, खादी और खाकी का संबंध आज का नहीं है. जाहिर है, इसकी छवि को बनाने के लिए कई बार राजनीतिक और सामाजिक सुधारों के नाम पर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति फैलाई जाती है. जिससे राजनीति के अपराधीकरण को बढ़ावा मिलता है. कई बार अपराधिक गतिविधियों में खादी और खाकी अपने लिए अवसर तलाशने लगते हैं. एक पक्ष में तो दूसरा विपक्ष में, परंतु सामाजिक संभ...