सूबे में बाल लिंगानुपात में हुआ व्यापक सुधार

सूबे में बाल लिंगानुपात में हुआ व्यापक सुधार

प्रति एक हजार बालकों के सापेक्ष 984 बालिकाओं ने लिया जन्म बाल लिंगानुपात में सुधार करने वाले शीर्ष राज्यों में उत्तराखंड शामिल देहरादून.  उत्तराखंड सरकार के निरंतर प्रयासों के चलते प्रदेश में बाल लिंगानुपात में व्यापक सुधार हुआ है. वर्ष 2015-16 की सर्वे रिपोर्ट में जहां सूबे में 0-05 आयु वर्ग तक के बच्चों का […]

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 हिमालय बचाओ : डॉ. जया पांडे ने दिलाई हिमालय संरक्षण की प्रतिज्ञा

हिमालय बचाओ : डॉ. जया पांडे ने दिलाई हिमालय संरक्षण की प्रतिज्ञा

‘हिमालय बचाओ पॉलीथिन हटाओ’ नारे के साथ ली प्रतिज्ञा अल्मोड़ा. राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार मानिला अल्मोड़ा (उत्तराखंड) के तत्वावधान में हिमालय दिवस कार्यक्रम आयोजन किया गया. डॉ. जया पांडे, प्राचार्य, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार, मानिला, अल्मोड़ा द्वारा महाविद्यालय के समस्त छात्र-छात्राओं, प्राध्यापकों तथा कर्मचारी वर्ग को संबोधित करते हुए, ‘हिमालय दिवस’ मनाए जाने के पीछे […]

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 राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मानिला के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, मानिला के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ

हिमांतर संवाददाता, अल्मोड़ा राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुणीधार, मानिला, अल्मोड़ा (उत्तराखण्ड) के तत्वावधान में पांच दिवसीय ‘शिक्षक पर्व’ का शुभारंभ किया गया. पांच दिवसीय शिक्षक पर्व के उद्घाटन सत्र में विचार गोष्ठी एवं  सह-नवागंतुक स्वागत समारोह की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जया पांडे द्वारा की गयी. अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में उन्होंने छात्रों को डॉ. सर्वपल्ली […]

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 भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

भ्रष्टाचार भी विशेषाधिकार है: सुनो मेरे राज्य के नौजवानो

प्रकाश उप्रेती पर्वतीय राज्य का सपना देखने वाले लोग भी किस मिट्टी के बने होंगे न! इस राज्य के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले लोगों का सपना क्या होगा, कैसी दृढ़ता उनके विचारों में होगी? क्या ये प्रश्न आपके दिमाग में नहीं आते because हैं. तब भी नहीं आते जबकि यह राज्य संसाधनों […]

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 उत्तराखंड की लोककला ऐपण को नए कैनवास पर उकेर कर बनाया ब्रांड ‘चेली ऐपण’

उत्तराखंड की लोककला ऐपण को नए कैनवास पर उकेर कर बनाया ब्रांड ‘चेली ऐपण’

आशिता डोभाल संस्कृति और सभ्यताओं because का समागम अगर दुनिया में कहीं है तो वह हमारी देवभूमि उत्तराखंड में है, जो हमारी देश—दुनिया में एक विशेष पहचान बनाते हैं, इसके संरक्षण का जिम्मा वैसे तो यहां के हर वासी का है पर इस लोक में जन्मे कुछ ऐसे साधक और संवाहक हैं जो इनको संजोने […]

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 पहाड़ों से विलुप्त होते घराट…

पहाड़ों से विलुप्त होते घराट…

खजान पान्डे परम्परागत तौर पर पहाड़ के लोगों की वैज्ञानिक सोच और दृष्टिकोण को देखना हो तो घराट जिसे घट भी कहा जाता है एक नायाब नमूना है. आधुनिकता की दौड़ में पहाड़ so और इसकी जीवनशैली से जुड़ी कुछ चीजें जो लगभग समाप्ति की और हैं उनमें घराट प्रमुख है. यूँ तो आज घर-घर […]

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 गढ़वाल की प्रमुख बोलियाँ एवं उपबोलियाँ

गढ़वाल की प्रमुख बोलियाँ एवं उपबोलियाँ

संकलनकर्ता : नवीन नौटियाल उत्तराखंड तैं मुख्य रूप सै गढ़वाळ और कुमौ द्वी मंडलूं मा बंट्यु च, जौनसार क्षेत्र गढ़वाळ का अधीन होणा बावजूद अपणी अलग पैचाण बणाण मा सफल रै। इले ही यु अबि बि विवादौकु बिसै च कि जौनसारी एक स्वतंत्र भाषा च कि गढ़वळी की एक उपबोली च। [उत्तराखंड को मुख्य रूप […]

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 लोक के रंग में रंगी कुमाऊं की होलियां

लोक के रंग में रंगी कुमाऊं की होलियां

चन्द्रशेखर तिवारी उत्तराखण्ड के अनेक पर्व व त्यौहारों ने स्थानीय गीत, नृत्य, गायन और संगीत को जन्म देकर यहां की सांस्कृतिक परम्परा को समृद्ध करने का कार्य किया है. यहां के पर्व त्यौहारों में धर्म, आस्था और संस्कृति का अद्भुत संगम तो दिखायी ही देता है साथ ही साथ इनमें सामूहिक सहभागिता, लोक जीवन की […]

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 धर्म को आडम्बरों से मुक्त करने वाले परमहंस

धर्म को आडम्बरों से मुक्त करने वाले परमहंस

श्रीरामचन्द्र दास की जन्मजयंती पर विशेष  डॉ. मोहन चंद तिवारी “धार्मिक मूल्यों के इस विप्लवकारी युग में जिस तरह से परमहंस श्री रामचन्द्रदास जी महाराज ने अपने त्याग और तपस्या के आदर्श मूल्यों से समाज का सही दिशा में मार्गदर्शन किया because तथा धार्मिक सहिष्णुता एवं कौमी एकता का प्रोत्साहन करते हुए श्री रामानन्द सम्प्रदाय […]

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 आस्थाओं का पहाड़ और बुबू

आस्थाओं का पहाड़ और बुबू

प्रकाश उप्रेती मूलत: उत्तराखंड के कुमाऊँ से हैं. पहाड़ों में इनका बचपन गुजरा है, उसके बाद पढ़ाई पूरी करने व करियर बनाने की दौड़ में शामिल होने दिल्ली जैसे महानगर की ओर रुख़ करते हैं. पहाड़ से निकलते जरूर हैं लेकिन पहाड़ इनमें हमेशा बसा रहता है। शहरों की भाग-दौड़ और कोलाहल के बीच इनमें ठेठ […]

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