Tag: कोरोना महामारी

कोरोना महामारी और हमारा हेल्थ सिस्टम

कोरोना महामारी और हमारा हेल्थ सिस्टम

समसामयिक
कमलेश चंद्र जोशी कभी-कभी यूँ लगता है जैसे एक स्वप्न सा चल रहा है. जिसमें एक महामारी दुनिया भर में फैली है जिस वजह से लोग घरों में कैद है. ऐसा लगता है जैसे अभी सपना टूटेगा, आँख खुलेगी because और एक गहरी साँस भरते हुए दिल के किसी कोने से आवाज आएगी उफ़्फ क्या भयानक सपना था. सपने सपने में कई-कई बार तो यही होता है हमारे साथ कि हम खुद को बचाने के लिए छटपटा रहे होते हैं और आँख खुलते ही राहत महसूस करते हैं कि यह हकीकत नहीं है. becauseकाश कि यह महामारी सपना होती! लेकिन सपनों सी यह बीमारी जानलेवा हकीकत बन गई है जिस पर इंसान का बस नहीं चल रहा. हमारे पूरे सिस्टम की पोल इस बीमारी ने खोलकर रख दी है. साथ ही यह भी कि इंसानियत अभी मरी नहीं है. हजारों लोग हैं जो रात-दिन एक कर अपनी पूरी मदद लोगों तक पहुँचा रहे हैं. सपने आपको शायद याद न हो लेकिन जब चीन में महामारी फैलने की चटकारेदार खबरें भारतीय ...
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कोरोना में क्या काम कर रहे हैं RSS स्वयंसेवक

संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कोरोना में क्या काम कर रहे हैं RSS स्वयंसेवक

समसामयिक
ललित फुलारा, नई दिल्ली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर का कहना है कि वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान संघ के कार्यकर्ता सक्रिय तौर पर सामाजिक कार्यों में जुटे हुए हैं. आरएसएस कार्यकर्ता जरूरतमंदों को ऑक्सीजन सिलेंडरों की सप्लाई से लेकर जरूरी दवाओं की व्यवस्था करने में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस महामारी के because दौरान केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के साथ ही देशभर में संघ कार्यकर्ता भी अपने-अपने स्तर के कार्यों में लगे हुए हैं. संघ कार्यकर्ता इस विकट आपदा के दौरान डॉक्टरी सहायता मुहैया कराने में भी जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि संघ कार्यकर्ता सेवा भारती के जरिए देशभर के प्रभावित इलाकों में 12 प्रकार के कार्यों में जुटे हुए हैं. इनमें प्लाज्मा डोनेशन का कार्य भी शामिल है. भटकोटी संघ के कार्यकर्ताओं ने बनाये आइसोलेशन केंद्र आंबेकर ने बताया कि ...
लड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा

लड़ना होगा और आगे बढ़ना होगा

आधी आबादी
भावना मसीवाल एक ओर देश कोरोना महामारी से जुझ रहा है, दूसरी ओर अपराध की बढ़ती जघन्य से जघन्य घटनाएँ आपको भीतर तक उद्वेलित कर देती हैं. हम अपने आसपास कितने सुरक्षित हैं इसका अंदाजा लूटपाट, हत्या और यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं से लगाया जा सकता है. जिसमें बुजुर्ग से लेकर बच्चें तक असुरक्षित है. यह असुरक्षा घर से बाहर ही नहीं बल्कि घर के भीतर भी बढ़ी है. नेशनल क्राइम ब्यूरो रिपोर्ट के अनुसार पॉक्सो कानून के तहत 2017 में 32,608 और 2018 में 39,827 बाल यौन शोषण के मामले दर्ज हुए थे. इनके अतिरिक्त बहुत से मामले ऐसे भी होते हैं जिन्हें परिवार सामाजिक सम्मान की आड़ में दर्ज ही नहीं कराता है. नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रतिदिन 109 बच्चे यौन शोषण से शोषित होते हैं. 2018 में 21,605 बच्चों के साथ बलात्कार की घटनाएँ दर्ज हैं, जिसमें 21,401 लड़कियाँ व 204 लडकें हैं. यह आकड़ा बतात...
सुन रहे हो प्रेमचंद! मैं विशेषज्ञ बोल रहा हूँ

सुन रहे हो प्रेमचंद! मैं विशेषज्ञ बोल रहा हूँ

साहित्यिक-हलचल
प्रकाश उप्रेती पिछले कई दिनों से आभासी दुनिया की दीवारें प्रेमचंद के विशेषज्ञों से पटी पड़ी हैं. इधर तीन दिनों से तो तिल भर रखने की जगह भी नहीं बची है. एक से बढ़कर एक विशेषज्ञ हैं. नवजात से लेकर वयोवृद्ध विशेषज्ञों की खेप आ गई है. गौर से देखने पर मालूम हुआ कि इनमें तीन तरह के विशेषज्ञ हैं. वैसे तीनों कोटि के विशेषज्ञ नाभिनालबद्ध हैं. because अंतर बस आभा में है. तीनों की अंतरात्मा जोर देकर यही कहती है- प्रेमचंद पर भी पढ़ना पड़ेगा क्या? उन पर तो बोला जा सकता है. इस भाव के साथ ये प्रेमचंद की आत्म को बैकुण्ठ देने मैदान में उतर आते हैं. इन तीन कोटि के विशेषज्ञों के बारे में थोड़ा जान लें- ज्योतिष इनमें पहली कोटि के विशेषज्ञ वो हैं जिन्होंने सालों- साल से प्रेमचंद की कोई कहानी तक नहीं पढ़ी है. ये प्रथम कोटि के विशेषज्ञ हैं. ये पूर्वज्ञान के बल पर ही प्रेमचंद को निपटा देते हैं. because यह कोई ...
क्रूरता की पराकाष्टा, चीन की कूटनीतिक चाल

क्रूरता की पराकाष्टा, चीन की कूटनीतिक चाल

समसामयिक
प्रेम पंचोली दुनियाभर के अधिकांश देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे है। अपने अपने स्तर से लोग इस महामारी का मुकाबला कर रहे है। हालात ऐसी है कि विश्व पटल पर जनाधारित कार्यों निगरानी रखने वाले विश्व स्वास्थ्य संगठन की कार्रवाई भी मौजूदा समय में निष्क्रिय दिखाई दे रही है। ऐसा लोग सोसल मीडिया पर संवाद कायम कर रहे है। जबकि विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया के लोगों की सेवा के लिए एक निगरानी करने वाली विश्वसनीय संस्था है। यदि ऐसी संस्थाएं लोगों का विश्वास खो रही है तो मानवता खतरे में जा रही है। जिस पर आज ही सोचा जाना लाजमी है। वुहान शहर में आप जैसे प्रवेश करेंगे आपको 200 मी. लम्बी सुरंग से गुजरना पड़ता, ताकि आप पूर्ण रूप से सैनिटाईज होकर जाये। ये ऐसे सवाल हैं, जिन पर भरोसा किया जा सकता है। अर्थात चीन को मालूम था कि वे इस मानवजनित कोरोना वायरस से निपट लेंगे। सन्देह क्यों है? इसलिए कि वुह...